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कैसे होता है इमोशनल अफेयर्स

By: Team Aapkisaheli | Posted: 01 Mar, 2013

कैसे होता है इमोशनल अफेयर्स
लाइफ पार्टनर के होते हुए भी जब हम किसी और के इतने करीब आ जाते हैं कि उससे अपने मन की सारी बातें शेयर करने लगते हैं और उसे बातें करना अच्छा भी लगता है। उसी के साथ बाहर जाना, उठना-बैठना, शॉपिंग करना, हमें अच्छा लगने लगता है, तो यह इमोशनल अफेयर्स की शुरूआत ही मानी जाएगी। चाहे समय की कमी के चलते या अन्य कारणों से जब हम अपने जीवन साथी से इमोशनली और फिजिकली भी दूर होने लगते हैं, तो अपने किसी करीबी दोस्त से अपने मन की बातें शेयर करने लगते हैं और धीरे-धीरे हम उससे भावनात्मक रूप से जुडते चले जाते हैं।

इमोशनल अफेयर्स के साइडइफेक्ट्स

बहुत सी ऎसी बातें होती हैं, जिन्हें आप अपने जीवनसाथी से शेयर नहीं करना चाहते, जैसे अपने जीवनसाथी की बुरी आदतें, डर्टी चैट्स लेकिन अपने इमोशनल पार्टनर के साथ ये सब आराम और आसानी से शेयर कर लेते हैं। यही कारण है कि आप उसके साथ ज्यादा कंफर्टेबल फील करने लगते हैं।

आपकी भावनात्मक जरूरतें जब अपने दोस्त से पूरी होने लगती हैं, तो आप अपने जीवनसाथी से कनेक्ट होने की जयरत ही नहीं महसूस करते हैं।

धीरे-धीरे ये इमोशनल अफेयर्स सेक्सुअल अफेयर्स में भी बदल जाता है।

ऎसे बहुत से कपल्स मिला जाएंगे, जिनमें पति कहते है कि मेरी पत्नी मुझे समझती ही नहीं और पत्नियों की शिकायत यह होती है कि हमारे पति कभी हमारी तारीफ नहीं करते।

ऎसे में जब उन्हें लगता है कि उनका दोस्त या कलीग उनकी बुराइयां नहीं निकालता या उनकी कमियों पर उन्हें टोकटा नहीं, तो वो ज्यादा अंडरस्टैंडिंग लगने लगता है।

भले ही आपके इमोशनल अफेयर में शारीरिक सम्बन्ध ना बने हों, लेकिन कहीं ना कहीं आपने अपने जीवनसाथी को उन पलों से दूर खा, जो सिर्फ और सिर्फ उसी के होने चाहिए थे, जो बातें सिर्फ उसी के साथ शेयर की जानी चाहिए थीं। आप अपने जीवनसाथी की खामियों को दूसरे व्यक्ति से शेयर करने लगते हैं।

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