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दिल के लिए ये आदतें हैं अच्छी

By: Team Aapkisaheli | Posted: 15 May, 2012

दिल के लिए ये आदतें हैं अच्छी
दिल को सुरक्षित रखने के लिए आप लाख जतन करते हों लेकिन ऎसी कई मामूली सी बातें नजरअंदाज कर दी जाती हैं जिनके दुष्प्रभाव बाद में दिखाई पडते हैं। ह्वदयरोग विशेषज्ञों का कहना है कि अक्सर लोग दिल की सेहत की तो बात करते हैं लेकिन उसके लिए कुछ करते नहीं। यदि आप भी अपना दिल स्वस्थ रखना चाहते हैं तो इन पांच बहानों से तौबा कर लें। अपने वजन को ज्यादा न बढाएं
ह्वदयरोग विशेषज्ञ कहते हैं कि यह बात केवल 10-15 प्रतिशत लोगों के लिए ही होती है। ये वे लोग होते हैं जो फैट एंड फिट होते हैं और ये गुण उन्हें जेनेटिक मिलते हैं। यह बात हर व्यक्ति पर लागू नहीं होती। यदि आप वाकई वजन घटाना चाहते हैं तो सबसे पहले दिमाग को इसके लिए तैयार करें। इसके बाद अपना नया ईटिंग प्लान बनाएं,यह सोचकर नहीं कि कुछ महीनों के लिए करना, बल्कि इसे स्थायी रूप से अपनी दिनचर्या का हिस्सा बनाएं।
बाहर का खाना ज्यादा न खाएं
यदि आप घर से ज्यादा बाहर खाते हैं या खाना पसंद करते हैं तो सम्भल जाइए। आहार विशेषज्ञ भी मानते हैं कि वाहर खाते वक्त न तो आप सामग्री का ध्यान रखते हैं, न मात्रा का। हर रोज बाहर का तीखा, चटपटा और मसालेदार खाना दिल को नुकसान पहुंचा सकता है। यदि आप दिल और शरीर को स्वस्थ बनाए रखना चाहते हैं तो घर का खाना ही उचित होगा।
वर्कआउट के लिए समय निकालें
ये सबसे आम बहाना है। लोग कहते हैं, उनके पास समय नहीं है। ऎसे कैसे समय नहीं हैक् जरा एथलीट्स के वर्कआउट प्लान पर नजर डालें। 3 मिनट वार्म अप 10 इंटरवल्स 60 सैकंड के (30 सेकंड तेज गति और 30 सेकंड सामान्य गति के साथ) 8 इंटरवल्स 30 सेकंड के (15 सेकंड तेज गति और 15 सेकंड सामान्य गति के साथ)
3 मिनट कूल-डाउन
आप चाहे टहलें, ट्रेडमिल, साइकिलिंग या किसी अन्य मशीन पर कसरत करें, बीच-बीच में थोडा-थोडा ब्रेक जरूर लें। इससे दिल को मजबूती मिलती है और ज्यादा कैलोरीज खर्च होती है। लगातार व्यायाम करने के बजाए इस तरह विराम (इंटरवेल्स)लेते हुए की गई कसरत से चर्बी जल्दी घटती है। यह तरीका दिमाग की सेहत के लिए भी अच्छा है।
दवाइयों से परहेज न करें
ह्वदयरोग विशेषज्ञों के अनुसार अक्सर मरीज दवाओं की बजाय वैकल्पिक और प्राकृतिक तरीके अपनाना चाहते हैं। लेकिन ऎसा करना पूरी तरह सही नहीं है। कई बार दवाएं दिल के लिए जीवनदायी साबित होती है। जहां तक सवाल है नैचुरल सप्लीमेंट का, ये भी पूरी तरह प्राकृतिक नहीं होते। इनमे भी कुछ न कुछ रसायन होता है।
बदलाव की कोई उम्र नहीं
कई लोगों को कहना होता है कि जीवनशैली में बदलाव की अब उनकी उम्र नहीं रही। यदि आप भी ऎसा ही सोचते हैं, तो जरा अपने इर्द-गिर्द नजर दौडाएं। आपको कई ऎसे बुजुर्ग मिल जाएंगे, जो 70-80 की उम्र पार कर चुके होंगे लेकिन उनमें जोश और सक्रियता बरकरार रहती है। इसकी वजह है संतुलित जीवनशैली जिसमें नियमित व्यायाम, पौष्टिक खान-पान और समय-समय पर डॉक्टरी परामर्श अहम है। अच्छी सेहत के लिए जो भी शुरू करें उसे लिए उम्र बाधक नहीं होती।

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