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पूरी नींद लें, निरोगी रहें

By: Team Aapkisaheli | Posted: 19 Apr, 2012

पूरी नींद लें, निरोगी रहें
आज हर कोई अपनी जिंदगी में तनाव का शिकार है। यह तनाव ही है जो इंसान की नींद में खलल डालता है, और उसे चैन से सोने नही देता है। नींद नही आना सेहत के लिए अच्छे संकेत नही हैं अगर आप भरपूर नींद नहीं ले पा रहे हैं तो निpय ही आपको अपनी दिनचर्या पर गौर करने की जरूरत है, अन्यथा देर करने पर आप गंभीर बीमारियों के शिकार हो सकते हैं।
न खुद सोते हैं न साने देते हैं
ऎसे बहुत से लोग हैं, जो न तो खुद समय पर सोते हैं और न दूसरों को सोने देते हैं। देर रात तेज आवाज में म्यूजिक बजाकर, टीवी चलाकर, या फिर किसी न किसी रूप में नींद में खलल डालते हैं।
असमय नींद आना
अक्सर देखा जाता है कि कुछ लोग ड्राइव करते समय, ऑफिस में काम करते समय या मीटिंग में (अर्थात् जब सोना नहीं चाहिए) सोते हुए पाए जाते हैं और सबसे खतरनाक बात ये है कि ऎसे समय में उन्हें गहरी नींद में जाने में महज 10 सैकेंड लगते हैं। सडक पर ये समय हादसा घटित करने के लिए काफी है।
भरपूर नींद जरूरी
सामान्यत: 6 से 8 घंटे की नींद और वो भी भरपूर यानी सुखद, होना बहुत जरूरी है इसका मतलब आपको अपने जीवन का 33 प्रतिशत हिस्सा नींद के लिए निकालना जरूरी है। इससे कम हुआ तो चिडचिडापन, तनाव, डायबिटीज, हाइपरटेंशन, याद्दाश्त में कमी, काम से ध्यान उचटना, रिश्तों में तनाव, दिल का दौरा या ब्रेन हेमरेज तक हो सकता है। कुल मिलाकर कहें, तो नींद में लगातार खलल जिंदगी को मुश्किल में डाल सकता है।
शरीरिक प्रणाली में बाधा
हमारे शरीर में कई तरह के हार्मोन स्त्रावित होते हैं जो शरीर को सुचारू रूप से चलाने के लिए जरूरी हैं। समय पर नहंीं सोने और सही घंटो तक नहंी सोने की वजह से डायरनल रिदम नामक प्रणाली बाधित होती है। डायरनल रिदम हार्मोस के चरम पर पहुंचने और उसके फायदे मिलने के लिए जिम्मेदार है। अगर उस समय आप जाग रहे हैं, तो यह हार्मोन स्त्रावित नहीं होेगे और सुबह उठने पर आप सिरदर्द या पूरे दिन चिडचिडापन महसूस करेंगे।
तनाव का तनाव
आप कहेंगे कि तनाव की वजह से नींद नहीं आती जबकि डॉक्टर्स कर मानना है कि तनाव को भूलकर,उसे हराकर,अच्छी नींद लेने की कोशिश करें। क्योंकि तनाव से हारे तो नींद न आने की वजह से ये और बढेगा। और ये तनाव का तनाव बदले में आपको डायबिटीज से लेकर दिल के दौरे तक कई घातक बीमारियां दे सकता है। चैन की नींद पाने के लिए क डिनर के बाद कम से कम सौ कदम घूमें
  •  वक्त पर यानी रात साढे दस से ग्यारह के बीच सोएं तथा सुबह साढे छह से सात के बीच उठें।
  •  खान-पान व जीवनशैली को व्यवस्थित रखें।
  •  परिवार के साथ अच्छा समय बिताएं।
  •  कोई कार्टून फिल्म या कॉमेडी फिल्म देंखें।
  •  सोने से पहले कोई गेम खेलें।
  •  सामान्य नींद का प्रयास करें।
  •  दवा से बचें।
इन लक्षणों को नजरंदाज न करें
  •  लगातार चिडचिडापन क खर्राटे लेना
  •  दिन-भर थकान महसूस करना
  •  ध्यान केंन्द्रित करने में मुश्किल
  •  सामान्य समय पर कुछ पढते या टीवी देखते हुए खुद को जगाए रखने में मुश्किल महसूस करना
  •  सुबह उठते ही सिरदर्द रहना।
  •   नींद आने में दिक्कत महसूस करना
  •   रात में कई बार नींद टूटना।

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