शादी का भविष्य - सेक्स बनाम जुनून                             
                                                                        
                                                                        
                                               
   By: Team Aapkisaheli | Posted: 09 Nov, 2017
    
        
        शादी
 का भविष्य-सेक्स बनाम जुनून:- इक्सीवी सदी हमारे लिए प्रतिदिन कम्प्यूटर ,
 इंटरनेट, सेल फोन इत्यादि जैसी नई प्रोद्योगिकियों को लाई हैं। सारी 
दुनिया के लोग इस बदलाव को अपना चुके है और यह भी मानते है कि नई तकनीकियों
 के बिना इस जीवन की कल्पना भी नही की जा सकती है। जमाना बदल चुका है और इस
 अकल्पनीय सामाजिक परिवर्तन के साथ समाज में सबसे ज्यादा असर विवाह जैसे एक
 सामाजिक बंधन के सफल होने पर प़डा हैं। 		 
		 
		
अगर इतिहास के पन्नों को पलटा जाए तो समाज द्वारा बनाए गए विवाह बंधन 
ज्यादा सुरक्षित थे क्योकि विवाह-बंधन में बंधे जो़डो व उनके परिवारों को 
समाज के डर से ही सही इसे निभाना  प़डता था। 
 क्या आपको लगता है मानव स्वभाव के लिए सामाजिक बंधन एक सही अवधारणा है? 
क्या कुछ समय पहले तक हम खुले रूप से समलैंगिकता की कल्पना कर सकते है? आज 
दुनिया में जहॉं एक ही लिंग विवाह को कानूनी जामा पहनाया जा रहा है वही 
दुनिया के कुछ देशों में आज भी तलाक, महिलाओं के अधिकार या गैर पांरपरिक 
यौन संबंधो को नही अपनाया गया है। क्या यही एक सभ्य सामाज है जहॉं साठ 
प्रतिशत से अधिक तलाक सिर्फ विवाह संबंधो में क़डवाहट के कारण हुए है। क्या
 आप सोच सकते है कि बाकी बची चालीस प्रतिशत शादियों में बिना मर्जी के हुई 
शादियां जिन्हे कुछ आपसी वित्तीय और सामाजिक दायित्वों की वजह से साथ रहने 
वाले मजबूरी है, शामिल है। 
आज की दुनिया में जहॉं गोपनीयता आम लोगों और मशहूर हस्तियों के लिए पहली 
प्राथमिकता है वही यह भी सच है कि आंक़डो के अनुसार कई भागीदारो तथा 
विवाहेतर संबंधो को जीने का माध्यम व आवश्यकताएं बनाने वालो की संख्या बहुत
 अधिक है। आज की भागती और एकाकी जीवन की दुनिया  मे यौन-संबंधो को लेकर 
स्ट्रेस बढ़ता जा रहा है जिसका परिणाम यह है कि इसे प्यार संबंध से ज्यादा 
शारिरिक आवश्यकता समझा रहा है और इसके लिए कैसे भी रिश्ते को मंजूरी दी जा 
रही है जिसका सीधा असर विवाह-संबंधो पर प़डा रहा है।
इस स्थिति में अपने साथी से किया गया बादा कि ""जब तक मौत जुदा  नही करेगी 
हम प्यार करेंगे।"" कहॉं तक यार्थधवादी और  सार्थक है। सेक्स का जुनुन लोगो
 पर इस कदर हावी है कि स्त्री-पुरूष के इस संबंध को आज समलैंगिक संबंधो में
 बेझिझक बदला जा रहा है।  क्या हम इस माहौल में जहॉं जिंदगी हर पल एक नया 
रूप ले रही है विवाह-संबंधो को पूरी ईमानदारी से बचा पाएगे, शायद नही 
क्योंकि, इंटरनेट की इस खुले संचार की दुनिया में, साइबर काइम को बढ़ावा 
देने वाली व्यवसायिक परिप` डेंटिग साइट्स आपको किसी अंजान व्यक्ति से विशेष
 संबंध बनाने की पूरी आजादी प्रदान कर रही है। भारत सहित अनेक देशो में 
साइबर क्राइम की बढ़ती दर से विवाह-संबंधो का भविष्य खतरे में प़डता जा रहा
 है। भविष्य में ""विवाहेतर संबंधो की जीवनशैली"" चाहे प्यार की नई अवधारण 
बन जाए परन्तु विवाह जैसे नाजुक रिश्तो को बचाने के लिए हम सभी को बहुत 
मेहनत करनी प़डगी।
		
      
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