कानून मंत्री को मनमाने तरीके से लक्ष्मण रेखा खींचने का अधिकार नहीं : चिदंबरम
By: Team Aapkisaheli | Posted: 12 May, 2022
नई दिल्ली । सुप्रीम कोर्ट के देशद्रोह कानून पर समीक्षा होने तक रोक लगाने
के बाद पूर्व केंद्रीय गृह मंत्री पी. चिदंबरम ने केंद्रीय कानून मंत्री
किरेन रिजिजू के लक्ष्मण रेखा वाले बयान पर निशाना साधा है। चिदंबरम ने
गुरुवार को ट्वीट किया, भारत के कानून मंत्री को मनमाने ढंग से लक्ष्मण
रेखा खींचने का कोई अधिकार नहीं है, उन्हें संविधान के अनुच्छेद 13 को
पढ़ना चाहिए।
विधायिका ऐसा कानून नहीं बना सकती जो मौलिक अधिकारों
का उल्लंघन करता है। कई कानूनी विद्वानों के विचार में राजद्रोह कानून,
संविधान के अनुच्छेद 19 और 21 का उल्लंघन करता है। राजा के सभी घोड़े और
राजा के सभी लोग उस व्यवस्था को नहीं बचा सकते।
रिजिजू ने बुधवार को कहा था कि देशद्रोह कानून पर रोक लगाने के सुप्रीम कोर्ट के फैसले का सभी को सम्मान करना चाहिए।
अदालत
के आदेश पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए, उन्होंने कहा कि सरकार ने अपनी
स्थिति बहुत स्पष्ट कर दी है, कि एक लक्ष्मण रेखा है जिसका राज्य के सभी
अंगों द्वारा सम्मान किया जाना चाहिए।
हमने अपनी स्थिति बहुत स्पष्ट
कर दी है और अपने पीएम के इरादों के बारे में अदालत को सूचित भी किया है।
हम अदालत और इसकी स्वतंत्रता का सम्मान करते हैं। लेकिन एक लक्ष्मण रेखा
(रेखा) है जिसका राज्य के सभी अंगों को सम्मान करना चाहिए।
उन्होंने कहा, हमें यह सुनिश्चित करना होगा कि हम भारतीय संविधान के प्रावधानों के साथ-साथ मौजूदा कानूनों का भी सम्मान करें।
सुप्रीम
कोर्ट ने बुधवार (11 मई) को देशद्रोह कानून के इस्तेमाल पर रोक लगा दी और
केंद्र और राज्यों की सरकारों को निर्देश दिया कि जब तक कानून की समीक्षा
नहीं हो जाती, तब तक देशद्रोह के आरोप लगाने वाली कोई नई एफआईआर दर्ज नहीं
की जाए।
--आईएएनएस
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