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नो स्मोकिंग फॉर बैटर हैल्थ

By: Team Aapkisaheli | Posted: 24 Sep, 2012

नो स्मोकिंग फॉर बैटर हैल्थ
आज की बदलती लाइफ स्टाइल में स्मोकिंग और शराब पीना लोगों खासकर युवाओं की आदत सी बनती जा रही है। किसी को काम का तनाव है तो किसी को अच्छे करियर का। किसी को काम और फैमिली के बीच बैलेंस बनाने में तनाव हो रहा है तो किसी को अन्य दूसरे तरह का तनाव। तनाव कम करने के लिए बहुत से लोग स्मोकिंग या ड्रिंकिंग की लत पाल लेते हैं।
यही आदत बहुत सारी बीमारियों की ज़ड बन जाती है। नतीजा हार्ट की समस्या, कई तरह के कैंसर, सांस लेने में तकलीफ, ब्रेन कमजोर होना और यहां तक कि पुरूषों व महिलाओं दोनों में इन्फर्टिसिटी की समस्या। लेकिन बहुत सारी रिसर्च यह बात प्रूव कर चुकी हैं कि बीमारी होने की दशा में भी अगर स्मोकिंग छो़ड दी जाए तो कुछ दिनों बाद समस्या पर 50 फीसदी तक काबू पाया जा सकता है।
धुएं की लत ना बन जाए जानलेवा
एक्सर्पट्स के अनुसार सिगरेट पीने से ही नहीं बल्कि ऎसे लोगों के आस पास रहने से भी दिक्कत होती है। प्रेग्नेंट महिलाओं को ज्यादा दिक्कत होती है। प्रीमच्योर बेबी को कई तरह की समस्या होती है। पैदा होने पर ये लक्षण दिखते हैं। उनमें सांस लेने की परेशानी आम समस्या है। बेबी की मौत भी हो सकती है। जिन घरों में लोग स्मोकिंग करते हैं, वहां सिगरेट न पीने वाले भी कई रोगों के शिकार हो रहे हैं।
तंबाकू में होता है केमिकल
हार्ट स्पेशलिस्ट माना है कि तंबाकू उत्पादों में निकोटिन, कार्बन मोनोऑक्साइड सहित 4000 से ज्यादा खतरनाक केमिकल होते हैं। घरों में या कार में स्मोकिंग करने से ये वातावरण में देर तक मौजूद रहते हैं, जो सांसों के जरिए बॉडी में पहुंचते हैं। फिर इसका नेगेटिव इफेक्ट सामने आते हैं।
ब्लड जम जाता है
दिल्ली हार्ट एंड लंग इंस्टीट्यूट के हार्ट स्पेशलिस्ट माना है कि सिगरेट में निकोटिन होता है। इन्हेल करने पर यह फेफ़डों में पहुंचता है। फिर वहां से खून की नलियों में पहुंचकर जमने लगता है। नलियां संकरी हो जाती हैं और खून के बहाव में दिक्कत होती है। हार्ट को खून के जरिए जरूरी ऑक्सीजन लेने के लिए ज्यादा दबाव डालना प़डता है। इससे हार्ट अटैक हो सकता है।
घर में गुंजेगी किलकारी मगर देर से
इन्फर्टीलिटी एक्सर्पट्स के अनुसार बदलती जीवनशैली में स्मोकिंग अडॉप्ट करना देर से बच्चे होने के लिए जिम्मेदार है। दरअसल बॉडी के अंदर पहुंचा निकोटिन महिला के गर्भाशय में एग्स कम डिवेलप होते हैं। इससे बच्चे देर से होते हैं। पुरूषों में भी इन्फर्टिलिटी का ब़डा कारण है।
धुएं से बढता है कैंसर
सिगरेट में मौजूद केमिकल फेफ़डो के जरिए बॉडी में पहुंचते हैं। वे डीएनए को डैमेज करने का काम करते हैं। फिर जीन भी चेंज होने लगते हैं। इससे कई तरह के कैंसर जैसे लंग कैंसर, थ्रोट कैंसर, ब्लड कैंसर और माउथ कैंसर हो सकता है।

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