इन्द्रधनुषी छटा बिखेरती जुल्फें
By: Team Aapkisaheli | Posted: 10 Aug, 2012
काली जुल्फों का जमाना अब कल की बात हो कर रह गया है। आज दौर है फैशन का, हर कोई चाहता है कि वे अपनी बोरिंग लाइफ से निकलकर कुछ नया और इंट्रस्टींग ट्राई करें। अगर आप भी अपनी सिम्पल और पुराने लुक से उकता गये हैं। तो क्यों ना आप भी इन्द्रधनुषी छटा अपनी जुल्फें में बिखेरे।
अगर बाल रंगने हैं, तो मेंहदी ना लगाएं। मेंहदी से बालेंमें रूखापन आएगा और बालों में कलर भी नहीं चढ पाएगा।
अगर दोमुंहें बालों की समस्या है, तो बालों को रंगवाने से पहले ट्रिमिंग करा लें।
बालों में कलर की फिनिशिन्ग अच्छी तरह से आएगी। अगर स्कैल्प की स्किन संवेदनशील है और पार्लर में कलर करा रही हैं, तो इसके बारे में अपनी हेअर एक्सपर्टको बताएं।
बालों में कलर करती हैं, बालों को पर्म या स्टे्रट भी कराना चाहती हैं, तो इसे मेंटैन करने में एक्स्ट्रा केअर काने की जरूरत है। पर्मिंग या स्टे्रटनिंग में बहुत से रसायनों को प्रयोग किया जाता है।
बालों पर ये तकनीक अपनायी गया हैं, तो बाल कलर करने से पहले ब्लीज कराने से बचें।
अगर स्कैल्प पर दाने हो रहे हैं, तो उनके ठीक होने के बाद ही बालों में कलर कराएं। बिना कैमिकल वाले कलर एक बार शैम्पू करने पर ही फीके पडने लगते हैं।
аबार-बार बाल रंगवाने से बालों की प्राकृतिक चमक व लचीलापन खत्म होने लगता है। पहली बार बाल रंगवाते समय हो सकता है कि आपको बाल रूखे लगें।
अकसर इस वजह से बाल वेवी व घुंघराले भी हो जाते हैं, लेकिन कन्डीशनर के प्रयोग से इनकी सेहत लौटायी जा सकती है। बाल रंगने से पहले पैच टेस्ट करके जरूर देखें, ताकि पता चल सके कि कहीं स्किन पर रंग का कोई नकारात्मक प्रभाव तो नहीं पड रहा है। इसके लिए कोहनी की अन्दरूनी तरफ रंग लगाएं और 15-20 मिनट के लिए रहने दें, फिर धो दें।
अगर स्किन पर कोई एलर्जी होती है, तो उस रंग को इस्तेमाल में ना लाएं किसी दूसरी कम्पनी का रंग लें और आजमा कर देखें।
बालों में अच्छी कम्पनी के कलर प्रयोग ना करने पर बालोंको काफी नुकसान पहुंच सकता है, क्योंकि रंगों में किसी ना किसी रूप में रसायन मिलाए जाते हैं। ये रसायन क्यूटिकल्स को खोलते हैं, जिससे रंग कोटें№क्स बालों के हर स्टै्रंड में पायी जानेवाली अन्दरूरी परत तक पहुंच सके। इससे रंग बालों में काफी समय तक टिका रहता है।