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हैल्थ इज वैल्थ

By: Team Aapkisaheli | Posted: 09 July, 2012

हैल्थ इज वैल्थ
हैल्थ इज वैल्थ सिर्फ एक कहावत नहीं, बल्कि जिन्दगी की हकीकत है और हकीकत यह भी है कि महिला परिवार की धुरी होती है लेकिन कामकाजी महिलांए नौकरी व अन्य जिम्मेदारियों की वजह से इतनी कि ठीक से खाना भी नहीं खा पातीं। ऑफिस टाइम पर पहुंचने की हडबडी में सुबह का नाश्ता तो उन का अकसर छूट ही जाता है। इस का सीधा असर सेहत पर पडता है। जो एकदम तो नहीं, मगर इसका असर धीरे-धीरे सामने आता है। कई बार नाश्ता करके नहीं जाने से ऑफिस पहुंच कर भूख लगने पर वे जंक फूड का सहारा लेती हैं। जो हैल्थ के लिए हानिकारक है।
नाश्ते का महत्व
नाश्ता दिन का सबसे महत्तवपूर्ण भोजन होता है। नाश्ता ना करने का अर्थ है आप के शरीर को पर्याप्त ऊर्जा ना मिलना। रात के खाने और सुबह उठने के बाद का अंतराल लम्बा होता है और पूरा दिन काम करने के लिए आप को ऎनर्जी की आवश्यकता होती है, जो केवल नाश्ते से ही मिल पाती है। अगर नाश्ता ना करें तो कुछ समय बाद खाने की इच्छा होती है और लोग पूरा दिन फिर कुछ न कुछ खाते ही रहते हैं। ऎसी सूरत में भूख मिटाने के चक्कर में अनहैल्थी फूड ही लिया जाता है। अगर आप सुबह कुछ नहीं खाती हैं तो खाली पेट रहने से मैटावोलिज्म पर असर पडता है। वह ईधन जो हमारे शरीर को चलाता है, उस का नाम ग्लूकोज है। विभिन्न कार्य करने के लिए हमारे मस्तिष्क और स्त्रायुतंत्र को इस ईधन की आवश्यकता होती है और अगर आप इस की पूर्ति नहीं करते हैं तो आप का शरीर अपौष्टिक आहार खाने लगता है।
मैटाबोलिज्म असर
मैटाबोलिज्म वह प्रक्रिया है, जिससे आप का शरीर खाए गए भोजन को ऎनर्जी में बदलता है ताकि शरीर ठीक ढंग से कार्य कर सके। नाश्ता पूरी रात की नींद के बाद आप के मैटाबोलिज्म को काम पर लगाता है। अगर नाश्ता न किया जाए तो शरीर में मैटाबोलिज्म की प्रक्रिया धीमी होने के कारण कैलोरी जलने के बजाय शरीर में जमा होती रहती है। कैलोरी जमा होने का अर्थ शरीर में चरबी का बढना। जो महिलाएं खुद कोफिट रखने या डाइटिंग के चक्कर में नाश्ता नहीं करतीं, उन की यह आदत उलटी दिशा में काम करती है। यदि नाश्ता न करने के कारण आप शरीरिक रूप से सक्रिय नहीं हैं तो शरीर इ स अवस्था को भूख से ग्रस्त स्थिति समझ लेता है। अगर नाश्ते में कम वसायुक्त भोजन के साथ प्रोटीनयुक्त पदार्थ लिए हो तो लंच में अधिक खाने की इच्छा स्वत: ही खत्म हो जाती है। नाश्ता ना करने से पूरी प्रक्रिया बिगड जाती है, जिससे बाद में लंच के समय अधिक खाया जाता है और न्यूट्रिशन फूड ना लेने की वजह से वजन बढता है। जिसे कम करना आसान नहीं होता। नाश्ता अधिक फैट बर्न करने के लिए आपके मैटाबोलिज्म कोबढा देता है। देर से नाश्ता करने वह स्तर धीमा हो जाता है और वजन कम करना कठिन। पौष्टिक नाश्ता करने से आपसे जो संतुष्टि मिलती है, उस से अन्य पौष्टिक भोज्यपदार्था को खाने की इच्छा नहीं होती। कई महिलाएं अकसर चिप्स, समोसे या चाट खाती नजर आती हैं, जो मोटापा बढाने में मदद करते हैं। ऎसा भरपूर नाश्ता ना करने की वजह से होता है। अपने साथ हमेशा फल व सलाद रखें, भूख लगने पर उन का सेवन करें। शरीर में ऎनर्जी बनाए रखने के लिए आपको ताजा और पौष्टिक तत्वों से युक्त नाश्ता करती हैं तो दिन भर आपके अंदर स्फूर्ति बनी रहती है। ऎनर्जी बनाए रखने के लिए अपने दिमाग को ग्लूकोज प्रदान करें। जो ईधन की तरह काम करेगा। कौप्लैक्स काबोंüहाइडे्रट का आहार सबसे बेहतर रहता है। यह आहार ग्लूकोज को धीरे=धीरे रक्तप्रवाह में जाने देता है। जिससे आप लम्बे समय तक चुस्त बनी रहती है।
हैल्दी नाश्ता
हैल्दी नाश्ता वही होता है जिसमें विटामिन, मिनरल, प्रोटीन, फाइबर व लो फैट का और फलों, मेवों व श्हद का समावेश हो। दही में प्रोटीन प्रचूर मात्रा में होता है और उसे खानेसे काफी समय तक संतुष्टि बनी रहती है। काबोंहाइडे्रट के रूप में सूखे मेवे में शहद मिलाने से आपको ऎनर्जी मिलेगी। उसमें अगर अखरोट भी डाल लें तो आप को ओमेगा-3 भी मिल जाएगा। फलों व मेवौं के साथ ओटमील भी लें। ओटमील में प्रचुर मात्रा में घुलनशील फाइबर होता है, जो कोलैस्ट्रौल कम करने में मदद करता है। ओटमील में मौसमी फलों के साथ सूखे मेवे डाल कर खा सकती हैं।

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