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सिरदर्द की गोलियां ही बनीं सिरदर्द

By: Team Aapkisaheli | Posted: 17 Nov, 2012

सिरदर्द की गोलियां ही बनीं सिरदर्द
सिरदर्द से छुटकारा पाने के लिए दर्द निवारक गोलियों का यूज करने वाले लोगों के लिए एक बुरी खबर है। ब्रिटेन में सिरदर्द से छुटकारा पाने के लिए गोलियां का सहारा लेने वाले लगभग दस लाख लोगों को इससे छुटकारा तो नहीं मिला, बल्कि वह इन गोलियों का लगातार सेवन करने से स्थायी रूप से सिरदर्द की चपेट में आ गये। इंग्लैंड और वेल्स में स्वास्थ्य सुविधाएं देने वाले नेशनल इंस्टीट्यूट फॉर हेल्थ एंड क्लीनिकल एक्सीलेंस नाइस के दिशा-निर्देशों में कहा गया कि दर्दनिवारक गोलियां सिरदर्द और माइग्रेन की समस्या से निजात दिलाने की जगह चीजों को और खराब कर देती हैं।
नाइस द्वारा जारी रिपोर्ट में बताया गया कि लगातार सिरदर्द से परेशान 50 में हर एक व्यक्ति इससे छुटकारा पाने के लिए अधिक मात्रा में दवाइयां लेने के कारण इसके चंगुल में फंस जाते हैं। रिपोर्ट में बताया गया कि समस्या उस समय शुरू होती है जब तनाव और हल्के सिर दर्द से राहत पाने के लिए लोग दर्दनिवारक दवाओं का सेवन करने लगते हैं कभी-कभी यह मददगार भी साबित होता है, लेकिन कुछ लोग तादाद से अधिक मात्रा में दवाइयों का सेवन करने लगते हैं और ऎसे में स्थिति सुधरने की जगह और खराब होती जाती है। राष्ट्रीय स्त्रायुरोग एवं स्त्रायुचिकित्सा अस्पताल में स्त्रायुविज्ञानी मंजीत मथरू ने कहा कि माइग्रेन का इलाज आसान नहीं है, लेकिन लोगों को दर्दनिवारक गोलियां लेनी तुरंत बंद कर देनी चाहियें। उन्होंने कहा गोलियां लेनी बंद करने के शुरूआती दो तीन सप्ताह बेहद कष्टकारी प्रतीत हो सकते हैं।
हालांकि अगर इस दौरान कार्यालय, चिकित्सकों और घर से लोगों को पूरा समर्थन मिलता रहे तो हमने देखा है कि 80 फीसदी लोग इस चरण को सफ्लतापूर्वक पार कर जाते हैं।
उल्लेखनीय है कि ब्रिटेन में एक करोड लोग रोजाना अथवा कभी-कभी सिरदर्द की समस्या से पीडित रहते हैं। हर 25 व्यक्तियों में से एक व्यक्ति चिकित्सक से संपर्क करता है। इसके अलावा माईग्रेन की वजह से रोजाना एक लाख लोग कार्यालय अथवा स्कूल से छुट्टी लेते हैं।

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