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संगीत से बदलें किचन का माहौल

By: Team Aapkisaheli | Posted: 03 Dec, 2012

संगीत से बदलें किचन का माहौल
खाना पकाना भी अपने आप में एक कला है। आप गुनगुनाकर तो खाना पकाती हैं, लेकिन कभी संगीत की धुन के साथ भी पकाकर देखें। अजीब-सा लग रहा होगा न आपको कि रसोईघर में भला संगीत का क्या काम। आजकल के रूटीन और हलचल वाले जीवन में कामकाजी महिलाएं बहुत तनावग्रस्त पाई जाती हैं। ऎसे में उनकी लाइफस्टाइल में थोडी-सी तब्दीली कर दी जाए तो तनावमुक्त होने में देर नहीं लगती है।

खाना पकाना भी एक कला है। संगीत से आपके भीतर की चिंता, तनाव और हडबडी धीरे-धीरे खत्म होती रहेगी और आप खाना पकाने में पूरी तल्लीनता से जुट जाएगी। रसोई में ज्यादातर आप अकेली रहती हैं। संगीत की धुन आपको अकेलेपन के एहसास से दूर रखेगी। आप भी दोनों कलाओं का आनंद एकसाथ उठाकर अच्छा खाना पकाने का परीक्षण करके देखें। इसके लिए वॉकमैन या छोटा ट्रांजिस्टर कुछ भी रख लें। चिंता व तनाव कम करने के लिए आप किसी विशेष तरह का संगीत सुन सकती हैं। इससे मस्तिष्क को आराम पहुंचेगा और खाना भी स्वादिष्ट बनेगा।

आपको खाना बनाने में मजा आएगा। अच्छे मूड में पकाया खाना जब घर के लोगों को आप खिलाएंगी तो उसका स्वाद आपको उनकी आंखों में नजर आएगा।

अक्सर आपको कई ऎसी महिलाएं मिल जाएंगी, जो अपने ही हाथ से पके खाने से संतुष्ट नहीं होतीं। ऎसा कहने वाली महिलाएं जरा ठण्डे दिमाग से यह सोचें कि उनके लिए खाना बनाना मजबूरी है या शौक। खाना बनाना जिस भी महिला के लिए मजबूरी होगा, स्वाद उसके हाथों से दूर ही होगा।

कुछ भी पकाने से पहले तय कर लें कि आपका मन कैसा है। गुस्से, तनाव और बेमन से पके खाने में चाहे कितने भी मसाले डाले जाएं, उसमें वह स्वाद नहीं आएगा, जो मन से केवल साधारण हल्दी-नमक से पके खाने में आएगा।

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