रिमझिम बरसती बरसात, कहीं ना कर दें आपको बीमार
By: Team Aapkisaheli | Posted: 24 July, 2012
जब मौसम हो बारिश का, तो यह सजगता और भी बढ जाती है, क्योंकि मानसून में संक्रमण तेजी से फैलता है। जिससे तरह-तरह की बीमारियों के होने का डर रहता है। घर की खिडकियां, दरवाजे और खुली हुई बालकनी में मैश स्क्रीन लगाए, ताकि मच्छर-मक्खी और कीडे-मकोडे अन्दर ना आ सकें। सोते समय फुल स्लीव्स व ट्राउजर पहनकर सोएं। हरी सब्जियों को नमक मिले पानी में 10 मिनट तक भिगोकर रखने से सारे जम्र्स नष्ट हो जाते हैं। रात का बचा हुआ बासी खाना, तैलीय और मसालेदार भोजन ना खाएं। जहां तक हो सके, घर का बना गरम व ताजा खाना खाएं। बरसात में सर्दी-जुकाम और बायरल इंफेक्शन सबसे पहले बॉडी को जकड लेता है इससे बचने के लिए लहसुन, सूप्सू हर्बल टी, प्याज और विटामिन सी से भरपूर फल-सब्जियों रसीले फल, अमरूद, टमाटर व पलक का सेवन करें।
मानसून में गली-नुक्कड पर मिलने वाली चाट-स्त्रैक्स, दाल-बडे, पानी-पूरी और फ्रूट सलाद ना खाएं। बारिश के मौसम में कम बटर या ऑयल वाले ग्रिल्ड या तंदूरी फूड का मजा ले सक ते हैं। जंक फूड, पिजज, बर्गर, चायनीज फूड खाने से बचें, क्योंकि जंक पुड खाने से इम्युन सिस्टम कमजोर होता है।
घर के आसपास व अन्दर, जैसे-कूलर ड्रम्स बाल्टी फिश टैंक, फ्लोवर पॉट में अधिक दिनों तक पानी जमा ना होने दें। इससे डेंगू, मलेरिया होने का खतरा अधिक होता है। अपने डायट प्लान में सूप्स, रोटी, फिश, नट्स और सोयाको शामिल करें। अधिक मात्रा में मौसमी फल, सब्जियाँ सीरियल्स का सेवन करें। इनमें प्रचूर मात्रा में विटामिन होता है। अंडर ग्राउंड और ओवरहेड टैंक को 15 दिनों में एक बार साफ करें और ढंक्कर रखें। डायबिटीज के मरीजों को मानसून में नंगे पैर नहीं घमूना चाहिए। डायरिया और पेट के संक्रमण से बचने केलिए उबालकर छाने हुए पानीका ही यूज करें। उबला हुआ पानी खाने को सही तरीके से पचाने में मदद करता है।