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पहला-पहला प्यार है, पहली-पहली बार है

By: Team Aapkisaheli | Posted: 11 Oct, 2012

पहला-पहला प्यार है, पहली-पहली बार है
हर लडकी का सपनों का एक राजकुमार होता हैं, वह अपने प्रियतम में राजकुमार की छवि ढूंढने लगती हैं जिसको सपना वो बचपन से देखते हुए बडी हुई है लेकिन उसके व्यक्तित्व के कई अनछुए और अनजाने पहलू ऎसे भी होते हैं जो उसके सपनो से ज्यादा महत्वपूर्ण होते है जिन्हें वह नहीं जान पाती। यह बात सच है कि लडकों का व्यवहार और उनके सोचने का तरीका बिलकुल अलग होता है। इसलिए आपको अपने दोस्त से इस बात की उम्मीद नहीं करनी चाहिए कि वह बिलकुल बदलकर आपकी तरह हो जाएगा। आपको उसे बदलने की कोशिश भी नहीं करनी चाहिए। तो आइये जानते हैं ऎसे ही कुछ अनछुए पहलूओं को।
पहले समझें अपने रिश्ते को
प्यार की पहली नजर को हर किसी ने अनुभव किया होगा, ये एक ऎसा अनुभव है जब आप के लिए आपका साथी पहली प्राथमिकता होता है, ऎसे में आपसे मिलने के लिए वक्त से पहले पहुंचना और घंटो इंतजार करना प्रेम रूपी तपस्या का ही एक हिस्सा होता है। वक्त बितने पर जब सामंजस्य बढ जाता हैं तब ये उम्मीद कम कर देना चाहिये कि एक प्रेम पत्र के साथ वो रोज सुबह फूलों का गुलदस्ता आपके दरवाजे पर रख कर जाएगा, या फिर पहले की तरह सुबह शाम फोन पर घंटो बाते किया करेगा। वह दो-तीन दिनों तक आपको फोन ना कर पाए, तो आपको अपनी नाराजगी दिखाते समय यह नहीं भूलना चाहिए कि जिस तरह उसके किसी व्यवहार से आपको दुख पहुंचता है, उसी तरह आपकी भी कुछ बातें उसकी भावनाओं को ठेस पहुंचा सकती हैं।
भावनाएं शब्दों की मोहताज नहीं
तारीफ सुनना हर व्यक्ति को अच्छा लगता हैं, लेकिन नारी जैसी निर्मलता पुरूषों में कम होती हैं। हो सकता है वो आपकी उम्मीद पर पूरी तरह नहीं उतर पाए, या अपनी भावनाओं को शब्दों में ना ढाल पाए। आपके किसी तोहफे पर धन्यवाद जैसे औपचारिक शब्दों की उम्मीद रखने की बजाय उसकी आंखों में उतर आई प्रसन्नता को देखने की कोशिश करें।
लडकों की अपेक्षाएं अलग होती हैं
प्रेम को तो ऋषि मुनियों ने भी पवित्र माना है, दैहिक आकर्षण तो एक प्राकृतिक लक्षण है जिससे कोई भी परे नहीं रह पाया है, हमारे समाज में कुछ नियमों को संस्कार का रूप दिया है जिसे कई बार युवा वर्ग अपनाने से मना कर देते हैं इसका मतलब ये नहीं को वो सिर्फ आपसे शारीरिक आकर्षण से जुडा हैं यदि आप इन नियमों का पालन करना चाहती हैं तो आप पर निर्भर करता हैं कि नाराज होने या उसका तिरस्कार करने की बजाय प्रेम से समझा पाती हैं या नहीं, दैहिक संबंध से परे एक और चीज बहुत महत्वपूर्ण होती है वो है स्पर्श जो उसे प्रियतमा के दैहिक आकर्षण से परे अपनत्व का एहसास दिलाएगा।
हर रूप में नारी है एक-सी
ऎसी ही कुछ विचार होते हैं पुरूषों के, चाहे वो पत्नी हो या प्रेमिका वो उसमें हर रूप को खोजने की कोशिश करता है। आप अपने हर रूप को उसके सामने कितना साकार कर पाते हैं ये आप पर निर्भर करता है। उसकी छोटी-छोटी जरूरतो को पूरा कर, निराशा के समय में हिम्मत दिलाकर, खुशी के पलों की सहभागिता बन आप नारी के हर रूप को साकार कर सकती हैं।
जाहिर ना होने दें नाराजगी
लडकियां अपनी सारी भावनाएं दूसरों के सामने बडी सहजता से जाहिर कर देती हैं। अगर उन्हें किसी बात से नाराजगी भी होती है तो वे उसे सबके सामने जाहिर कर देती हैं। लडके इस मामले में काफी धैर्यवान और गंभीर होते हैं। लडकों में छोटी-छोटी बातों को लेकर बेवजह बहस या रोक-टोक करने की प्रवृत्ति नही पाई जाती है। कई बार ऎसा भी होता है कि किसी छोटी-सी बात पर या बेवजह भी लडकों को बहुत तेज गुस्सा आता है और ऎसी स्थिति में आपसी संबंधों में दरार पडने तक की नौबत आ जाती है। अगर आप दोनों के संबंधों में कभी ऎसी स्थिति आए तो उसे सुधारने के मामले में आपकी जिम्मेदारी बढ जाती है। इसलिए जिस समय आपके साथी को गुस्सा आ रहा हो तो उस वक्त आप उसे कुछ न कहें। बाद में जब उसका गुस्सा शांत हो जाए तब आप उसे प्यार से समझाएं कि उसे ऎसा नहीं करना चाहिए था। लडके अपने बारे में खुद कुछ भी बताने के बजाय अपनी साथी से यही उम्मीद रखते हैं कि वह खुद ही लडके की मन स्थिति और उसकी पसंद या नापसंद के बारें मे स्वयं समझकर हमेशा उसी के अनुकूल व्यवहार करे। इसलिए बेहतर यही होगा कि आप अपने साथी को नाराज होने का मौका नहीं न दें।

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