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लव एट फर्स्ट साइट के मायने

By: Team Aapkisaheli | Posted: 23 Nov, 2012

लव एट फर्स्ट साइट के मायने
आपने पहली नजर का प्यार जैसी फिल्मी कहावतें तो जरूर सुनी होंगी। लेकिन वास्तविकता में ऎसा हो पाना थोडा मुश्किल है। लेकिन हाल ही में हुए एक शोध से स्पष्ट हुआ है कि पहली नजर का प्यार भले ही महिलाओं के लिए मायने ना रखता हो लेकिन पुरूषों में तो यह चीज काफी लंबे समय से देखी जा रही है।
 ब्रिटिश संस्थान द्वारा कराया गया यह सर्वेक्षण स्पष्ट करता है कि पुरूष खूबसूरती को देखकर जल्द ही फिसल जाते हैं। प्यार के मामलों में उनका स्वभाव थोडा अलग होता है। वह संबंधों की शुरूआत करने से पहले आपसी भावनाओं और साथी के स्वभाव से ज्यादा एहमियत उसके बाहरी व्यक्तित्व को देते हैं।
 
इसके परिणामस्वरूप पुरूषों को पहली नजर में ही प्यार हो जाता है। वह एक ही मुलाकात में अपनी मिस राइट का चुनाव कर सकते हैं। जबकि महिलाएं अपने मिस्टर राइट का चुनाव करने में लंबा समय लगा देती हैं क्योंकि साथी के चयन को लेकर महिलाओं की प्राथमिकताएं थोडी जटिल होती हैं। वह न सिर्फ पुरूष के बाहरी व्यक्तित्व पर ध्यान देती हैं बल्कि उसके स्वभाव के साथ व्यवहारिक संतुलन की संभावनाओं को भी बहुत अधिक महत्व देती हैं।

ब्रिटिश साइकोलॉजी सोसाइटी द्वारा कराए गए सर्वेक्षण ने कुछ हैरान कर देने वाले तथ्य भी सामने रखे हैं। नतीजों की मानें तो 10 में से 7 पुरूषों ने यह माना कि वह पहली नजर के प्यार में विश्वास रखते हैं। वहीं 10 में से केवल 1 महिला ने ही यह स्वीकार किया कि उन्होंने लव एट फर्स्ट साइट जैसी चीजें महसूस की हैं।
इस सर्वेक्षण के मुख्य शोधकर्ता एलेक्जेंडर गॉर्डन का मानना है कि सामाजिक परिस्थितियों और संबंधों की समझ पुरूषों की अपेक्षा महिलाओं में कहीं अधिक होती है। वह अपने जीवन, खासतौर पर विवाह से जुडा कोई भी निर्णय जल्दबाजी में न लेकर काफी सोच-विचार करके लेना ही उपयुक्त समझती हैं।
यह सर्वे 16-86 वर्ष तक के व्यक्तियों, जिसमें लगभग 1500 पुरूष और इतनी ही महिलाएं शामिल थीं, को केन्द्र में रखकर किया गया। एक औसत ब्रिटिश पुरूष अपने जीवन में तीन बार प्यार करता है। वहीं एक औसत महिला केवल एक ही बार सच्चे प्यार का अनुभव करती है। एक तरफा प्यार के मामले भी महिलाओं की अपेक्षा पुरूष के जीवन में कहीं ज्यादा होते हैं।

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