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मॉडर्न नशे

By: Team Aapkisaheli | Posted: 10 Sep, 2012

मॉडर्न नशे
जब हम नशे की बात करते हैं तो दिमाग में सबसे पहले सिगरेट, शराब, हेरोइन, चरस, भांग आदि की ही तसवीरें ही सामने आती हैं लेकिन समय के साथ बहुत सी चीजें बदली हैं और नशे भी बदल गए हैं। आइए जानते हैं न्यू जनरेशन के नशे किस तरह के और कैसे हैं- मैडिकल नशा
अधिकतर महिलाओं और युवतियों पर हावी है, यह नशा काफी मंहगा है इसकी गिरफ्त में आने का मतलब है पैसे पर डाका पडना। लेकिन नशा तो नशा है। मैडिकल ऎडिक्शन में मुख्य रूप से शारीरिक बदलाव की चाहत छिपी रहती है हमेशा जवान, खूबसूरत बने रहने की चाहत में महिलाएं इस नए तरह के नशे की आदी हो जाती है।
कौस्मैटिक प्लास्टिक सर्जरी
आजकल का फैशन और स्टाइल का नशा ऎसा है कि हर कोई टेंरडी नजर आना चाहता है। स्टाइलिश दिखाने की लत को पूरा करने का यह सब से महंगा नशा है। फिलहाल अपने देश में इस नशे के तलबगार काफी हैं। कौस्मैटिक प्लास्टिक सर्जरी का सहारा वे लोग लेते है जिनके चेहरे के किसी हिस्से की बनावट ही बेडौल होती है इस काम को अंजाम देने के लिए लोग कौस्मैटिक प्लास्टिक सर्जरी का सहारा लेते हैं, जिस में गाल, ठुड्डी, नाक, होंठ स्तन आदि का आकार बदल दिया जाता है। सर्जरी कराने के बाद दोबारा किसी प्रकार की शिकायत नहीं रहती। देश में इस सर्जरी को लेकर दीवानगी इस हद तक बढ रही है कि महिलाएं बैंक से लोन तक लेने लगी है।
लाइपोसक्शन
बॉलीवुड अभिनेत्री करीना कू पर फिल्म (टशन) में जीरो फिगर, क्या दिखा दिया युवतियों में इसकी चाहत ने नशे का रूप धारण कर लिया। खूबसूरत चेहरे का नशा क्या कम था। जो सुडौल काया की लत और पड गई। इस लत के चलते युवतियाँ और महिलाएं क्याक्या नहीं करतीं। बिना किसी मेहनत के पैसे के बल पर सुडौल काया की चाहत ने वेट के ना चाहने वालों की संख्या में दिन दूनी और रात चौगुनी बढत कर दी है। लाइपोसक्शन के नाम से जानी जाने वाली इस सर्जरी को करवाने में काफी पैसे खर्च होते हैं। इस विधि से जांघों, हाथपैरों, कमर, पेट, स्तनों सभी हिस्सों से चरबी हटाई जा सकती है। इस अलावा वजन कम करने केलिए महिलाएं गैस्ट्रिक बाईपास सर्जरी भी करा रही हैं, जो लाइपोसक्शन की तुलना में कुछ सस्ती है। इन दोनों ही विधियों में कोई ना कोई साइड इफै क्ट जरूर होता है, लेकिन युवतियों पर चढा जीरो फिगर का नशा कोई भी खतरा उठाने को तैयार है।
गूगल स्टौकिंग
यह गूगल सर्च इंजन द्वारा मुहैया कराई जा रही एक प्रकार की सुविधा है जो युवाओ के बीच काफी पोप्युलर हो चुका है गूगल स्टौकिं ग की यह सुविधायुवाओं को इस का आदी बना रही है सर्च इंजन पर घंटों पुराने लोगों की जानकारी लेता,जिनसे उन्हें कोई मतलब नहीं, सिर्फ समय की बरबादी है।
शौपिंग
यह भी एक किस्म का नशा है। खरीदारी का शौक किसे पसंद नहीं होता, विशेषकर महिलाएं तो इस की पारंगत खिलाडी मानी जाती है। जानकारों की माने तो शौपिंग भी एक तरह का नशा है । अगर आप इसके आदि हो गए तो समझिए आफत ही आफत है।
शौंपिग नशे में तब तबदील हो जाती है जब हम जरूरत के लिए नहीं, बल्कि मस्ती और टाइमपास के लिए शौंपिंग करते हैं जिन घरों में रूपयों की कमी नहीं होती उनके बच्चो और महिलाएं इस तरह के नशे के आदी आसानी से हो जाते हैं। इन लोगों के पास बरबाद करने केलिए समय और पैसे दोनों की ही कमी नहीं रहती। ऎसे में स्वयं को बिजी रखने के लिए इनके पास खरीदारी से बेहतर कुछ नहीं होता।

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