असली फिटनेस, असली सुरक्षा दे सिर्फ योगा!
By: Team Aapkisaheli | Posted: 04 Dec, 2012
भागदौड भरी जीवन शैली के चलते कई तरह के रोग और शोक तो जन्म लेते ही है साथ ही व्यक्ति जीवन के बहुत से मोचोंü पर असफल हो जाता है। यहां प्रस्तुत है ऎसे महत्वपूर्ण कुछ योगा टिप्स जिसके माध्यम से आप अपने जीवन में सुख, शांति, निरोगी काया, मानसिक दृढता और सफलता प्राप्त कर सकते हैं।
प्राणायाम- अंग-संचालन करते हुए यदि आप इसमें अनुलोम-विलोम प्राणायाम भी जो़ड देते हैं तो यह एक तरह से आपके भीतर के अंगों और सूक्ष्म नाडियों को शुद्ध-पुष्ट कर देगा। मालिश कराएं- बदन की घर्षण, दंडन, थपकी, कंपन और संधि प्रसारण के तरीके से मालिश कराएं। इससे मांस-पेशियां पुष्ट होती हैं। रक्त संचार सुचारू रूप से चलता है। इससे तनाव, अवसाद भी दूर होता है। शरीर कांतिमय बनता है।
अंग-संचालन- अंग-संचालन को सूक्ष्म व्यायाम भी कहते हैं। इसे आसनों की शुरूआत के पूर्व किया जाता है। इससे शरीर आसन करने लायक तैयार हो जाता है। सूक्ष्म व्यायाम के अंतर्गत नेत्र, गर्दन, कंधे, हाथ-पैरों की एडी-पंजे, घुटने, नितंब-कुल्हों आदि सभी की बेहतर वर्जिश होती है।
व्रत- जीवन में व्रत का होना जरूरी है। व्रत ही संयम, संकल्प और तप है। आहार-विहार, निंद्रा-जाग्रति और मौन तथा जरूरत से ज्यादा बोलने की स्थिति में संयम से ही स्वास्थ्य तथा मोक्ष घटित होता है।
योग हस्त मुद्राएं- योग की हस्त मुद्राओं को करने से जहां निरोगी काया पायी जा सकती हैं वहीं यह मस्तिष्क को भी स्वस्थ रखती है। हस्तमुद्राओं को अच्छे से जानकर नियमित करें तो लाभ मिलेगा।
ध्यान सिर्फ 5 मिनट- ध्यान के बारे में भी आजकल सभी जानने लगे हैं। ध्यान हमारी ऊर्जा को फिर से संचित करने का कार्य करता है, इसलिए सिर्फ पांच मिनट का ध्यान आप कहीं भी कर सकते हैं। खासकर सोते और उठते समय इसे बिस्तर पर ही किसी भी सुखासन में किया जा सकता है।
स्वाध्याय- स्वाध्याय आत्मा का भोजन है। स्वाध्याय का अर्थ है स्वयं का अध्ययन करना। आप स्वयं के ज्ञान, कर्म और व्यवहार की समीक्षा करते हुए पढें वह सब कुछ जिससे आपके आर्थिक, सामाजिक जीवन को तो लाभ मिलता ही हो, साथ ही आपको इससे खुशी भी मिलती हो। तो बेहतर किताबों को अपना मित्र बनाएं और स्वयं के मन को बेहतर दिशा में मोडें।