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बच्चे दें अपार प्यार, अच्छी सीख

By: Team Aapkisaheli | Posted: 16 May, 2012

बच्चे दें अपार प्यार, अच्छी सीख
हर बच्चे का स्वभाव अलग होता है। कुछ बच्चो अपने परिवार वालों को बिना कुछ पूछे ही सब-कुछ बता देते हैं और कुछ बच्चो लाख कोशिशों के बावजूद भी अपनी बातें घरवालों से शेयर नही करते। उनके जीवन में क्या घटित हो रहा है, उनके दोस्त कौन हैं, उन्हें क्या पसंद है क्या नहीं, वे किसी भी बात को शेयर करना पसंद नही करते। पेरेन्ट्स को बच्चो की इस आदत को हल्के में नही लेना चाहिए बल्कि समय रहते मनोचिकित्सक से सलाह लें। मनोचिकित्सक कहते हैं कि आपके बच्चो में ऎसी कोई आदत है तो उसपर बचपन से ही ध्यान देने की जरूरत है। अन्यथा बच्चा फिर कभी भी आपकी भावनाओं से नही जुड पाएगा। बच्चो के साथ समय बिताएं अगर आपका बच्चा चुप रहता है तो उसके साथ अधिक से अधिक समय बिताएं व उसके साथ मित्रवत खेलने का प्रयास करें।
पुरस्कृत करें
अगर आपका बच्चा क्लास में अच्छे नम्बर लाता है या कोई प्रतियोगिता जीतता है तो उसके हर अच्छे काम को पुरस्कृत करें। इससे उसका आत्मविश्वास बढेगा।
निर्णय लेने की आजादी दें
अगर वो कोई फैसला लेना चाहता है तो उसके कार्यो का चयन व फैसले उसे स्वयं करने दें तथा उसे पूरा करने के लिए उसकी मदद करें। यानी आपको भी पता चलता रहे कि उसके द्वारा लिया गया फैसला कितना सही व कितना गलत है।
प्रेरणा जरूर दें
अगर बच्चा कोई नया काम करता है तो वह जो भी कार्य करे उस गतिविधि की सराहना करें व प्रोत्साहित करते रहें इसके साथ ही उसके कार्य की प्रेरणा सामूहिक रूप से दें ताकि उसका हौसला बढे।
बातें जरूर करें
आप चाहे कितने भी व्यस्त क्यों न हो पर बच्चे से कुछ न कुछ बातें जरूर करें। कोशिश करें कि सुबह के समय उसे ज्यादा से ज्यादा समय दें व बात करें, क्योंकि इस समय बच्चे शांत मन से अपनी बात कहते हैं और सुनते भी हैं।
जरूरत को समझें

आप जॉब की वजह से अपने बच्चो को समय नही दे पा रहे हैं और अपने बच्चो की जरूरत को नही समझ पा रहें हैं तो उनकी जरूरतों को समझने के लिए उन्हें समय दें।
दिनभर की बातों की चर्चा करें
रात में सोते समय उसके पास लेटें और दिन भर की अपनी बातें उसे बताएं ताकि वह भी अपनी दिनभर की घटनाओं की चर्चा आपसे करे। इसके अलावा आप खाना खाते समय भी बच्चे से पूरी दिनचर्या के बारे में पूछ सकते हैं, क्योंकि उस समय वह पूरी तरह से घर में रहता है मतलब ना तो उसको दोस्तों के साथ खेलना होता है और ना ही टीवी देखना होता है, इसलिए खाने के समय वह खुलकर बात कर सकता है।
पढाई का दबाव न बनाएं
पढाई के दौरान कोशिश करे कि लगातार पढने का दबाव उस पर न डालें बल्कि बीच में थोडा सा ब्रेक लेते हुए उससे बातें करे। आप बच्चे की मानसिक स्थिति को बेहतर ढंग से समझ सकेंगे।
पसंद व नापसंद जानें
घर से बाहर भी अगर आप उसके साथ में हैं तो बच्चे की पसंद व नापंसद को जान सकती हैं। इसलिए कोई भी सामान खरीदने से पहले उसकी पसंद जरूर पूछें ताकि उसको भी लगे कि घर में उसकी पंसद चल सकती है।
हमेशा टच में रहें
अगर आप बहुत ज्यादा व्यस्त हैं तो फोन द्वारा बच्चे से बात करें ताकि वो आपके टच में रहें। अगर आप इन बातों का ध्यान रखकर अपने बच्चे की परवरिश करेगे तो निस्संदेह आपका बच्चा आगे चलकर आपसे अपनी सारी बातें शेयर करेगा और अपनी जिंदगी के महत्वपूर्ण फैसलों की चर्चा भी आपसे करेगा।
 क्या न करें
  • जरूरत से ज्यादा लाड-प्यार न करें।
  •  गिफ्ट को लालच का जरिया न बनाएं।
  • बच्चे की चिंता एक हद तक करें, ज्यादा नहीं।
  •  बच्चे की हर बात को मना न करें।
  •   उसकी गलतियों पर पर्दा डालने की बजाए सुधारने की कोशिश करें।
  •   इमोशनली ब्लैकमेल ना करें।
  •  उसके दोस्तों व रिश्तेदारों से उसकी तुलना न करें।
  •  सजा दें, पर ऎसी नहीं जिससे उसे भावनात्मक रूप से चोट पहुंचे।
  •  अपनी हर बात मनवाने का दबाव उस पर न डालें। कोई बात जानने के लिए उससे जबरदस्ती न करें।
  •  बच्चे की अवहेलना न करें, ना ही उसे अकेला छोडें।
  • उसके कार्यो की तारीफ करें न कि गलती निकालें।
  • बच्चे के कार्यो की तारीफ करें न कि गलती निकालें।
  • अपशब्द का प्रयोग न करें।
  • अगर बच्चा किसी चीज की जिद करता है तो उसे तुरंत न मानें बल्कि प्यार से उसकी जिद का करण पूछें।

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