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वैवाहिक जीवन में बदलावों से नहीं डरें

By: Team Aapkisaheli | Posted: 17 Apr, 2012

वैवाहिक जीवन में बदलावों से नहीं डरें
विवाह दो लोगों का एक-दूसरे के प्रति पूर्ण समर्पण है इसलिए उसका उद्देश्य आपसी सुधार की गुंजाइश पैदा करना होना चाहिए। एक गहन अध्ययन में ये सामने आया कि पति और पत्नी एक दूसरे के छिपे हुए गुणों को पहचानते हैं और फिर उन का विकास करते हैं। मजबूत वैवाहिक जीवन के लिए मिल कर सुधार करना जरूरी है। अन्य विवाह विशेषज्ञ भी इस बात से सहमत हैं। "विवाह का सबसे पहला लक्ष्य सुधार और विकास होना चाहिए। व्यक्तिगत तौर पर भी और मिल कर एक जोडें के रूप में भी।"
अपने जीवनसाथी को सुधारने का अर्थ ये बिल्कुल नही है कि आप अपने साथी पर अपनी मर्जी थोपने की कोशिश करें। बल्कि इसका उद्देश्य है एक व्यक्ति को बेहतर बनाना। उसके छिपे गुणों को उजागर करने में मदद करना। लेकिन ये उम्मीद नहीं की जानी चाहिए कि आप के साथी में पूर्ण परिवर्तन आ जाएगा। कुछ चीजों को बदलना असंभव होता है। आइए जानते हैं कि आप कैसे अपने साथी मे कारगर सुधार ले सकते हैंЧ
अच्छे मित्र बनें
जब आप साझा बेहतरी के संदर्भ में सोचते हैं, तो मित्र बनने की भूमिका और भी बढ जाती है। एक अच्छा मित्र वो होता है जिस पर आप विश्वास करते हैं और जिसमें आपकी आस्था होती है, जो आपको हर सूरत में पंसद करता है, आप की बात सुनता है और उन गुणों को प्रखरित कर देता है जिन्हें आप सामान्य तौर पर व्यक्त नहीं कर पाते।
गुणों को पॉलिश करें
अपने साथी के छोटे-मोटे अवगुणों को नजरंदाज करके उनके गुणों को पॉलिश करें जैसे हमदर्दी और जिम्मेदारी।
पसंद-नापंसद को समझें
अपने जीवन साथी की पसंद-नापसंद को स्वयं ही समझने की कोशिश करें। इस बात का इन्तजार न करे कि आपका साथी जरूरत पडने पर स्वयं आपको आकर अपनी पसंद-नापसंद के बारे में बताएं। एक-दूसरे की कमी को स्वीकारने की क्षमता रखें।
अपने साथी को प्रोत्साहित करें
अगर आपको अपने साथी की कोई बात बुरी लगती है तो उस पर गुस्सा होने की बजाय प्यार से समझाने की कोशिश करें। यकीन मानिए, परिणाम अच्छा ही निकलेगा। अपने साथी को प्रोत्साहित करने के लिए सॉफ्ट होना बहुत महत्वपूर्ण होता है। किसी भी बात को कडे ढंग से कह कर समर्थन या विरोध नहीं करें।
दूसरों के सामने नीचा न दिखाएं
दूसरों के सामने कभी भी अपने साथी की बुरार्ई न करें अपितु उसके गुणों को बढावा दें। अगर आप चाहते हैं कि आपका साथी जिम्मेदार हो तो पहले आप स्वयं जिम्मेदारी का मॉडल बनें।
अपनी फीलिंग्स को शेयर करें
अपनी पत्नी की भावनाओं के प्रति संवेदनशील रहें। पत्नी के लिए भी आवश्यक है कि वह अपनी भावनाओं को व्यक्त करे। अगर आपके दिल में कोई तकलीफ घर कर गई है और आपका साथी उसे समझ नहीं पा रहा है तो उसे अपनी समस्या से अवगत कराएं,जो भी आपके दिल में है उसेे शेयर जरूर करें।
परिवर्तन से डरें नहीं
समय के साथ रिश्तों में बहुत बदलाव आते हैं। कभी-कभी पति अपनी पत्नी के विकास का विरोध करता है, उसे डर लगता है कि घर में उसकी प्रमुखता समाप्त न हो जाए। कभी पत्नी को अपने पति के करिअर को लेकर डर लगता है कि कहीं वह पीछे न छूट जाए। लोग अक्सर शिकायत करते हैं कि तुम वो नहंीं हो जिससे मैंने शादी की थी, तुम बहुत बदल गए हो। लेकिन परिवर्तन अगर सकारात्मक है तो आपको तो खुश होना चाहिए। कोशिश यही करनी चाहिए कि आपका साथी हमेशा सकारात्मक उद्देश्य के साथ आगे बढे।

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