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योगा करें और टूटे दिल को जोडें

By: Team Aapkisaheli | Posted: 02 Apr, 2012

 योगा करें और टूटे दिल को जोडें
जिसे दिल से चाहा, वही दिल तोड दे तो कोई क्या करेक् ऎसे में योगासन करें ताकि जिंदगी खुशगवार बन जाए। मन बार-बार पुरानी बातों को याद कर बेचैन हो जाए तो कैसे लगाएं ब्रेकक् ब्रेकअप होने के बाद हर समय दिमाग में बीती घटनाएं और उससे जुडी बाते चलती रहती हैं जो मन को और भी अधिक विचलित कर देती हैं, अपने मन व दिमाग को शांत करने के लिए सुबह या शाम,जब भी वक्त मिले,खुली हवा व शांत माहौल में बैठकर ध्यान मुद्रा करे। ध्यान मुद्रा क पद्मासन, सुखासन या वज्रासन में बैठ जाएं। क दोनों हथेलियों को जांघों पर एक-दूसरे पर इस तरह रखें कि हथेलियां ऊपर की ओर हों। क पीठ तनी हुई हो और आंखें बंद। क सांसों पर ध्यान केद्रित करे। क यदि आपका मन भटक रहा हो तो एक गहरी सांस लें और सारे विचारों को अपने दिमाग से झटक दें। पुन: सामान्य अवस्था में आ जाएं। रोजाना प्रेक्टिस करने से आप 5 से 7 मिनट तक अपना ध्यान केंन्द्रित करने में सफल हो पाएंगे। कैसे होता है असर चंूकि सामान्य सांस लेने की प्रक्रिया में सौम्य ध्वनि उत्पन्न होती है इसलिए इस पर ध्यान केंद्रित करने के लिए ज्यादा प्रयास की जरूरत होती है, ऎसे समय में दिमाग में कोई और विचार नहीं आ पाते और नकारात्मक या परेशान करने वाले विचारों से हम दूर रहते हैं। उदासी व निराशा से घिर जाने पर क्या करे जिसे आप बेइंतहा प्यार करते हैं, वही आपको धोखा दे जाए और हमेशा के लिए दूर हो जाए तो मन में दुख व निराशा का होना लाजमी है। अत: अपने मन में उत्साह व शरीर में ऊर्जा लाने के लिए भ्रामरी प्राणायाम करें। भ्रामरी प्राणायाम क एक कुर्सी पर बैठ जाएं या फर्श पर मैट बिछाकर पैरो को क्रॉस करके बैठ जाएं। अब ज्ञान मुद्रा करें। यानी तर्जनी को अंगूठे के सिरे पर स्पर्श कराएं। हाथों को घुटने पर रखें। क आंखें बंद करें। नाक से गहरी सांस लें, फिर मुंह से हम्म्म्म्म... की आवाज करते हुए धीरे-धीरे सांस छोडें। आप अपने शरीर मे एक वायब्रेशन (कंपन)महसूस करेगे। वायब्रेशन की क्षमता बढाने के लिए अंत में ज्यादा दबाव देते हुए सांस छोडें।
क इस प्रक्रिया को 7-11 बार दोहराएं। कैसे होता है असर गहरी सांस लेने से शरीर को ऑक्सीजन मिलती है,जो कोशिकाओं का पुननिर्माण करती हैं, एक प्रकार से यह दिमाग के लिए थेरेपी का काम करता है और मूड को ठीक रखता है। हम्म्म्म्म... यह आवाज एक खास तरह की साउंड फ्रीसी के कारण निकलती है, जो शरीर में कई सॉफ्ट वायब्रेशन पैदा करती है। पर ठीक वैसे ही प्रभाव पडता है, जैसा शरीर पर मसाज करने से पडता है। इससे आपको आराम मिलता है और निगेटिविटी दूर होती है।
साथ ही आपको महसूस होगा कि आपका सारा तनाव धीरे-धीरे खत्म होता जा रहा है और एक नई ऊर्जा शरीर में प्रवाहित हो रही है। आत्मविश्वास बढाएं रिश्तों के टूटने पर दर्द तो होता ही है, अलग होने से रिजेक्शन (अस्वीकार) किए जाने की व हीन भावनाएं भी आती हैं जिससे आत्मविश्वास की कमी हो जाती है। अपने खोए हुए आत्मविश्वास को पाने के लिए नटराजन आसन करें। नटराजन आसन क अपने दाएं पैर को उठाएं और पीछे की ओर ले जाएं। घुटनों से मोडें और पैर के अंगूठे को दाएं हाथ से पकडें।
क बाएं हाथ को आगे बढाएं और सिर के ऊपर की ओर तानें। बांहें कान को स्पर्श करें व अंगुलियां आगे की ओर हों।
क इस पोजीशन मे रहते हुए 2-3 मिनट तक शरीर का बैलेस बनाए रखें। क सामने किसी एक ही बिंदु पर ध्यान कन्द्रित करे।
क इस प्रक्रिया को बाएं पैर के साथ भी दोहराएं। कैसे होता है असर इस आसन द्वारा आपको शारीरिक व मानसिक दोनों रूप से रिलेक्सेशन मिलता है जिससे अनावश्यक विचार दिमाग मे नही आते, इसके अलावा आपका दिमाग व शरीर दोनो एक दिशा में परफेक्ट को-ऑर्डिनेशन के रूप में काम करते हैं। जैसे-जैसे आप इस आसन को ज्यादा देर तक बैलेंस बनाते हुए करते हैं, वैसे-वैसे आपको महसूस होगा कि आपका आत्मविश्वास दुगना हो गया है। हर पल को जी भर जीएं अक्सर लोग दिल टूटने के बाद बार-बार अपनी पिछली बातों को याद करते रहते हैं कि कब,कैसे उनसे ये गलती हो गई। अब ऎसी गलतियां नही दोहराएंगे आदि। लेकिन बार-बार अतीत के बारे मे सोचकर वे अपने वर्तमान को और भी कष्टकारी बना देते हैं। इसके लिए निद्रा आसन यानी शवासन करें। निद्रा आसन क पीठ के बल लेट जाएं। पैरो को ढीला छोड दें और पूरे शरीर को आराम दें। क पैरों की पोजीशन ऎसी होनी चाहिए कि एडियां आपस में मिले और अंगूठों के बीच दूरी रहे।
क बांहें शरीर से सटी हुई हों। हथेलियां ऊपर की ओर हों। उंगलियां हल्की सी अंदर की ओर मुडी हों।
क आंखें बंद कर लें। शरीर के हर भाग पर ध्यान केंद्रित करें। शुरूआत दाएं पैर के अंगूठे से करें और धीरे-धीरे शरीर के ऊपर के हर हिस्से पर तथा अंत में चेहरे व सिर पर ध्यान केंद्रित करे। अब यही प्रक्रिया बाएं पैर से दोहराएं। कैसे होता है असरक् पीठ के बल लेटने से पूरे शरीर को आराम मिलता है। शरीर के हर अंग पर ध्यान केद्रित करने से उस अंग में रक्त प्रवाह होता है और ऊर्जा बढती है। पल्स व हार्ट रेट भी कम होती है। इस स्थिति में आप एक निर्णय पर पहुंचते हैं कि जो कुछ है वर्तमान है, अतीत कुछ नहीं। जब आप उठते हैं तो ज्यादा एनजें№टिक महसूस करते हैं और अपने आपको वर्तमान से जुडा हुआ पाते हैं।

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