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कहां से हुई ठहाकों की शुरूआत

By: Team Aapkisaheli | Posted: 18 Sep, 2012

कहां से हुई ठहाकों की शुरूआत
हंसने की शुरूआत कैसे और कब हुई थीक् वैज्ञानिकों ने इस प्रश्न का जवाब खोज निकाला है। उनके अनुसार अब से चालीस लाख साल पहले जब व्यक्ति ने चार के बजाए दो पैरों पर चलने का प्रयास किया तो वह ल़डख़डाया और गिरा। उसके इस ल़डख़डाने एवं गिरने पर उसके साथी हंसे। यही हंसने की शुरूआत है।
इस थ्योरी के अनुसार जब वे अपने ग्रुप के किसी व्यक्ति को ल़डख़डाते हुए देखते थे, तो हंसते थे। उनका हंसना इस बात का इशारा होता था कि चलने के प्रयास में कुछ कमी है। इस थ्योरी से यह भी ज्ञात होता है कि किसी के फिसलने या ल़डख़डाने पर हम आज भी क्यों हंसते हैं एवं यह फिल्मों में स्लैपस्टिक हास्य का चिरस्थायी हिस्सा क्यों बन गया है। प्राचीन युग में दो पैरों पर चलने का अर्थ यह होता था कि ल़डख़डाने व गिरने की आशंका अधिक थी।
वास्तव में तात्पर्य यह है कि स्लैपस्टिक हास्य का विकास उसी समय से हुआ। अमेरिका के एवोल्यूशनरी बायोलॉजिस्ट मैथ्यू गर्वेस का माना है। कि जब हम स्लैपस्टिक पर हंसते हैं, तो हम उसी चीज पर हंस रहे होते हैं, जिस पर हमारे प्रारंभिक पूर्वज हंसे थे। तभी हमें यह बात मजेदार एवं हास्य से भरी लगती है। भाषा का विकास पहली हंसी के बीस लाख वर्ष पpात हुआ। इसके पpात ही शब्दों एवं हास्य के विभिन्न तरीकों को जो़डा जाने लगा ताकि चुटकुले बनाए जा सकें या किसी का मजाक उ़डाया जा सके।
इन शोधकर्ताओं का मानना है कि हंसने से पहले व्यक्ति वैसी आवाजें निकलता था, जैसी वानर चिम्पांजी गुदगुदी किए जाने पर निकालते हैं। इन आवाजों के बारे में वैज्ञानिकों का मानना है कि यह परिवार या ग्रुप में अच्छे रिश्तों को बनाए रखने हेतु निकाली जाती है। इसके अनुसार किसी व्यक्ति को अचानक फिसलते हुए देखकर और साथ ही यह एहसास करते हुआ।

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