जामुन गलाए पथरी
By: Team Aapkisaheli | Posted: 24 Mar, 2012
जामुन अपने खट्टे-मीठे और कसैले स्वाद के कारण सबका पसंदीदा फल है। जामुन वातकारक, कफ-पित्तशामक और उल्टी को रोकने वाला है।
इसके बीज (गुठली) का उपयोग डायबिटीज व अन्य रोगों मे किया जाता है, इसका सिरका पाचक होता है। घरेलू नुस्खे क खूनी दस्त होने पर 4 ग्राम जामुन की गुठली के पाउडर को एक ग्लास मट्ठे में मिलाकर दिन में तीन बार पीएं, इससे दो-तीन दिन में आराम मिल जाएगा।
- पेचिस की अवस्था में जामुन के रस को शक्कर में मिलाकर पीने से तुरंत फायदा होता है।
- पथरी रोग में जामुन की गुठली का पाउडर दही के साथ सुबह-शाम 3 ग्राम की मात्रा में लें। इससे पथरी धीरे-धीरे गलकर निकल जाती है। इसके अलावा पका जामुन खाने से भी पथरी के मरीज को आराम मिलता है।
- स्वप्नदोष की स्थिति में 4-4 ग्राम जामुन की गुठली का पाउडर सुबह शाम पानी के साथ सेवन करने से स्पप्नदोष की शिकायत दूर हो जाती है।
- गले के हर विकार में, जैसे आवाज बैठ जाना, आवाज का भारीपन अथवा मोटी आवाज वालों को जामुन की गुठली का पाउडर शहद के साथ लेना चाहिए। इससे आवाज का भारीपन दूर होकर गला सुरीला होता है।
- जामुन की छाल को छाया में सुखाकर बारीक पीसकर कपडे से छान लें। इसका प्रयोग मंजन के रूप में करें। इससे दांत मजबूत होते हैं। साथ ही पायरिया और दांत दर्द से भी छुटकारा मिलता है।
- जामुन खाने या उसका 50 ग्राम रस पीने से उल्टी का वेग रूकता है। इससे दिल की तेज धडकन भी नियंत्रित होती है।
- आग से जलने पर घाव हो तो जामुन की छाल की राख तेल के साथ मिलाकर घाव पर लगाने से लाभ होता है।
- जामुन और आम की गुठलियो का 2-2 ग्राम पाउडर छाछ के साथ दिन में तीन बार लेने से पेटदर्द दूर होता है।
- मुंह में छाले हो जाने पर जामुन का रस लगाने या जामुन खाने से छाले तुरंत ठीक हो जाते हैं।
- जामुन को दो घंटे तक ठंडे पानी में भिगोकर रखें। फिर उनकी गुठलियां निकालकर कपडे से निचोड-छानकर रस निकाल कर रख लें। यह रस पेटदर्द, ह्वदय शूल, पेशाब में जलन आदि रोगों मे अत्यंत लाभदायक है।
- जामुन की गुठली को सुखाकर उसका पाउडर बनाकर रख लें। नियमित रूप से आधा चम्मच की मात्रा में सुबह-शाम पानी के साथ इसका सेवन करें। या जामुन की छाल को सुखाकर उसे जलाएं और राख बनाकर छान ले। फिर इसे बोतल में भरकर रख लें। सुबह-शाम खाली पेट पानी के साथ 60-65 मिलीग्राम की मात्रा में इसका सेवन करने से डायबिटीज नियंत्रित रहता है।