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सेहत का आईना पैर...

By: Team Aapkisaheli | Posted: 07 Sep, 2012

सेहत का आईना पैर...
चेहरा वो आईना होता है जो सब कुछ बया कर देता है। लेकिन एक नई मेडिकल साइंस की रिपोर्ट के मुताबिक, फेस नहीं बल्कि पैर आपकी सेहत का हाल सही-सही बता सकते हैं। आप पैरों को कुछ मिनट गौर से देखेंगी, तो आपको पता चल जाएगा कि आप कितनी फिट हैं और वह भी बिना डॉक्टर के पास जाए। इस बारे में डॉक्टर्स का कहना है कि बॉडी में किसी भी तरह की प्रॉब्लम का असर सबसे पहले फीट पर दिखाई देता है। चूंकि पैरों पर बहुत कम लोग ही ध्यान देते हैं। इसी कारण वह अपनी हेल्थ के बारे में नहीं जान पाते हैं। कैल्शियम की कमी से नेल्स का वाइट हो जाना बॉडी में कैल्शियम की कमी के कारण नेल्स वाइट हो जाते हैं। अगर आप प्रॉपर डाइट नहीं ले रही हैं, तो इससे भी नेल्स वाइट हो जाते हैं। आप अपनी डाइट में दूध, छाछ और दूसरे डेयरी प्रॉडक्ट्स शामिल करें। इसके अलावा, कैल्शियम की गोलियां भी लें। नेल्स का पीला पडना अगर आपके पैर के नेल्स येलो कलर के होते जा रहे हैं, तो एक बात तो साफ है कि आपकी बॉडी में हीमोग्लोबिन की कमी है। दरअसल, हीमोग्लोबिन की कमी से नेल्स की शेप भी चेंज होने लगती है। वहीं, नेल्स नॉर्मल साइज के होते ही टूट जाते हैं। पैरों का कभी भी ठंडा हो जाना अक्सर आपने महिलाओं को कहते सुना होगा कि पैर कभी भी ठंडे हो जाते हैं। यहां तक कि समर में भी। दरअसल, यह थायरॉइड की वजह से होता है। अगर आप 40 साल से ज्यादा की हैं, तो समझ जाइए आपको थायरॉइड हो सकता है। बॉडी में पानी की कमी पैर फटने की एक वजह बॉडी में वॉटर लेवल की कमी है। कुछ महिलाओं के पैर पूरे साल फटे रहते हैं। डॉक्टर अखिलेश के मुताबिक, केवल विंटर में अगर पैर फटते हैं, तो कोई परेशानी वाली बात नहीं है, लेकिन पूरे साल पैर फटे रहते हैं, तो आप रोज ज्यादा से ज्यादा पानी पीएं। इसके अलावा, फ्रूट जूस या लिç`ड जूस वगैरह भी ले सकती हैं। दरअसल, पैरों के बार-बार फटने से इंफेक्शन वगैरह भी हो सकता है। अगर प्रेग्नेंट महिलाओं के पैर बहुत फट रहे हैं, तो इसका मतलब है कि आपके शरीर में कैल्शियम, पोटैशियम या मैग्निशियम की कमी है। इससे बचने के लिए बैलेंस डाइट लें। डैमेज नर्वस सिस्टम आपके पैर कभी भी सुन्न हो जाते हैं या उनमें चुभन जैसी फीलिंग होती है। इसका मतलब है कि आपका नर्वस सिस्टम डैमेज हो सकता है। डॉ. अजय के मुताबिक, डायबीटीज के कारण या ज्यादा ड्रिंक करने से भी कई बार ऎसी सिचुएशन हो सकती है। ऎसे में जरूरी है कि आप केयरफुल रहें। थो़डी सी लापरवाही भी आपको हर्ट कर सकती है, इसलिए समय रहते डॉक्टर से चेकअप करवाएं, ताकि आगे किसी भी तरीके की परेशानी से बच सके। डायबीटीज होने का संकेत अगर आपके पैरों में सूजन हैं और कई दिन तक रहती है, तो आपको डायबीटीज हो सकती है। इसका पता चलते ही फुटवेयर का सही सिलेक्शन तो जरूरी है ही, साथ ही समय रहते डायबीटीज का टेस्ट करवाकर उसे कंट्रोल करें। फुट बाथ गर्म पानी लें। अब पैरों को टावल से टाइट लपेट लें और इन्हें पानी में डूबो दें। इससे बॉडी का टेंपरेचर बढ़ेगा और पसीना आएगा। यह पैरों की हेल्थ के लिए बहुत जरूरी है। पानी गुनगुना होते ही दूसरे टब में गर्म पानी लें। टावल के बिना पैरों को टब में 15 से 20 मिनट तक रखें। इसके बाद दो से तीन मिनट तक ठंडे पानी में रखें। इस प्रोसेस के एक घंटे बाद तक हवा में न जाएं। फूट बाथ से लंग्स, हार्ट, ब्रेन में ब्लड सर्कुलेशन तेज होगा। साथ ही जुकाम, माइग्रेन, अस्थमा, हार्ट प्रॉब्लम्स व टायर्डनेस भी दूर होगी। पैरों को करें रिलैक्स एक टब में गुनगुना पानी लें। इसमें एक नीबू का रस और एक कप ओटमील डालकर घोलें। अब इस पानी में 10 मिनट तक पैरों को डुबोएं। इसके बाद हल्के हाथों से रग़डकर उन्हें साफ पानी से धोएं और पोंछकर सुखाएं। फुटक्रीम लगाकर मसाज करें। पैरों का रखें खास ख्याल कैल्शियम की कमी होने पर गोलियां लें। पैरों का हेल्दी रखने के लिए प्रॉपर एक्सर्साइज करें। दिन कम से कम 8 गिलास पानी जरूर पीएं, साथ ही फूट जूस भी लेती रहें। पैरों में शाइनिंग के लिए स्मोकिंग और ड्रिंक्स अवॉयड करें।

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