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जादू का काम करता है धन्यवाद

By: Team Aapkisaheli | Posted: 01 Mar, 2013

जादू का काम करता है धन्यवाद
लाइफ में नाजाने कई ऎसे क्षण जरूर आते हैं, जब हमें दूसरों की हैल्प लेनी पडती है। ऎसे में शिष्टाचार हमें यह सीखता है कि हैल्प का हाथ थामने में ना हिचकिचाएं, बल्कि सामने वाले के प्रति कृतज्ञता दर्शाना और उसको धन्यवाद पूरे दिल से करते हुए उसे एहसास कराएं कि सचमुच यदि वे नहीं होते तो आप परिस्थितियों से जूझने में असमर्थ होते। आपका अपनत्व और प्रेम से भीगा छोटा-सा आभार आपको हर दिल अजीज बना देगा।

वो जमाने लद गये। जब लोगों को जोर-जर्बदस्ती से काम करवा लिया जाता था। आजकल बडे शहरों में एकल पारिवारिक व्यवस्था में कामकाजी महिलाओं की लाइफ, इनके बिना नहीं चल सकती। धार्मिक, सामाजिक अनुष्ठान हो या घर में मित्रों, परिवारीजनों का जमावडा लगा हो, घरेलू हैल्पर की मदद ली जाती है, इसलिए उन्हें एहसास कराना निहायत जरूरी होता है कि उस समय उनका साथ आपको किस हद तक परेशानी से बचा गया। कुछ लोगों को अपने कहते सुना होगा, काम करते हैं तो उन्हें पैसा भी तो देते हैं। तारीपफ करके उन्हें सिर पर थोडे ही बिठाना है।

व्यवहारिकता के धरातल पर ऎसी सोच सही है, लेकिन मानवता के दृष्टिकोण से सोचा जाए तो पारिश्रमिक तो आपनेउसके काम का दिया, लेकिन निष्ठा का मोल क्या पैसे से चुकाया जा सकता है! रिश्तेदार और दोस्त तो बाद में पहुंचते हैं, बुरे वक्त में सिर्फ सेवक ही काम आते हैं।

मान लीजिए आपको ऑफिस से अचानक छुट्टी लेनी पड जाये तो ऎसे में जिस भी सहकर्मी को आप अपना काम सौंप कर जा रहे हैं, उसे बाद में थैंक्यू जरूर कहें। यदि आप ऎसा नहीं करते तो आप गलत हैं। जरा सोचिए आपके कलीक ने अपना काम तो किया ही, साथ में आपका भी अतिरिक्त काम किया। निश्चित रूप से इसके लिए उसे ऑफिस में दर तक रूकना पडा होगा, हो सकता है। कुछ काम उसने घर से भी सम्पूर्ण किया हो। जो वक्त वह अपने परिवारीजनों के साथ बिताना होगा, वह टाइम अब आपका सहयोगी आपका काम पूरा करने में लगा रहा है। ऎसे में क्या वो आपके मुंह से दो शब्द धन्यवाद सुनने का भी हकदार नहीं है। यदि आप दो शब्द कहकर अपना आभार प्रगट करते हैं, तो आपके शब्द जादू का काम करेंगे। फ्यूचर में भी, जब आपको जरूरत होगी, आपके सहकर्मी सहर्षता से आपकी सहायता केलिए अपना हाथ जरूर बढाएंगे।

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