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करियर में कारगर गुड लुक्स

By: Team Aapkisaheli | Posted: 11 Sep, 2012

करियर में कारगर गुड लुक्स
वैसे तो हुस्त्र वालों के जलवे इतने हैं कि उन्हें यहां बयां करना पॉसिबल नहीं है, लेकिन अब तो यह बात साबित हो गई है। खास बात यह है कि वैसे भले ही महिला और पुरूषों में भेदभाव हो, लेकिन अट्रैक्टिव नजर आने वाले मेल और फीमेल दोनों को ही इसका फायदा मिलता है। अमेरिका में हुई, एक स्टडी के मुताबिक, अट्रैक्टिव मेल और फीमेल नॉर्मल लुकिंग एंप्लॉयीज की कंपेयर में 10-15 प्रतिशत ज्यादा सैलरी पाते हैं। जबकि वे काम बाकी वर्कर्स जितना ही करते हैं।
अट्रैक्ट करने में माहिर
ब्यूटी एक्सर्पट के मुताबिक अट्रैक्टिव लोग, ऎवरेज लु़क्स से कमतर लोगों से करीब 3-4 पसेंट ज्यादा सैलरी पाते हैं। बेटर-लुकिंग पीपल प्रॉडक्ट्स बेचने और नए कस्टमर्स को अट्रैक्ट करने के मामले में आगे होते हैं। हालांकि वह यह भी सजेस्ट करते हैं कि अगर आपके लुक्स खास नहीं हैं, तो आप ऎसा पेशा कतई मत चुनिए, जहां लुक्स मैटर करते हों। बेहतर होगा कि आप अपनी स्ट्रेंथ को जानकर, उसके मुताबिक प्रफेशन सिलेक्ट करें। वहीं, एक स्टडी में यह भी बताया गया है कि ओवरवेट लोगों को भी अपॉइंटमेंट के दौरान डिस्क्रिमिनेशन को झेलना प़डता है। खासतौर पर ओवरवेट महिलाओं को। यही नहीं, जॉब के मामले में अच्छी हाइट वाली महिलाओं को प्रिफरेंस दी जाती है।
मुनाफा ही मुनाफा
बेशक, आपको रोजना लाइफ में सब जगह खूबसूरत लोगों को नोटिस किया जाता है। बेशक, उनका काम भी दूसरों की कंपेयर में ज्यादा दिखाई देगा। फिर आगे चलकर प्रमोशन और सैलरी हाइक में भी इसका असर दिखता है। हालांकि एक्सपर्ट्स का कहना है कि गुड लुक्स का असर फैशन, ग्लैमर और हॉस्पिटैलिटी जैसे इंडस्ट्रीज में ही ज्यादा होता है। आईटी जैसे फील्ड्स में आपके स्टनिंग लुक्स से कंपनी को क्या मिलेगा? इसलिए वह भी आप पर कोई खास मेहरबानी सिर्फ इस वजह से नहीं करेगी कि आप दिखने में बहुत सुंदर हैं। सोशियॉलजिस्ट का माना है कि इंटरनैशनल लेवल पर ऎसी स्टडीज सही हो सकती हैं, लेकिन हमारे देश में ब्यूटिफुल होने का मतलब वर्कप्लेस में प्रजेंटेबल होना ही है। वैसे भी, सॉफ्ट स्किल्स में हम वेस्टर्न कंट्रीज जितने काबिल नहीं हैं। ऎसे में, इन क्वलिटीज में बेहतर एम्प्लॉयीज को आगे बढ़ने में लुक्स की वजह से समझौता करना प़डे, ऎसा हर जगह नहीं हो सकता।
बदले ब्यूटी रूल्स
हालांकि लुक्स के बेस पर भेदभाव थो़डा कॉम्प्लकेटेड मसला जरूर है। लेकिन इस बारे में यह भी ध्यान देने वाली बात है कि समय के साथ ब्यूटी के स्टैंडर्ड्स बदले हैं। अब ब्यूटिफुल होने के मायने केवल यह नहीं हैं कि आपके फेशियल फीचर्स बढि़या हों, बल्कि आपकी पूरी पर्सनैलिटी ज्यादा मायने रखती है। ऎसे में, अगर आप नेचरली एवरेज पर्सनैलिटी वाले हों, तब भी कुछ बातों को ध्यान में रखकर अट्रैक्टिव बन सकते हैं। और फिर अट्रैक्शन तो आपके अंदाज में होता है। फिर चाहे वह बातें करने में, उठने-बैठने में और बिहेवियर किसी में भी हो।
रहें अट्रैक्टीव
भले ही, आपको ऑफिस में बस कंप्यूटर पर खिट-पिट करनी हो, लेकिन स्मार्ट दिखने से कॉम्प्रोमाइज न करें। आप ग्लैमरस प्रोफेशन में नहीं हैं, तो क्या हुआ। स्मार्ट दिखने में कोई बुराई नहीं है। अपना वर्क प्रोफाइल ड्रेस सेंस के हिसाब से ही रखें। स्मार्ट दिखें, स्टाइलिश नहीं। वर्कप्लेस में हाईजीन का पूरा खयाल रखें। वेल-ग्रूम्ड दिखना अच्छी बात है। अपने सॉफ्ट स्किल्स पर मेहनत करें। वर्कप्लेस में यही चीजें आपका अट्रैक्शन बढ़ाती हैं। आप क्या कहते हैं। इससे कहीं ज्यादा महत्व यह रखता है कि आप कैसे कहते हैं। इसलिए अपने बातें करने के अंदाज को इंप्रूव करें।
पॉस्चर और जेस्चर
पॉस्चर और जेस्चर का मतलब है कि अगर आपको ऑफिस में बात करने का सलीका नहीं है और अगर आपकी बॉडी लैंग्वेज लंगूर-टाइप है, तो सारी ब्यूटी का कब़ाडा हो जाता है। इसलिए ब्यूटी के साथ-साथ आप अपनी बॉडी लैंग्वेज भी ध्यान दें। नफासत से उठना-बैठना और हाव-भाव में बेहतरीन अंदाज आपको भी़ड से अलग कर देते हैं। इन कॉलिटीज को आप प्रफेशनल हेल्प लेकर सीख भी सकते हैं। अपने कॉन्फिडेंस लेवल पर वर्क करें। कॉन्फिडेंस ऎसी क्वलिटी है, जो सौन्दर्य को और बढ़ा देती है।

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