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मम्मी, प्लीज बस थोडी देर और सोने दो

By: Team Aapkisaheli | Posted: 12 Sep, 2012

मम्मी, प्लीज बस थोडी देर और सोने दो
सुबह की मीठी-मीठी नींद किसे पसंद नहीं होती, खासतौर पर बच्चो  को। बच्चो सुबह उठने में नखरे जरूर करते हैं। मम्मी, प्लीज बस थोडी देर और सोने दो ना। शायद ही कोई बच्चाा ऎसा होगा जो सुबह उठते समय ऎसाना कहता हो और शायद ही कोई ऎसी मां हेागी जिसे बच्चो को सुबह उठाने के लिए 3-4आवाजें ना लगानी पडती हों। ऎसे में पेरैन्ट्स को खासकर मां को चाहिए कि वह बच्चो को रोज समय से उठाए और स्कूूल जाने के लिए तैयार होने में उसकी मदद करे ताकि वह लेट ना हो।
वरना यही आदत एक दिन बच्चो की हमेशा की आदत बन जाएगी। जब आप का बच्चा रोज सुबह जल्दी उठने में आनाकानी करे तो आप रात को उसे रोजाना के सोने के समय 1 घंटा पहले सोने को कहें। आप गच्चो को बता दें कि अगर वह अपने आप नहीं उठेगा तो आप उसे नहीं उठाएंगी, बेशक फिर चाहे वह स्कूल लेट ही क्यों ना पहुंचे। उसे एहसास कराएं कि स्कूल में लेट पहुंचने पर जब टीचर सब बच्चो के सामने डाटेंगी तो क्या अच्छज्ञ लगेगाक् आपको उसे समझाना ही होगा कि बिना टाइमटेबल के लाइफ में कुछ नहीं रखा है। उसे सुबह खुद जल्दी उठना ही होगा।
मातापिता का ज्यदा प्यारदुलार बच्चो को बिगाड देता है। बच्चा देर से उठा और देर से तैयार हुआ और बस छूट गई तो क्या हुआक् पापा हैं ना स्कूल तक छोडने के लिए, बजाय यह सोने के आप उसे बताएं कि स्कूल में टाइम से पहुंचना कितना जरूरी हैक् टाइम से स्कूल पहुंचने पर वह प्रेयर में भाग ले सकेगा, सभी दोस्तों से बाता कर सकेगा। वरना उसे सजा के तौर पर क्लास के बाहर खडा रहना पडेगा और क्लास के बच्चो और टीचर्स के सामने बेइ”ाती सहनी पडेगी।
पापा नरम मम्मी गरम
कई बार मां सख्ती से काम लेना चाहती है तो पिता को बुरा लगता है कि अरे, उसे ऎसे डांट कर क्यों उठा रही हो? उठ जाइगा बच्चा ही तो है ना। कोई बात नहीं देर हो गई तो मैं उसे छोड आऊं गा। बस बच्चो को उस समय अपने पापा दुनिया के सब से बैस्ट पापा नजर आते हें। मगर याद रखिए। आपका बच्चा और उसका दिमाग अभ्ी बहुत कोमल है, अभी आप उसे जिस भी सांचे में ढालना चाहेंगे, वह उसी में ढल जाएगा। इसलिए यही वह समय है जब आप अपने बच्चो की इस बुरी आदत को खत्म कर सकते।
आदत डालें ऎसे
आप उससे पूछें कि जब वह हरजगह लेट पहुंचता है तो उसे कैसा फील होता है। उसे बताएं कि यह कोई ऎसी आदत नहीं है, जो छोडी नहीं जा सकती। अगर वह कोशिश करेगा तो यकीनन उसकी यह आदत छूट जाएगी। बच्चो को देर सेउठने पर सजा ना दें, बल्कि उसके साथ बैठ कर उसे टाइम मैनेज करना सिखाएं। हर काम को समय से कर सकता है। जल्दी उठाने की आदत एकाएक शुरू ना करें। धीरे-धीरे यह आदत डालें। जब वह जल्दी उठना शुरू करे तो उसकी खूब तारीफ करें कि वह दुनिया का सबसे अच्छा बच्चाा है। उसे बताएं कि ऎसा नहीं है कि वह दुनिया में एकमात्र ऎसा बच्चाा है, जो लेट पहुंचता है साथ ही, उसे यह भी बताएं जो लोग लेटलतीफी के आदी होते हैं, वे अपने जीवन में कभी सफल नहीं होते। उसके पास अभी समय है अपनी इस बुरी आदत को बदलने का।

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