एलर्जी पड सकती है आप पर भारी
By: Team Aapkisaheli | Posted: 18 Oct, 2012
एलर्जी किसी भी उम्र में हो सकती है, लेकिन बच्चों में यह कॉमन होता है। हेरेडेटी का भी इसमें खास रोल होता है। मतलब यह कि आपके परिवार में अगर किसी को एलर्जी है, तो यह आपको भी हो सकती है। इसके साथ ही यह भी हो सकता है कि आपके माता-पिता दोनों को ही एलर्जी हो, लेकिन आप इसके शिकार न हों। आपके आसपास का माहौल भी इसके लिए काफी हद तक जिम्मेवार है। कई बार स्मोक, पल्यूशन और हामोंस-एलर्जी के कारण होते हैं।
एलर्जी हमारे इम्यून सिस्टम का अबनॉर्मल रिस्पॉन्स है। आप कुछ भी खाते हैं या जो अप्लाई करते हैं, यह उसका रिऎक्शन भी हो सकता है।
आइये जानते हैं इनसे बचने के उपाय- आमतौर पर मोल्ड, पॉलेन या एनिमल डैंडर से एलर्जिक रिऎक्शन होता है। सांस लेने या खाने के दौरान इनसे हमारा एक्सपोजर होता है।
आंखों से पानी आना या खुजली होना, स्त्रीजिंग, बहती नाक, रैशेज, रेड पैचेज के साथ रैशेज या फिर थकान महसूस करना- एलर्जी के सामान्य लक्षण हैं। कई बार आपको पता नहीं चल पाता कि एलर्जी हो गई है, बस थोडा थका हुआ महसूस करते हैं।
हल्के लक्षण से जहां आपको बुखार या कोल्ड हो सकता है, वहीं गंभीर लक्षण से ज्यादा बीमार पडने की आशंका रहती है।
गंभीर एलर्जिक रिऎक्शन पूरी बॉडी में इचिंग, ब्रेदलेसनेस, थ्रोट में टाइटनेस, हाथों और पैरों में सिहरन लेकर आता है। एलर्जी के कारणों में दूध, नट्स, व्हीट्स और एग्स सबसे कॉमन हैं। सबसे अच्छी बात तो यह रहेगी कि आप ऎसी चीजों को अवॉइड करें, जिनसे आपको एलर्जी होती है।
हां, अगर गलती से खा ही लिया तो तुरंत डॉक्टर की सलाह लीजिए। अगर घर में किसी को एलर्जी की प्रॉब्लम है तो और भी जल्दी चेंज कीजिए। हर दो सप्ताह के बाद घर के परदे बदल डालें। कपडों और परदों को गर्म पानी में धोइए। इसमें कुछ बूंदें यूक्लिप्टस ऑयल की डालने से कीडे-मकोडे नहीं रहेंगे। पेट्स के साथ खेलते समय केयरफुल रहें। बदलते सीजन में एलर्जिक रिऎक्शन का ज्यादा ध्यान रखना चाहिए।