कहीं आंखों से चमक धुंधली ना होनी पाए
By: Team Aapkisaheli | Posted: 26 Dec, 2012
जब हर कुछ महीनों बाद मौसम बदल जाता है। तो क्यों ना आप भी अपने मेकअप के स्टाइल को मौसम के हिसाब से बदलें। आजकल तो आर्टिफिशियल आइ लैशेज और कलर्ड आइ लेंसेज का भी फैशन चल पडा है। लेकिन आंखों पर कुछ भी नया आजमाने से पहले आई कॉस्मेटिक्स से सम्बन्धित जरूरी बातें भी जानें, ताकि आंखों को कोई नुकसान न हो। आइए जानते हैं कि काजल, आइ लाइनर, मस्कारा, आइशैडो जैसे कई कॉस्मेटिक्स हैं, जिनका यूज से हम आंखों की खूबसूरती बढाने के लिए करते हैं। आंखों के कॉस्मेटिक्स से संबंधित जरूरी बातें।
काजल
काजल में कुछ कार्बन पार्टिकल्स पाए जाते हैं जो आंखों के लिए हानिकारक होते हैं। इससे आंखों में कंजेक्टिवाइटिस आई फ्लू और कॉर्नियल अल्सर आंख की पुतली पर घाव होने की आशंका रहती है। उचित उपचार न मिलने पर कॉर्नियल अल्सर के कारण आंख में फूला या माडा होने एवं नेत्र ज्योति जाने की आशंका रहती है। इसलिए आंखों पर काजल लगाते समय विशेष सावधानी बरतें। काजल पेंसिल को ज्यादा नुकीला नहीं रखें।
मस्कारा
मस्कारा को ब्रश की मदद से पलकों की ज़डों से किनारे की ओर लगाया जाता है। इससे पलकें घनी दिखती हैं। मस्कारा में इस्तेमाल कुछ खास प्रकार के केमिकल्स आंखों में एलर्जी पैदा करते हैं। इसलिए मस्कारा लगाते समय ध्यान रखें कि मस्कारा आंख के अंदर न जाने पाए। अगर आंखों में मस्कारा गलती से चला भी जाए, तो ऎसी स्थिति में आंखों को साफ पानी से धोना चाहिए। मस्कारा लगाने से पलकों पर खुजली हो या कोई अन्य परेशानी, तो इस स्थिति में मस्कारा का इस्तेमाल तुरंत बंद कर दें। एक बात और एक ही मस्कारा को अधिक दिनों तक यूज करने से आंखों में संक्रमण हो सकता है। इसलिए मस्कारा को 2-4 महीने के बाद ही बदल दें।
आई शैडो
आइ शैडो भौंहों और पलकों के बीच की त्वचा पर लगाई जाती है। आईशैडोज में भी विभिन्न प्रकार के केमिकल्स पाए जाते हैं। इनके इस्तेमाल से कई बार ऊपरी पलक पर एलर्जी, डर्मेटाईटिस होने की आशंका रहती है। ऎसा होने पर आईशैडो का इस्तेमाल बंद कर दें।
आई लैशेज
आंखों को अटै्रक्टिव दिखाने के लिए आर्टिफिशियल आई लैशेज का इस्तेमाल भी इन दिनों लडकियां खूब करने लगी हैं। आर्टिफिशियल आई लैशेज को लगाते या निकालते समय आंखें चोटिल हो सकती हैं। विशेष रूप से कोर्निया।
आई लाइनर
आइ लाइनर लिक्विड के रूप में यूज करें या पेंसिल के रूप में, आंखों पर लाइनर अप्लाई करते समय विशेष सावधानी रखें। गलत तरीके से लगाए गए आई-लाइनर से कंजेक्टिवाइटिस होने या कोर्निया इन्जरी होने की आशंका रहती है।