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स्तन संबंधी परेशानियां और उनके उपचार

By: Team Aapkisaheli | Posted: 07 Aug, 2014

स्तन संबंधी परेशानियां और उनके उपचार स्तन संबंधी परेशानियां और उनके उपचार
स्तन संबंधी परेशानियां और उनके उपचार
स्तन में सबसे सामान्य तरह का दर्द ऋतुस्त्राव अवधि को नियंत्रित करने वाले हार्मोनों द्वारा उत्पन्न होता है। ऎसे हार्मोन चैंज के कारण ऋतुस्त्राव अवधि आरंम होने के कई दिन पहले से दोनों स्तनों में दर्द हो सकता है। यह दर्द ऋतुचक्र के साथ आता-जाता रहता है, इसलिए इसे चक्रीय स्तन दर्द कहते हैं।
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  • शरीर में पित्त बढ़ने का संकेत है बार-बार मुंह में हो रहे छाले, अनदेखा करना पड़ सकता है भारीशरीर में पित्त बढ़ने का संकेत है बार-बार मुंह में हो रहे छाले, अनदेखा करना पड़ सकता है भारी
    बार-बार मुंह में हो रहे छाले सामान्य बात नहीं है, क्योंकि यह खराब पाचन का संकेत है। खराब पाचन पेट के साथ-साथ मुंह, आंत, लिवर समेत कई अंगों को प्रभावित करता है। आयुर्वेद ने मुंह के छालों को पित्त से जोड़ा है। शरीर में पित्त बढ़ने से छाले होते हैं और अगर स्थिति गंभीर है तो यही मुंह के छाले श्वास नली तक पहुंच जाते हैं और पेट में अल्सर की परेशानी भी हो सकती है। इसके अलावा, पेट की गर्मी, विटामिन B12 की कमी, कब्ज, ज्यादा मसालेदार भोजन और मुंह में संक्रमण की वजह से भी छाले हो सकते हैं।...
  • शरीर को सर्वाइवल मोड में डाल देती है नींद की कमी, दिमाग लेने लगता है माइक्रो-स्लीपशरीर को सर्वाइवल मोड में डाल देती है नींद की कमी, दिमाग लेने लगता है माइक्रो-स्लीप
    सेलिब्रिटी न्यूट्रिशनिस्ट पूजा मखीजा ने बताया कि नींद की कमी शरीर को सर्वाइवल मोड में डाल देती है, जहां बायोलॉजी खुद कंट्रोल ले लेती है। उन्होंने बताया कि शरीर कैलेंडर या व्यस्तता का इंतजार नहीं करता। कम नींद आने पर वह स्ट्रेस सर्वाइवल मोड में चला जाता है, जहां बायोलॉजी कंट्रोल ले लेती है। कम नींद से दिमाग माइक्रो-स्लीप लेने लगता है। इसमें आंखें खुली रहते हुए 3-15 सेकंड के छोटे झपकी, जो सुरक्षा के लिए होती है। एक रात की कम नींद से कोर्टिसोल (स्ट्रेस हार्मोन) 37 प्रतिशत बढ़ जाता है, जिससे पेट की चर्बी, भूख, चिंता और इंसुलिन रेजिस्टेंस बढ़ती है।...
  • Health Advice: स्मार्टफोन बन रहा आपकी सेहत का दुश्मन, लंबी स्क्रीन टाइमिंग से स्पॉन्डिलाइटिस का खतराHealth Advice: स्मार्टफोन बन रहा आपकी सेहत का दुश्मन, लंबी स्क्रीन टाइमिंग से स्पॉन्डिलाइटिस का खतरा
    विज्ञान के अनुसार, मोबाइल फोन के अत्यधिक उपयोग से कमर दर्द, गर्दन और कंधों में तनाव, स्पॉन्डिलाइटिस और रीढ़ की हड्डी की समस्याएं बढ़ रही हैं। इसे टेक नेक या स्मार्टफोन सिंड्रोम भी कहा जाता है। जब हम लंबे समय तक फोन को झुककर देखते हैं, तो हमारी रीढ़ की हड्डी पर अतिरिक्त दबाव पड़ता है, जिससे मांसपेशियों में खिंचाव, जोड़ों में दर्द और हड्डियों की कमजोरी तक हो सकती है।...

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