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बढती उम्र में हैल्थ प्रभाव

By: Team Aapkisaheli | Posted: 25 Jan, 2013

बढती उम्र में हैल्थ प्रभाव
बढती उम्र में बीमारियों का होना एक आम बात है। कुपोषण ऎसी ही जंग है, जिससे जीतने की कोशिशें बहुत हो रही हैं। इसे कुपोषण के शिकार बुजुर्ग कैसे हो जाते हैं। आइये जानते हैं। बुजुगों की आम परेशानियां ऎस स्थिति के कई सारी वजह हो सकती हैं, लेकिन ये तमाम कारण जन्म देते हैं कुपोषण को । कुपोषण को गरीबी से जोड करदेखा जाता है, लेकिन यह तसवीर का सिर्फ एक पहलू है। हैल्दी दिखने वाले लोग भी कुपोषण से घिरे हो सकते हैं। इससे कई कारण हो सकते हैं। पाचनक्रिया कमजोर होना, अकेलापन, दांत गिरना, खानपान ठीक ना होना, बीमारियां का एकसाथ होना भी कारण है।
सक्रियता में कमी
बॉडी कमजोर होता है तो सक्रियाता में भी कमी आती है। जोडों व हçड्डयों के दर्द के कारण भी चलना-फिरना मुश्किल हो जाता है। इसका सीधा असर मानसिक शारीरिक स्वास्थ्य पर पडता है। कम कैलरी बर्न होती है तो खाने की मात्रा भी घटती है। इससे पोषक तžवों में कमी होने लगती है।
कई बीमारियां होना
बढती उम्र में बॉडी की रोग-प्रतिरोधक क्षमता कम होने लगती है ओर इसका अंजाम होता है। बीमारियों से घिरना। पेट की परेशानी के अलावा आजकल लाइफस्टाइल से सम्बन्धित कई बीमारियों जैसे डायबिटीज, उच्चा या निम्म रक्तचाप, थायरॉयड, ह्वयद रोग जैसे आम सी बात हो चुकी हैं। ये कई अन्य गंभीर परेशानियां का कारण बनती हैं।
अकेलापन
बुजुर्गो का सबसे बडी बीमारी है अकेलापन, इसी से जुडे हैं अन्य रोग। माता-पिता बूढे होते हैं तो उनके बच्चो भी प्रौढावस्थामें पहुंच रहे होते हैं और उनकी भी जिम्मेदारियां बढ जाती हैं। जिनके बच्चो साथ नहीं हैं और वे अकेले रह रहे हैं। ऎसे में लाइफपाटर्नर का साथ छूट जाए तो इंसान अकेला हो जाता है। अकेले रहने वालों को कई बार अवसाद घेरने लगता है। वे निजी जरूरतों और हैल्थ पर कम ध्यान देने लगते हैं।

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