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जरूरी है मौसमी फल-सब्जियां खाना

By: Team Aapkisaheli | Posted: 17 Apr, 2012

जरूरी है मौसमी फल-सब्जियां खाना
मौसमी सब्जियां ना केवल खनिज तत्वों से भरपूर होती हैं, बल्कि इनमें मौसम की प्रतिकूलताओं से लडने की क्षमता होती है। मौसम के मुताबिक सब्जियां शरीर को ठंडक और गरमाहट देती हैं। रोज विटामिन और खनिज तत्वों को लेने का सबसे बेहतरीन तरीका सलाद है। सलाद के पत्ते खाने से न केवल भरपूर मात्रा में एंटी ऑक्सीडेंट मिलते हैं बल्कि इससे पेट के भरे होने का एहसास होता है। स्वस्थ और छरछरी काया के लिए दिन में कम से कम 2 बार सलाद खाएं। सलाद के पत्ते विटामिन ए, सी, ई और पोटेशियम, आयरन, कैल्शियम और दूसरे खनिज तत्वों से भरपूर होते हैं। सलाद के पत्ते जितने हरे होंगे, उतने पोषक तत्वों से भरपूर होंगे। सलाद की पत्तियां चुनते समय देख लें कि वे ताजी और कडक हों। उन पर लगी मिट्टी और कीडों को पानी से धो कर साफ किया जा सकता है। लेकिन जो पत्तियां मुरझायी हुई हों या पीली पड गई हो, उन्हें ना लें। पनीर और दूसरी ताजी-कटी सब्जियों के साथ इन सलाद के पत्तों को मिलाकर खाना स्वास्थ्यकारी होता है। कम कैलोरीवाले इस सलाद को खाने से चौगुना फायदा होता है।
खीरा : खीरे का इस्तेमाल सलाद के रूप में करते हैं। यह क्षारीय और खनिज तत्वों से भरपूर होता है। इसमे पोटेशियम होता है जो हाई ब्लड प्रेशर के शिकार लोगों का ब्लड प्रेशर कम करने में मदद करता है। खीरा खाने से खूब पेशाब आता है। यह अल्सर के इलाज में प्रभावकारी है।
मूली : नेचुरोपैथ इसे बहुत उपयोगी मानते हैं। इसमें विटामिन सी, सोडियम और कैल्शियम होने की वजह से पीलिया या कमजोर लिवर के रोगियों को खाने के लिए दी जाती है। इसकी तीखी गंध होती है। अगर सलाद बनाते समय सब्जियों के साथ इसके पत्तों को भी मिलाकर लिया जाए तो इसकी गंध कम हो जाती है।
शिमला मिर्च : लाल और हरी शिमला मिर्च विटामिन सी का बेहतरीन स्त्रोत हैं। सलाद बनाते समय इसे भी इस्तेमाल में लाया जा सकता है।
करेला : सुबह खाली पेट 1 छोटा चम्मच कच्चो करेले का जूस लेने से ब्लड शुगर का स्तर तेजी से सामान्य हो जाता है। यह केवल डाइबिटीज से पीडित लोगों के लिए ही प्रभावकारी नही है। चूंकि यह शरीर पर क्षारीय प्रभाव डालता है, इसलिए शरीर से विषैले तत्वों को भी बाहर निकालता है। करेले में कॉपर, आयरन और पोटेशियम होता है। इसे खाने का सबसे अच्छा तरीका यह कि इन्हें प्रेशर कुकर में स्टीम दिलवाएं और फिर इसमें भरावन भर कर प्याज के साथ भून कर खाएं।
भिंडी : इसमें पेक्टोस होने की वजह से यह क्षारीय होती है और जिलेटिन की वजह से एसिडिटी, अपच के शिकार लोगों के लिए लाभकारी मानी जाती है। यह शरीर को ठंडक पहुंचाती है। जिन लोगों को पेशाब से संबंधित समस्याएं होती है उन्हें डाक्टर खासतौर से भिंडी खाने की हिदायत देते हैं।
पोदीना : पोदीने की पत्तियां कच्चाी खाने से शरीर की सफाई होती है व ठंडक मिलती है। यह बहुत ही गुणकारी होता है। ताजा पोदीना एंजाइम्स से भरपूर होता है। यह पाचन मे सहायता करता है। अनियमित मासिकधर्म की शिकार महिला के शरीरिक चक्र में प्रभावशाली ढंग से संतुलन कायम करता है। यह भूख खोलने का काम करता है। पोदीने की चाय या पोदीने का अर्क लिवर के लिए अच्छा होता है और शरीर से विषैले तत्वों को बाहर निकालने में बहुत ही उपयोगी डिटॉक्सीफायर का काम करता है। मेंथॉल ऑइल पोदीने का ही अर्क है और दांतो से संबंधित समस्याओं को दूर करने में मददगार होता है। पोदीने मे लोहा, फॉस्फोरस, सल्फर और क्लोरीन होता है। इसका सबसे बेहतर इस्तेमाल इसे धनिए की पत्तियों के साथ चटनी के रूप में खाना है। इसे धनिए की पत्ती, प्याज, काले नमक और काली मिर्च के साथ चटनी के रूप में खाना सबसे अच्छा होता है। चाहें, तो सलाद बनाने के बाद उसे पोदीने की पत्तियों से सजा कर खाएं।
मशरूम : चाइनीज काले मशरूम को खाने से ट्यूमर नही होता। यहां मिलने वाले मशरूम भी खनिज तत्वों से भरपूर होते हैं। मशरूम खासतौर से उन लोगों को खाने के लिए दिए जाते हैं, जिनके लिपिड और कोलेस्ट्राल में असंतुलन होता है।
बैंगन : बैंगन मे पोटेशियम, सल्फर, क्लोरीन, थोडा-बहुत आयरन और विटामिन सी होता है। जो लोग वायु विकार के शिकार होते हैं, उन्हें बैंगन खाने चाहिए। आयुर्वेद के अनुसार आर्थराइटिस के रोगियों को इस सब्जी के अलावा आलू-टमाटर से परहेज करना चाहिए। बैंगन खाने से कोलेस्ट्राल कम होता है और खट्टी डकारें भी दूर होती है।
मटर : इसमें सल्फर, फास्फोरस, क्लोरीन और पर्याप्त मात्रा में आयरन होता है। मटर ब्लड शुगर को नियंत्रित करता है। यदि इसे अनाज और दालों के साथ खाया जाए तो इसके बेहतरीन परिणाम देखने को मिलते हैं। यदि केवल मटर को अधिक मात्रा में खाया जाए तो यह पाचन के लिए अच्छा नही होता। लिपिड को कम करने के लिए मटर एक अच्छी सब्जी है। इसे खाने से ओवेरियन कैंसर नहीं होता है।
सीताफल : यह खनिज तत्वों से भरपूर होता है। कच्चो सीताफल का रस विषैले तत्वों को बाहर निकालने, एसिडिटी दूर करने और वजन कम करने के लिए दिया जाता है। प्रोस्टेट की बीमारी के इलाज के लिए सीताफल के बीज खाने चाहिए। इसमें आयरन, मैंगनीशियम, सेलेनियम और फास्फोरस होता है। जिन लोगों का पेट गरमी के मौसम में गडबडा जाता है, उनके लिए यह बहुत अच्छा है।
आलू : आलू में विटामिन सी और बी 6, पोटेशियम, फास्फोरस, मैगनीशियम, आयरन, कॉपर और रेशा होता है। चंूकि ये अत्यधिक क्षारीय होते हैं, इसलिए इन्हें गर्मियों में खाना अच्छा होता है। इनके छिलके एंटी ऑक्सीडेंट से भरपूर होते हैं, इसलिए इन्हें छीलकर नहीं खाना चाहिए। इन्हें उबालकर या भूनकर खाना अच्छा होता है, क्योंकि तब इसके विटामिन और खनिज तत्व अधिक मात्रा में बरकरार रहते हैं। यूरिक एसिड बढने पर कच्चो आलू का जूस पीना चाहिए।
लौकी, तोरी और टिंडा : ये सब्जियां खनिज तत्वों से भरपूर होती हैं। क्षारीय होने के कारण शरीर को ठंडक पहुंचाती हैं। अकसर हम इन्हें खाना पसंद नहीं करते, पर ये बहुत फायदेमंद होती हैं, इन्हें अपने भोजन में शामिल करने के लिए इन्हें बनाने की नयी-स्वादिष्ट रेसिपी मालूम करें। कश्मीरी डिश मखनी बनाने के लिए लौकी को बडे टुकडों में काट कर दही में पका कर खाएं। हरे बींस, फ्रेंच बींस और फ्लैट बींस : हरे बींस कॉपर, मैंगनीज, जिंक, मैगनीशियम और सोेडियम से भरपूर होते हैं। ये सभी खनिज शरीर के लिए जरूरी होते हैं। हरे बींस फाइबर से भरपूर होते हैं, जो कोलेस्ट्राल को कम करने में मददगार होते हैं। अधिकतर हरी सब्जियां कैरोटिन, राइबोफ्लेविन और नियासिन से भरपूर होती है।
प्याज : प्याज बहुत ही उपयोगी सब्जी है। इसमें एंटी बैक्टीरियल गुण होते हैं। यह खून मे विषैले तत्वों को बाहर निकालता है। इसकी सब्जी बनाकर खाने से बुखार, कफ और कोलेस्ट्रॉल कम होता है। सल्फर की वहज से इनसे तीखी गंध आती है। कच्चाा प्याज खाने से कोलेस्ट्रॉल का स्तर बढता है। प्याज और अदरक का रस अस्थमा के रोगियों के लिए अच्छा होता है। प्याज खाने से खून पतला होता है और लिवर की बीमारियों के लिए अच्छा माना जाता है। इसमें कोई दो राय नही है कि प्याज खाने के बाद मुंह से गंध आने लगती है, लेकिन पोदीने की पत्तियां खाने से इस गंध को दूर किया जा सकता है।
टमाटर : दिन में रोज एक टमाटर खाएं और बीमारियों को दूर भगाएं। टमाटर विटामिन ए, सी, फोलेट, पोटेशियम, फाइबर और दूसरे सभी तरह के सुरक्षात्मक एंटी ऑक्सीडेंट बहुतायत में मिलते हैं। इसे खाने से ब्लड प्रेशर नियंत्रण मे रहता है और प्रतिरोधक क्षमता बढती है, जिससे कोल्ड और फ्लू नहीं होता। टमाटर प्राकृतिक सनस्क्रीन का भी काम करता है। इसे खाने से धमनियों और दिल के रोग की समस्याएं नही होती। यह बढती उम्र को रोकने में मददगार फ्री रेडिकल्स लाइकोपेन और बीटा कैरोटिन से भरपूर होते हैं। अगर टमाटरों को थोडा गरम करके या फिर थोडी सी चिकनाई के साथ खाया जाए, तो यौवन को संरक्षण प्रदान करने वाले पोषक तत्वों में इजाफा होता है।

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