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ताकि बच्चे इस ठंड में बीमारी से रहें दूर

By: Team Aapkisaheli | Posted: 20 Nov, 2012

ताकि बच्चे इस ठंड में बीमारी से रहें दूर
सर्दी के मौसम में जितनी देखभाल हम अपनी करते हैं उससे कहीं ज्यादा खयाल हम अपने बच्चों का रखते हैं। फिर भी इस मौसम में बच्चों को सर्दी-जुकाम, बुखार जैसी समस्याएं हो ही जाती हैं। बच्चे अपनी समस्या सही तरीके से बता नहीं पाते हैं और उनके उपचार के दौरान उनसे परहेज कराना भी बडा मुश्किल काम होता है। ऎसे में बेहतर तरीका तो यही है कि इस मौसम की नजाकत को समझते हुए बच्चों को सीजनल बीमारियों से बचाने का प्रयास किया जाए। तो चलिए हम आपको चाइल्ड स्पेशलिस्ट से जुडे चिकित्सक के आधार पर बताते हैं कि ठंड के मौसम में आप अपने बच्चों को कैसे बीमारियों से दूर रख सकते हैं।
ठंड की आम परेशानियां
बच्चों को ठंड में सर्दी-जुकाम, लंबे समय तक खासी, इन्फ्लूएंजा, वायरल, फ्लू, अस्थमा, ब्रोन्काइटिस जैसी बीमारियों की आशंका अधिक होती है। ऎसे में अगर आपके बच्चे को तीन दिन से अधिक समय तक बुखार और जुकाम हो तो या फिर 4-5 दिन बिना बुखार के सर्दी टिकी रहे तो उसकी चिकित्सकीय उपचार में लापरवाही ना करें।
घरेलू नुस्खों
आमतौर पर बच्चे दवाएं लेने में आनाकानी करते हैं। ऎसे में अभिभावक बच्चों को सर्दी-जुकाम की शुरूआत घरों में अदरक, तुलसी आदि का सेवन कराते हैं। यदि बच्चे को बुखार नहीं है और इसके ऊपरी रेस्पिरेट्री हिस्से सर्दी से प्रभावित हैं तो ये घरेलू उपचार काफी हद तक उसके लिए फायदेमंद साबित होते हैं। अन्यथा डॉक्टर की सलाह से दवाएं लेना ही समझदारी है।
नैब्यूलाइजर से डरें नहीं
सामान्यत: अभिभावक बच्चों को नैब्यूलाइजर देने से घबराते हैं जबकि यह पूरी तरह सुरक्षित उपाय है। दरअसल, नैब्यूलाइजर का उपयोग आमतौर पर निलचे रेस्पिरेट्री हिस्सों में होने वाली समस्याओं से निजात दिलाने के लिए किया जाता है। अगर बच्चे को अस्थमा, ब्रोन्काइटिस या कोई वायरल संक्रमण है तो उसके उपचार के लिए चिकित्सक नैब्यूलाइजर का उपयोग करते हैं। इससे बच्चे को तुरंत राहत मिलती है। नैब्यूलाइजर घरेलू पद्धतियों का विकल्प नहीं है बल्कि निचले रेस्पिरेट्री हिस्सों से संबंधित रोगों के उपचार में मददगार है।
कुछ सावधानियां भी बरतें
ठंड से बचाने के लिए बच्चों को अच्छे से कवर करके रखें और उनके खान-पान में गर्म और इम्युनिटी बढाने वाली डाइट को महत्व दें। इसके अलावा भी कुछ सावधानियां बेहद जरूरी हैं जैसे- हाइजीन का खास ध्यान रखा जाए, दिन में कई बार बच्चों को हाथ धुलने की आदत डलवाएं, अधिक से अधिक पेय और गर्म पेय का सेवन कराएं। इसके अलावा इन्फ्लूएंजा और स्वाइन फ्लू की वैक्सीन भी बच्चों को जरूर दें जिससे वह इस मौसम में बीमारियों से दूर रहे।
दवा देते समय में रखें खास ख्याल
बच्चों और बडों के शरीर और जरूरतों में बहुत अंतर होता है ऎसे में उनकी समस्या का खुद उपचार करने के बजाय डॉक्टरी इलाज को तरजीह देना ही समझदारी है। हां, अगर आपके बच्चे को थोडा जुकाम है और राहत के लिए आप उसे कोई हल्की दवा दे रहे हों तो बेहतर होगा कि नेजल ड्रॉप जैसे विकल्पों पर जोर दें। इसके अलावा, क्रोसिन, कालपोल और पेरासीटामोल जैसी सामान्य दवाओं की छोटी डोज भी आप दे सकते हैं लेकिन बेहतर यही होगा कि चिकित्सकीय परामर्श से ही उसको कोई दवा दें।

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