जब रोमांस के लिए न हो टाइम	 
   By: Team Aapkisaheli | Posted: 26 Nov, 2013
    बदलती लाइफस्टाइल-
        
        बदलती लाइफस्टाइल- ज्यादातर लोग अपने ऑफिस के काम, वर्क कमिटमेंट्स, फैमिली डिमांड्स और दोस्तों के साथ वक्त बिताने में अपना पूरा समय निकाल देते हैं। 95 प्रतिशत लोग पाचन क्रिया की तकलीफों से गुजर रहे हैं और 62 प्रतिशत ऎसे हैं, जिनकी सेक्स में रूचि कम हो गई है। 10 में से 6 लोग वीकएंड पर कुछ भी करना पसंद नहीं करते लेकिन फिर भी उनका पूरा वक्त शॉपिंग, फैमिली की जरूरतों और दोस्तों के साथ बीत जाता है। हर पांच में से एक व्यक्ति ऎसा होता है जो वीकएंड पर भी ऑफिस का काम घर ले जाता है। भागदौड की जिंदगी की यही देन है कि 61 प्रतिशत लोग रात के खाने के लिए सिर्फ 15 से 30 मिनट का वक्त निकाल पाते हैं और 80 प्रतिशत लोग रात में बहुत ज्यादा शराब पीते हैं। घबराहट, बेचैनी व धैर्य न होना इस लाइफस्टाइल की सबसे बडी देन है। बढती हैल्थ प्रॉब्लम्स और तनाव सीधे-सीधे सेक्स लाइफ पर असर डालते हैं। जिंदगी की जरूरी बातों के लिए वक्त नहीं, लेकिन काम के बाद दोस्तों के लिए,शॉपिंग के लिए वक्त निकालना जरूरी व मजबूरी बन गया है। बढते तनाव को कम करने के लिए पार्टनर से बातचीत, शेयरिंग और सेक्स की जगह अब लोग शराब का सहारा लेने लगे हैं, क्योंकि पार्टनर के पास भी वक्त नहीं है। दोनों ही थककर घर आते हैं। दोनों ही वर्कलोड महसूस करते हैं। शाम तक एनर्जी लेवल इतना कम हो जाता है कि सेक्स की इच्छा ही नहीं रहती। वीकएंड पर घर के बाकी बचे जरूरी काम करने होते हैं या फिर बच्चें हैं तो उन्हें वक्त देना होता है। अगले हफ्ते की तैयारी, सब्जी, बैंक का काम या घर की साफ-सफाई, कपडे, बर्तन में ही पूरा वीकएंड बीत जाता है। शाम को मन किया तो मूवी देखी जा सकती है लेकिन सेक्स के लिए फिर भी टाइम और मूड दोनों ही नहीं बचते।