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सिंगल वुमन को किराए के मकान में ना हो दिक्कत...

By: Team Aapkisaheli | Posted: 01 Sep, 2012

सिंगल वुमन को किराए के मकान में ना हो दिक्कत...
नौकरी की वजह से किसी दूसरे शहर में किराए के मकान लेना पडे तो मकान मालिक से पहले ही सारी बातें एग्रीमेंट की सहायता से क्लीअर करें, जिससे आगे चलकर आपकी मकान मालिक से झिकझिक ना हो।

अगर आप कभी भी किराएदार रहें हो, तो आपको पता होगा कि सिक्योरिटी मनी का इंतजाम करते समय या जमा करते समय कितनी तकलीफ या भय के दौर से गुजरना पडता है। बेशक मकान मालिकों को यह अधिकार होता है कि किराया देर से देने पर वह आपके खिलाफ कार्यवाही कर सकते हैं। उसी तरह से किराएदार के पास भी यह अधिकार होता है कि वह अपनी सिक्योरिटी राशि वापस करने की तय अवधि को भी अपने करार में स्पष्ट कर दे। इससे आपको भी उनकी और से देरी होने पर पेनेल्टी लगाने का अधिकार होगा।

कुछ मकान मालिकों की आदत बार=बार यानी कुछ दिनों के अंतराल पर किराएदारों के घर में झांकने की होती है, ताकि वह अपनी प्रॉपर्टी पर नजर रख सकें। लेकिन इसका मतलब यह नहीं कि बिन बुलाए मेहमान की तरह वह कभी भी टपक पडे। इस बात को भी अपने लिखित दस्तावेजों में तय कर लें, कि मकान मालिक किस समय आ सकते हैं। सिंगल या वर्किं ग वुमन को चाहिए कि जब मकान मालिक से घर के लिए सम्पर्क करें, तो कभी-कभी अपने परिवार के सदस्यों को साथ ले जाएं। इससे मकान मालिक अपने किराएदार पर भरोसा करता है और परिवार के दूसरे सदस्य भी मकान मालिक से मिलने के बाद उसे अपने बारे में राय दे सकते हैं। एक प्रकार का कानूनी करार होने की वजह से इसमें तमाम नियम और शतोंü का उल्लेख होना चाहिए।

इन पर विशेष ध्यान दें जैसे-तय किराया, उसे देने की तारीख, लीज की कुल अवधि, देर से किराया देने पर दण्ड, जमा सिक्योरिटी। जरूरत के वक्त मसलन मकारन मालिक के यहां कोई शादी हो और वह अचानक मकान खाली कराना चाहता है। ऎसी स्थिति में आपके लिए क्या व्यवस्था होगी या फिर क्या हर्जाना दिया जाएगा, इसे स्पष्ट कर लें।

आज के दौर में अगर मकान मालिक किराएदारों को रखने से घबरा रहे हैं, तो लेने से पहले उसके बारे में पर्याप्त जानकारी इकटी कर लें जैसे-पहले उस मकान में कौन रहता था, उसने उसे क्यों छोडा, अडोस-पडोस में मकान मालिक और उनके परिवारवालों की इमेज क्या है, उन पर किसी तरह का मुकदमा तो नहीं चल रहा है।

कई मकान मालिकों को यह बात पसंद नही होती है कि उनके किराएदार विशेषकर अगर किराएदार कोई गर्ल स्टूडेंट है, तो उनके यहां कोई बार-बार आए-जाए। बेहतर हो कि अपने रिश्तेदारों की एक सूची उनको दे दें या फिर अपने पेरेंट से उनको मिलवा दें, ताकि उनकेा इतमीनान रहे और उनका व्यवहार आपके प्रति सौहाद्रüभरा हो।

अपनी लीज की तैयारी के समय उसमें इस बात को भी सुनिश्चित कर लें कि मकान में किसी तरह की खराबी को ठीक कराने की जिम्मेदारी किसकी होगी। जैसे दीवार में सीलन, जाम नालियाँ ठीक करानी हों, रंग रोगन कराना हो या बाथरूम में लीकेज आ गयी हो।

कुछ खास बातें
सिंगल या वर्किग वुमन को बाजार में बना मकानों को किराए पर लेने से बचना चाहिए। यहां कई तरह के असामाजिक तžव रहते हैं, जो आपके लिए दिक्कत उत्पन्न कर सकते हैं।

इस बात को भी ध्यान में रखें कि किराए के मकान के आसपास यातायात के साधन आसानी से उपलब्ध को जाते हैं।

सिंगल वुमन को इस बात का भी ख्याल रखना चाहिए कि जहां वह मकान ले रही हैं, वहां आधे किलोमीटर की परिधि में एक अच्छा शॉपिंग एरिया हो, जहां हर तरह की चीज उपलब्ध हो।

कोशिश करें कि नजदीकी रिश्तेदार या दोस्तों के घर के करीब किराए का मकान मिले। अगर उस शहर में जान-पहचान के लोग नहीं हैं, तो अपने सहकर्मियों के घर के नजदीक भी किराए के मकान की तलाश की जा सकती है, ताकि इमरजेंसी में आपको मददगार मिल जाएं।

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