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ज्यादा रोक-टोक पसंद नहीं यंग जनरेशन को

By: Team Aapkisaheli | Posted: 06 Jun, 2012

ज्यादा रोक-टोक पसंद नहीं यंग जनरेशन को
तकनीकता ने जहां हमारी जिंदगी को आसान कर दिया है वहीं इसका असर यंग जनरेशन बहुत अधिक दिखाई पडता है। ऎसा लगता है, जैसे यह एक रॉबोट की तरह हर समय मशीनों पर काम करते रहना ही इनका धर्म है। इन्हें ज्यादा किसी से बातचीत करना पसंद नहीं, इसके साथ ही इन्हें अपने करियर या काम में किसी और की दखलअंदाजी पसंद नहीं आती। फोन पर दोस्तों से तो घंटों बात कर लेते हैं वहीं रिश्तेदारों के साथ बातचीत करने के लिए इनके पास समय नहीं या फिर किस टॉपिक पर बात करनी है यह पता ही नहीं होता। तो जानते है यंग जनरेशन की लाइफस्टाइल के बारे में ।
जिस दिन ऑफिस नहीं जाना हो और अगर कहीं इन्हें घर पर रूकना पडे तो यह जल्दी बोर हो जाते हैं। किसी रिश्तेदार के घर जाना इन्हें बिल्कुल पसंद नहीं आता। भुले भटके अगर कभी इनके घर किसी मेहमान के आने की सूचना इन्हें मिलती है तो इनका सबसे पहला प्रश्न होता है कि यहां क्यों और कब तक के लिए आ रहें हैं।
यंगस्टर्स दोस्तों के साथ चाहे जितना समय बिता लेगें लेकिन यह घर में जल्दी ही बोर हो जाते हैं। परिवारों के साथ भले ही समय न बिताएं लेकिन अपने दोस्तों के साथ उनके परिवार के सुख-दुख में जरूर शामिल होते हैं। दोस्तों के साथ कितना भी वक्त गुजार लेते हैं। इन्हें वक्त का कुछ पता ही नहीं चलता, लेकिन अगर किसी अवसर पर शादी या पार्टी में इन्हें 4-5 दिन परिवार के साथ रहना पडे तो ये बुरी तरह से उकता जाते हैं।
कारण
आज के समय में माता-पिता दोनों ही काम करने जाते हैं शाम को घर आते ही इतने थक जाते है कि बच्चाों के लिए समय ही नहीं निकल पाते उनसे बात करना या कुछ पूछने का उनके पास समय ही नहीं होता। दूसरी ओर बच्चो इतने व्यस्त होते हैं कि कभी होमवर्ककभी प्रोजेक्ट बनाने में व्यस्त रहते हैं। माता-पिता और बच्चाों के पास आपस में बात करने का समय ही नहीं होता। माता-पिता दोनों के ऑफिस जाने से बच्चो के साथ एक बडी समस्या यह होती है कि उसके साथ बात करना वाला उसकी भावनाओं को समझने के लिए कोई उसके पास नहीं होता है, तो ऎसे में वे अपने दोस्त को ही अपना हमदर्द समझने लगता है। जिससे वे अपनी अच्छी-बुरी बात बिना किसी संकोच के कर लेता है। ऎसे में दोस्त ही उनके सबसे नजदीक हो जाते हैं वो ही उनकी पूरी दुनिया हो जाते हैं। यंगस्टर्स पूरे तौर किसी भी बंधन में ना बंधन का एक कारण ये भी है, कि पढाई के तुंरत बाद किसी दूसरे शहर में जॉब लग जाती है और ऎसे में वे माता-पिता व घर से दूर रहने लगते है। वहां कोई उन्हें रोक-टोक करने वाला तो होता नहीं, वे अपनी लाइफ को पूरी आजादी से जीते हैं उनका जीने का अपना ही एक तरीका हो जाता हैं जिसे वे अपनी इच्छानुसार जीते हैं।
ऎसे में शादी जैसे शब्द का नाम सुनते ही वे घबरा जाते हैं और शादी को एक बडी जिम्मेदारी मानते लगते हैं। यही कारण आज विवाह इतनी देर से हो रहे हैं। माता-पिता के समझने को और उनके द्वारा अनुशासन को गलत मतलब से लेेने लगते हैं। हर बात में जनरेशन गैप से जोडने लगते हैं। माता-पिता कुुछ समझते हैं तो ऑडर बताने लगते हैं। आज के दौर में सोशल नेटवर्किग इतनी बढती जा रही है कि ऎसा लगता है, जैसे बच्चाों की तो सारी की सारी दुनिया ही यही है। पूरे दिन कंप्यूटर के जरिए वे दुनिया भर से जुड जाते हैं। कभी होमवर्क, प्रोजेक्ट फाइल तो कभी, यहां तक कि एक-दूसरे की भावनाओं को भी नेटवर्किग पर समझने लगे हैं। एक-दूसरे की हर छोटी से छोटी बात आराम से कंप्यूटर के माध्यम से शेयर करते हैं, लेकिन जैसे ही इस दुनिया से बाहर आए नहीं, परेशानी, तनाव का अनुभव करने लगते हैं।
वे पुराने जमाने और इंटरजनरेशन के बीच भिन्नताएं को अधिक महसूस करने लगते हैं। सोशियोलॉजिस्ट की राय में, आजादी तो इंसान का जन्मसिद्ध अधिकार है और यह हक कोई किसी से नहीं ले सकता। बदलाव तो प्रकृति का नियम है जो कल था, वो आज नहीं, समय तो बदलता रहता है, साथ ही माहौल भी बदलता रहता है। तो ऎसे में यंगस्टर्स में कैसे परिवर्तन नहीं आएगा। आज के यंगस्टर्स के व्यवहार पर गौर करें, तो पता चलता है कि वे उनमें बडी तेजी से बदलाव आया है। जैसे वह दुनिया की हर चीज अपनी मुठी में कर लेना चाहते हैं, ऎसे में अगर उनको अपनों से कितना भी दूर क्यों ना होना पडें वे खुशी-खुशी हो जाते हैं। अपने लक्ष्य को पाने के लिए वे कुछ भी कर लेते हैं।
दोस्त ही उनका अपना परिवार है, दोस्तों से मिलने के लिए वे रात-दिन एक कर देते हैं, क्योंकि परिवार में रहकर रिश्तों के बंधन से उन्हें उलझन होती है और दोस्तों के साथ आजादी महसूस करते हैं। इसका मतलब यह नहीं कि आज समय में यंगस्टर्स किसी भी प्रकार से अपने परिवार का ख्याल नहीं रखते। अकसर देखने में आता है कि जब कभी जरूरत पडने पर वे ना तो परिवार की किसी जिम्मेदारी से पीछे हटते हैं, बल्कि उसे अपनी पूरी जिम्मेदारी के साथ निभाते हैं। यंगस्टर्स अपनी पर्सनल लाइफ में किसी ओर की दखलअंदाज बस पसंद नहीं है। ये समझदार और सहनशील भी अधिक है बस परिवार के लोगों को थोडा सा समझने की जरूरत हैं।

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