तनाव को न बनने दें तलाक का कारण
By: Team Aapkisaheli | Posted: 07 May, 2012
पति-पत्नी के बीच झगडा होना कोई नई बात नहीं है। पति-पत्नी के बीच कभी झगडा हो तो दोनों में से एक को शांत हो जाना चाहिए जिससे बात आगे न बढे। पति-पत्नी का झगडा पानी के बुलबुलों की तरह होना चाहिए, जो पल भर में ही खत्म हो जाता है। अन्यथा दोनो के बीच का तनाव कब तलाक तक पहुंच जाता है, पता भी नही चलता। आइए नजर डालते हैं कुछ ऎसी बातों पर जो आपके रिश्ते को मजबूत बनाने में आपकी मदद कर सकती हैंЧ एक-दूसरे को समझें पति-पत्नी को चाहिए कि वे एक दूसरे को समझें और एक दूसरे की भावनाओं की कद्र करें। जब तक आप एक-दूसरे की पसन्द-नापसन्द को नही समझेंगे आपके रिश्ते में प्यार और विश्वास नही पनपेगा । मै नहीं हम बनें अपने रिश्ते में कभी अहम् (मैं) को न आने दें, हर बात "हम" से शुरू करके "हम" पर ही खत्म करें। अहम् से रिश्तों में कभी गहराई नही आती अपितु दूरियां ही बढती हैं
चुप्पी बहुत जरूरी
कभी-कभी चुप्पी भी बहुत कुछ ऎसी बातें कह जाती है जिन्हें बोलने से सिर्फ कडवाहट ही पैदा होती है लेकिन चुप रहकर आपकी बॉडी लेंग्वेज से भी आप अपनी बात दूसरे तक आपकी बात आसानी से पहुंचा सकती हैं। बातों को अपने तक सीमित रखना सीखें पति-पत्नी के बीच की बात बाहर न जाने दें। बाहर वालों को इसकी भनक लगने से बात बिगड सकती है। और आपकी समस्या का समाधान होने की बजाए वो बात हाथ से निकल सकती है।
शक करना ठीक नहीं
यदि पति को आफि स से आने में देर हो जाए तो इस पर उनसे लडें नहीं, न ही शक करें पर एकदम विश्वास भी न करें, सामान्य रह कर सच्चाई का पता लगाने की कोशिश करें।
कुंठा न आने दें
कभी-कभी पत्नी की नाजायज मांगों से तंग आकर पति कुंठित हो जाते हैं। (यदि वे उनकी मांगें पूरी कर पाने में असमर्थ हैं) जिस कारण भी झगडे होते हैं। पत्नी को समझाने की कोशिश करें कि जितनी चादर हो उतने पैर पसारने चाहिए। पत्नी भी को पति की सीमित आय में रहना सीखना चाहिए और सुखमय जीवन व्यतीत करना चाहिए।
ताना नहीं मारें
एक दूसरे को ताना न दें। जैसे-मुझे तो बहुत अमीर घरानों से रिश्ते आ रहे थे, मैं तो तुम से विवाह करके फं स गई आदि। इससे पति का सम्मान प्रभावित होता है, जो अंतत: झगडे का कारण बनता है।
इच्छाओं का सम्मान करें
पति-पत्नी दोनों ही एक दूसरे को हर रूप में अपनाएं। दोनों ही एक दूसरे की इच्छाओं की कद्र करें और एक दूसरे के माता-पिता को समान रूप से सम्मान दें। क्योंकि अक्सर देखने में आता है कि पति-पत्नीके बीच झगडे का एक बडा कारण माता-पिता के सम्मान को लेकर भी होता है।
समर्पण की भावना रखें
पति-पत्नी आपस में समर्पित रहें, अपनी इच्छाओं को दबाएं नहीं, व्यक्त करें, मगर उन्हें एक दूसरे पर थोपें नहीं।
अतीत को न कुरेदें
कभी एक दूसरे के अतीत को न कुरेदें। ऎसा करने से सिवाय तकलीफ के और कुछ हासिल नहीं होगा। कल आप क्या थे, इस पर झगडना बेवकूफ ी है, आज आप क्या हैं और आज के आधार पर कल क्या होंगे, आपका भविष्य ज्यादा महत्व रखता है।
धैर्य रखें
अगर कोई बात आपको तकलीफ पहुंचा रही है तो शांत होकर, धैर्य के साथ अपनी बात रखें और दूसरे की बात सुनें। झगडा किसी परेशानी का हल नहीं बल्कि तनाव की जड है।