टैटू का बढता शौक
By: Team Aapkisaheli | Posted: 20 Apr, 2012
आजकल शरीर के किसी भी हिस्से पर टैटू गुदवाना या बनवाना एक फैशन बन गया है। पुराने जमाने में लोगों के रीति-रिवाज, परंपराओं को निभाने के लिए या फिर किसी अन्य कारण से गोदना गुदवाना जरूरी होता था लेकिन आजकल युवा पीढी के लिए शरीर पर टैटू बनवाने का अर्थ केवल फैशनेबल दिखना है। कई लडके-लडकियों ने तो फिल्मी सितारों को टैटू बनवाता देख ये शौक पाल लिया है। टैटू दो प्रकार के होते है-स्थाई व अस्थाई। स्थाई रूप से आप अपने शरीर पर हमेशा के लिए एक ही प्रकार का और एक ही डिजाइन का टैटू बनवा सकते हैं। जो लोग स्थायी टैटू नहीं बनवाना चाहते हैं वे अस्थायी टैटू बनवाकर अपना शौक पूरा करके स्टाइलिश बन सकते हैं।
स्थायी टैटू
यह टैटू स्थायी होते हैं। यह शरीर के किसी भी हिस्से पर बनवाया जा सकता है और जब एक बार यह बन गया तो पूरी उम्र रहता है। कोई इसे हटाना चाहे तो बहुत ही मुश्किल काम होता है इसलिए आप जब भी स्थायी टैटू बनवाएं तो कुछ सावधानियां जरूर रखें। स्थायी टैटू मशीन द्वारा बनाया जाता है जिससे दर्द भी होता है। शरीर के जिस स्थान पर यह टैटू बनाना है उस स्थान को अच्छे से साफ करके बाल हटाए जाते हैं फिर उस स्थान को सर्जिकल स्प्रीट लगाकर जीवाणुरहित किया जाता है।
फिर टैटू बनवाने वाले की इच्छा के अनुसार डिजाइन तय कर उस डिजाइन की आउटलाइन की जाती है। उसके बाद स्किन के रंग का ध्यान रखते हुए मशीन में नई नीडल लगा उसे इंक मे डुबोकर डिजाइन के अंदर रंग भरा जाता है। टैटू 18 साल से अधिक उम्र वाला व्यक्ति ही बनवाए। प्रेगनेंट लेडी या प्रतिदिन डिस्प्रीन-एस्प्रीन जैसी दवा लेने वाले को टैटू नहीं बनवाना चाहिए। टैटू बनवाने के लिए किसी अच्छे टैटू प्रोफेशनल के पास ही जाएं। उस आर्टिस्ट का पिछला रिकार्ड№ भली-भॉति जांच लें। टैटू बनाने के दौरान बहुत दर्द होता है। दर्द बर्दाशत कर सकते हों तभी टैटू बनवाने की सोचें। टैटू बनवाने से पहले जांच लें कि टैटू बनाने वाले ने अपने हाथ धोए हैं या नहीं, दस्ताने पहने हैं या नहीं और ये भी देखें कि वह स्टरलाइज्ड,डिस्पोजल इंस्ट्रूमेंट ही इस्तेमाल कर रहा है या नहीं।
इंक भी प्रत्येक सेशन में फ्रेश इस्तेमाल करना जरूरी होता है। अगर आर्टिस्ट इन बातों का ध्यान नहीं रख रहा है तो उससे टैटू नहीं बनवाएं। अगर वह ऎसी कोई सावधानी नहीं बरतता है तो आपको स्किन से जुडी बीमारी हो सकती है, एचआईवी, हेपेटाइटिस तक हो सकता है। टैटू बनवानेे के बाद ये सावधानियां जरूरी... टैटू वाले स्थान को सूरज की किरणों से बचाकर रखना चाहिए।
दिन में 2 से 3 बार आलिव ऑयल, टैटू वैक्स, बेबी ऑयल या वैसलीन टैटू पर लगानी चाहिए । टैटू को दिन में 3-4 बार अवश्य साफ करें। यदि टैटू वाली जगह लाल या खुजली होती है तो घबराने की बात नहीं हैं। ऎसा होता है तो समझें कि स्किन ठीक हो रही है। हां, अगर धीरे -धीरे सूखने लगी हो तो टैटू पर मॉयश्चराइजर लगाते रहना चाहिए। सोना बाथ या स्टीम बाथ और स्वीमिंग से कुछ दिनों के लिए एकदम दूर रहना चाहिए।
अस्थायी टैटू के फायदे
अस्थायी टैटू दिखने में स्थायी टैटू जैसे ही खूबसूरत लगते हैं लेकिन ये 3 से 5 दिन में आसानी से हट जाते हैं।
पेटिंग टैटू
यह टैटू एयर-ब्रश की सहायता से बनाते हैं जो सात से 10 दिन तक रहता है। इसे बनाने के लिए स्किन पर डिजाइन वाला स्टिकर चिपकाकर उसपर एयरब्रश द्वारा रंग डाला जाता है। जब डिजाइन वाला स्थान रंग से भर जाता है तो उस स्टिकर को हटा लिया जाता है।
स्टिकर टैटू
इस तरह के टैटू बच्चाों में खासे लोकप्रिय हैं। आपके मनचाहे उिजाइन वाले टैटू बाजार में उपलब्ध हैं। इसे बनाने के लिए केवल मनचाहे डिजाइन वाले तथा कपडों से मैच करते स्टिकर शरीर के जिस हिस्से पर टैटू बनाना है वहां चिपका दें और उसके ऊपरी हिस्से पर थोडा-सा पानी लगाकर रगडें और फिर हटा दें। स्टिकर का बना डिजाइन शरीर पर छप जाता है।
मेहंदी टैटू
मेहंदी से भी शरीर पर टैटू बनाया जाता है। टैटू बनाने के लिए शरीर के मनचाहे हिस्से पर डिजाइन बना लेते हैं। इसका रंग संतरी रंग का आता है। यह टैटू बनाने के पारंपरिक तरीकों में से एक है।