वास्तु टिप्स जो लाएंगे आपके घर में समृद्धि
By: Team Aapkisaheli | Posted: 09 Mar, 2012
रिश्तों में मिठास बनी रहें तथा जिन्दगी में खुशनुमा अहसास बना रहें, यह तभी संभव है जब घर में सुखसमृद्धि हो, घर व्यावसायिक प्रतिष्ठान आदि का निर्माण वास्तु यदि सम्मत है, तो अच्छा है, विपरीत है तो विघA बाधाओं का सामना करना पड सकता है। घर में वास्तु के नियमों का पालन करके सुख शान्ति, समृद्धि के साथ-साथ उत्साह, उमंग व उल्लास का माहैल बनाया जा सकता है। इसके लिए कुछ टिप्स इस प्रकार हैं- प्रवेश द्वार अत्यन्त सजा हुआ अथवा सुशोभित होना चाहिए इससे मान-सम्मान में वृद्धि होती है। प्रवेश द्वार अन्य दरवाजों से ऊंचा व बडा होना चाहिए। प्रवेश द्वार के सामने किचन पाचन संबन्धी बीमारियों को जन्म दे देता है तथा रोग प्रतिरोधक क्षमता कम करता है। यदि किचन का स्थान परिवर्तन संभव ना हो तो दरवाजे पर चिक या परदा लगा दें। प्रवेश द्वार पर तोरण बांधना शुभ होता है। प्रवेश द्वार जहां तक हो सके अन्दर की ओर ही खुलने चाहिए बाहर खुुलने से धनाभाव व बाधाएं आती रहती हैं। घर का द्वार धरातल से नीचा ना हो। घर में किसी भी दरवाजे पर दर्पण लगाने से बचें। यह स्थिति कभी भी हानिकारक हो सकती है। नैर्ऋ त्य और वायव्य कोण द्वार न बनवायें। द्वार खोलते या बंद करते समय आवाज का होना शुभ सूचक नहीं है। प्रवेश द्वार से नीचे की ओर उतरती सीढियां अवनति का प्रतीक हैं। इससे उबरने के लिए फर्श ऊंचा उठवायें तथा सीढियां खत्म कर दें। अगर यह संभव नहीं है, तो सीढियां पर हरे-भरे पौधों से युक्त गमले रख दें। नकारात्मक ऊर्जा दूर होगी। दरवाजे के चौखट के ऊपर, आगे या पीछे दोनों तरफ बीच में या चौखट की पूरी चौडाई में घडी या कैलेडर न लगाएं। यह समय के सूचक होते हैं। जिसका संबंध मनुष्य की आयु से रहता है। अत: यह शुभ नहीं है। अपने घर में चित्र शुभ सूचक दर्शाने वाले ही लगाएं। हिंसक, सेक्सी, उजडे बाग-बगीचे, टूटे घर, खंडहर आदि के चित्र न लगायें। घर में जुडवां बत्तख व हंस के चित्र लगाना लगाना श्रेष्ठ रहता है। पूजा में भगवान श्री गणपति जी का चित्र अवश्य रखें। जिसकी सूंड आप देखें, तो आपके सीधे हाथ की तरफ होनी चाहिए। मूर्ति का रंग भी सुनहरा हो तो श्रेष्ठ है।
घर में कुल देवता का चित्र होना अत्यन्त शुभ होता है, इसे पूर्व या उत्तर की दीवार पर लगाना श्रेष्ठकर होता है। जहां तक हो सके पूजाघर का द्वार लकडी का ही बनवायें लोहे या टिन का नहीं। पूजाघर शौचालय के ठीक ऊपर या नीचे ना हो। भूलवश भी भगवान की तस्वीर नैर्ऋ त्य कोण में ना रखें। इससे बनमे कायोंü में रूकावटें आती हैं। घर में रखी धार्मिक पुस्तकों, बच्चाों की किताबोे व व्यापार में उपयोग आने वाले रजिस्टर इत्यादि पर शुभ चिन्ह अवश्य लगाएं। चिन्ह सही व सुन्दर अवस्था में ही लगे हों। बच्चाा जिस तरफ मुंह करके पढता हो, उस दीवार पर मां सरस्वती का चित्र लगाएं। पढाई में रूचि जागृत होगी। खाली दीवार बच्चो की कल्पनाशक्ति को कमजोर करती है। स्टडी टेबल पर किताबें बिखरी हुई नहीं होनी चाहिए। एकाग्रता भंग होती है। रसोई में गुड रखना हमेशा सुख शान्ति का प्रतीक माना जाता है। रसोई में टूटे-फूटे बर्तन ना रखें। घर में अशान्ति बनी रहती है। रसोई में तीन चकले कलेश बढाते हैं। रसोई में अंधेरे में चूल्हा ना जलायें अशुभ होता है। नमक व हल्दी साथ न रखें मतिभ्रम की संभावना रहती है। उत्तर मुखी रसोई में खर्च बढता है।
रसोई का मुंह पूर्व दिशा में ही होना चाहिए। रसोई घर में पवित्रता व स्वच्छता मन्दिर मे समान होनी चाहिए। मां अन्नपूर्णा की कृपा बनी रहती है। पूर्व की ओर मुख करके खाने से मनुष्य की आयु बढती है। बेडरूम में उत्तर-पश्चिम क्षेत्र कटा हो तो पति-पत्नी में किसी की सेहत खराब रहती हैं। ऎसे में वहां छोटा शीशा टांग दें। पति-पत्नी ऊर्जावान महसूस करेंगे। डबलबेड पर एक गद्दा डालें। संभव ना हो तो गद्दौं के किनारे आपस में जोड दें। अन्नभंडार, गौशाला, रसोई व मन्दिर के ऊपर शयनकक्ष नहीं होना चाहिए। ईशान कोण में टॉलेट का होना अत्यन्त अशुभ है, इससे निश्चित रूप से कोई न कोई बाधाएं बनी रहती हैं।
इन्हें यहां से हटाने के सिवाय दूसरा कोई उपाय नहीं है। अगर मकान एक से अधिक मंजिलों का हो तो गृहस्वामी का शयन घर ऊपरी मंजिलों में होना चाहिए। गेस्ट रूम का स्थान उत्तर-पश्चिम में होना चाहिए। समृद्धि बनाए रखने के लिए घर या दफ्तर के दक्षिणी-पूर्वी भाग में क्रिस्टल रखें। ऑफिस मेे आपकी कुर्सी के पीछे दीवार जरूर होनी चाहिए, ये आपको निर्णय लेने की क्षमता प्रदान करती है।
रोजगार ना होने क ी स्थिति में अपने घर में पानी के बहाव की स्थिति देखें। उत्तरी-पूर्वी हिस्से में पानी का बहाव होने से आर्थिक स्थिति सुदृढ होती है। भूलकर भी शीशा पश्चिम या दक्षिण की दीवार पर ना लगाएं। शीशा उत्तर या पूर्व की दीवार पर लगाएं, ऎसा करने से प्रगति जल्दी होती है। एक्सपायर्ड मेडिसीन रात में ही फेकें, इससे घर में बीमारी का आना कम हो जाता है। मकान बनवाते समय सबसे पहले बोरिंग, फिर चौकीदार का कमरा फिर बाहरी दीवार बनवायें, इससे काम समय पर पूरा होता है। पूर्व या उत्तर में तुलसी अवश्य लगाएं। इससे घर में शारीरिक, मानसिक व आर्थिक लाभ बना रहता है।