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कॉर्पोरेट में छाया गो ग्रीन फंडा

By: Team Aapkisaheli | Posted: 01 Mar, 2013

कॉर्पोरेट में छाया गो ग्रीन फंडा
ग्रीन कॉलर जौब्स जो आपका फ्यूचर तो बनता ही है साथ ही साथ वातारण के प्रति आपकी जिम्मेदारी का निवार्ह करने में भी आपकी हैल्प करते हैं। इंडिया में आजकल ऎसे ग्रीन कॉलर वर्कर्स की डिमांड बहुत बढती नजर आ रही है।

शुरूशुरू में इस सेग्मेंट में एनजी कंजर्वेशन क्षेत्र की नौकरी ही आते थे, लेकिन अब हर वह जौब अपर्चुलिटी जो एन्वायरन्मेंट कंजर्वेशन से सम्बन्धित हो, ग्रीन कॉलर नौकरियों की लिस्ट में आती है।
ग्रीन कॉलर वर्कफोर्स की डिमांड क्लाइमेट चेंज साइंस, प्रोजेक्ट फाइनेंस, कृषि, इन्वेस्टमेंट बैंकिग एण्ड टेक्नोलॉजी डेवलपमेंट एण्ड डिप्लॉयमेंट, पौलिसी एण्ड रेगुलेटरी स्टडीज एण्ड अफेयर्स आदि क्षेत्रों में बढ रही है।

इंडिया में ग्रीन वर्कफोर्स की बढती मांग

भारतीय अर्थव्यवस्था को डी-कार्बनाइज करने की प्रक्रिया में लाखों ग्रीन कॉलर जौब्स पैदा होने वाली हैं। ग्रीन कॉलर जौब्स का क्षेत्र इतना व्यापक है कि इसमें अन्य क्षेत्रों के प्रोफेशनल्स के लिए भी बेजोड चांस हैं और आने वाले कई वषों तक इस क्षेत्र में ग्रोथ की असीम सम्भावनाएं हैं।

इंडिया ग्रीन इकोनौमी बनने की राह पर चल चुका है। आने वाले वक्त में यहां मनुफैच्करिंग, मार्केटिंग और मैनेजमेंट के क्षेत्रों में ग्रीन कॉलर की नौकरियों को बोलबाला होने वाला है। यह भी एकदम सच बात है कि ग्रीन कॉलर जौब्स उनके लिए बेहतरीन साबित होंगे जो वैकल्पिक कैरियर विकल्प तलाश रहे हों।

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