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कैसे पुरूष पसंद आते हैं महिलाओं को

By: Team Aapkisaheli | Posted: 11 Oct, 2012

कैसे पुरूष पसंद आते हैं महिलाओं को
लडके अगर कुछ फैक्टर्स के बल पर लडकियों को पसंद करते हैं, तो इस मामले में लडकियां भी कोई कम नहीं हैं। लडकों को पसंद करने के उनके अपने कायदे हैं और वे खुद से बेटर पोजि़शन वाले को जल्दी पसंद कर लेती हैं। इसके लिए वे कुछ ऎसी बातों तक को इग्नोर कर देती हैं, जिनसे समझौता आमतौर पर मुश्किल होता है। मशहूर दार्शनिक फ्रायड ने कहा था कि उन्हें इस बात का जवाब कभी नहीं मिला कि एक औरत अपनी जिंदगी से क्या चाहती हैं। कुछ ऎसी ही उधेडबुन से आपको आज की ज्यादातर महिलाएं भी जूझती दिख जाएंगी। बेशक इस कन्फ्यूजन के केंद्र में शादी और उससे जुडे सवाल ही अहम रहते हैं। ऎसे में यह सोचना कि महिलाएं फाइनैंशल तौर पर पुरूषों पर निर्भर नहीं होना चाहतीं, पूरी तरह से सच नहीं है। आज की महिलाएं भी बेहतर कòरियर से ज्यादा खुशहाल परिवार का सपना देखती हैं। हालांकि, इस बात को खुले तौर पर मानने में उन्हें थोडी हिचक होती है। जी हां, तमाम स्टडी से यह बात साबित हुई है। अक्सर देखा भी गया है कि ल़डकियां बॉयफेंड को शादी के लिए मना कर देती हैं। उनका कहना होता है कि वे अपने कòरियर में आगे बढना चाहती हैं और अभी सेटल होने के बारे में नहीं सोच रही हैं। लेकिन, हायर डिग्री वाले या फिर हाई इनकम वाले वेल-सेटल्ड लडके के साथ उनका रवैया ऎसा नहीं रहता। ऎसे पुरूष के साथ शादी के प्रपोजल को वे झट मान जाती हैं।
पुरानी सोच का डर
इसी तरह की एक रिसर्च से जुडीं लंदन स्कूल ऑफ इकॉनमिक्स की रिसर्चर कैथरिन हाकिम बताती हैं, दुनिया भर में विमिन इम्पॉवरमेंट की बातें लगभग 40 साल से चल रही हैं। ऎसे में बस हाउसवाइफ बनने की बात को महिलाएं स्वीकार नहीं पातीं। अगर यह बात उनके मन में होगी, तो भी वे दकियानूसी कहलाए जाने के डर से यह बात नहीं कहेंगी। हालांकि, हमारे आसपास ऎसी तमाम महिलाएं हैं, जो फाइनैंशल मैटर्स के लिए अपने पार्टनर पर डिपेंड रहना चाहती हैं। गौर करने वाली बात यह है कि उम्र ज्यादा होने पर भी महिलाएं ऎसे साथी के सपने संजोए रहती हैं , जो हर लिहाज से उनसे आगे हो। रिसर्च के दौरान देखा गया कि कई यूरोपियन देशों की उम्रदराज महिलाएं भी शादी के लिए तभी तैयार हुईं , जब उन्हें अपने से ज्यादा धनवान और पढे-लिखे पुरूष मिले। ब्रिटेन में लगभग 50 साल पहले हुई एक रिसर्च में 20 फीसदी महिलाएं अपने से ज्यादा पढे-लिखे पुरूष से शादी करना चाहती थीं, वहीं पिछले दशक में ये आंकडे 38 फीसदी तक पहुंच चुके हैं। यही पैटर्न पूरे यूरोप, यूएस और ऑस्ट्रेलिया में भी नोट किया गया। जाहिर है, तेजी से वेस्टर्न कल्चर में ढल रहीं इंडियन मेट्रोज की महिलाएं भी इस राह पर हैं।
राय अलग - अलग
हालांकि इस रिसर्च को लेकर महिलाओं की राय अलग - अलग है। जहां, कुछ इससे सहमत नजर आती हैं, वहीं कुछ को इसमें दम नजर नहीं आता। जिन्दगी में घर और ऑफिस की दुधारी तलवार पर लटकने से क्या मिलेगा आपको घर की जिम्मेदारी तो निभानी ही होगी, तो अच्छा है कि ज्यादा पैकेज वाले पुरूष से शादी की जाए। इस तरह न तो बॉस की धौंस सहनी पडेगी और एक स्टैंडर्ड के घर का आराम भी मिलेगा। हर सफल पुरूष ऎसी बीवी चाहता है, जो अपने लेवल पर सफल हो। इसलिए महिलाओं से जुडी इस रिसर्च में मुझे खास दम नहीं लग रहा है।
जानते हैं पुरूष राय
सही पोस्ट और पैसे से लडकी ही नहीं, बल्कि उसकी फैमिली को इंप्रेस करना भी आसान रहता है और रिश्तों में अनबन की गुंजाइश भी कम होती है। बकौल नीरज, मैंने अपनी गर्लफ्रेंड से साफ कह दिया है कि जब तक मैं सीनियर मैनेजर की पोस्ट पर नहीं आ जाता, सेटल होने का सवाल ही नहीं उठता है। इससे उसे भी कोई ऎतराज नहीं है, क्योंकि उसकी फैमिली को भी तो ऊंची पोस्ट का दामाद पसंद आएगा ! कुछ पुरूष इस मामले को थोडा और दूर ले जाते हैं। उनका कहना है कि हाई सोसाइटी की तमाम महिलाएं अपने पार्टनर के एक्स्ट्रा मैरिटल अफेयर तक को इसी वजह से इग्नोर कर देती हैं। सुंदर और सुरक्षित भविष्य की चाहत में सब कुछ जानते हुए भी वे ज्यादा हायतौबा नहीं मचातीं। इस तरह सोसाइटी में उनकी बेइज्जती भी नहीं होती और ऎशोआराम की जिंदगी भी बनी रहती है।
एक्सपर्ट की मानने तो
इस स्थिति के लिए समय के साथ महिलाओं की सोच में आए बदलाव को जिम्मेदार मानती हैं। पहले अरेंज्ड मैरिज में लडके की पोजिशन को प्रिफरेंस दी जाती थी , लेकिन अब लव मैरिज में भी यह बात कॉमन है। फिर भले ही वहां लडकियां लडके के पैकेज से ज्यादा उससे अपने कॉमन रूचि और बराबरी को तवज्जो देने की बात कहें, लेकिन ऎसी प्रोफेशनल लडकियां अरेंज्ड मैरिज में भी इन्हीं मुद्दों को लेकर आगे बढती हैं। हालांकि, इसमें कुछ गलत नहीं है, क्योंकि स्टेटस और मनी मैटर्स सभी की जिन्दगी में मायने रखती है।

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