‘संजू’ में मैंने क्या लीपापोती की? : हिरानी

By: Team Aapkisaheli | Posted: 12 , 2018

‘संजू’ में मैंने क्या लीपापोती की? : हिरानी
मेलबर्न। लीपापोती, मीडिया पर प्रहार और महिमा मंडन। ‘संजू’ के निर्माताओं पर तब से ये आरोप लग रहे हैं, जबसे अभिनेता संजय दत्त के उथल-पुथल भरे जीवन पर बनी यह फिल्म रिलीज हुई है। अब उनके पास उनके खुद के सवाल हैं।

‘संजू’ यहां अंतर्राष्ट्रीय मेलबर्न फिल्म महोत्सव (आईएफएफएम) के नौवें संस्करण में दिखाई जा रही है। राजकुमार हिरानी ने यहां आईएएनएस द्वारा ‘संजू’ में मीडिया पर किए गए प्रहार को लेकर पूछे जाने पर कहा, ‘‘अगर मैं इस बारे में बात करूंगा तो मैं इस पर पूरा दिन बोल सकता हूं।’’

हिरानी के साथ इस जीवनी के सह-लेखक अभिजीत जोशी ने कहा, ‘‘इसमें मीडिया पर कोई प्रहार नहीं किया गया है। हम मीडिया के बहुत बड़े प्रशंसक हैं।’’

जोशी ने कहा, ‘‘हमने जिस पर प्रहार किया है, वह एक खास हिस्सा है, जो चीजों को सनसनीखेज बनाता है, चीजों को ‘चटपटा’ बनाने के लिए प्रश्नचिन्ह का प्रयोग करता है। उनकी आलोचना की गई है, और मैं विस्मित हूं कि उनकी तरफ से कोई आत्मावलोकन नहीं हुआ है, किसी ने यह भी नहीं कहा कि ऐसी चीजें होती हैं।’’

यह संदर्भ इस फिल्म के दृश्य के प्रसंग को लेकर है, जिसमें एक अखबार की कटिंग दिखाई गई है और उसमें लिखा है कि ‘‘दत्त आवास पर आरडीएक्स से भरा ट्रक खड़ा मिला?’’ यह प्रश्नचिन्ह लगानेवाली पत्रकारिता ही उनकी समस्या है।

हिरानी ने कहा, ‘‘अगर आज दुनिया यह मानती है कि उन्होंने आरडीएक्स रखा था, तो यह सिर्फ उस एक खबर के कारण है। इसिलिए हमने उसकी आलोचना की। लेकिन अब जब हमें बताया जाता है कि पूरी फिल्म मीडिया की आलोचना के लिए है, तो दुबारा एक हेडलाइन चुनने जैसा है।’’

उन्होंने कहा, ‘‘जब हम किसी भ्रष्ट पुलिस अधिकारी को दिखाते हैं, तो इसका मतलब यह नहीं है सभी पुलिसवाले गलत हैं।’’

संजय की नशे की आदत, निजी रिश्तों, 1993 के सीरीयल बम ब्लास्ट के संबंध में हथियार रखने के लिए जेल की सजा, अपने माता-पिता और दोस्तों के साथ उनका रिश्ता -- ‘संजू’ में अभिनेता जीवन के विभिन्न पहलुओं को दिखाया गया है, लेकिन काफी कुछ छोड़ भी दिया गया है।

जोशी ने सवाल उठाया, ‘‘क्या आप ऐसा सोचते हैं कि राजकुमार हिरानी ने अपने कैरियर के इस मोड़ पर अपने जीवन के 3 साल केवल किसी के महिमामंडन करने पर लगा दिया?’’

उन्हें जो चीज परेशान करती है, वह यह कि लोग (जिन्हें आत्मावलोकन करने की जरूरत है) आत्मावलोकन बिल्कुल भी नहीं करते हैं।

जोशी ने कहा, ‘‘लेकिन सौभाग्य से दर्शक ऐसे नहीं हैं। भारतीय दर्शकों को बहुत-बहुत धन्यवाद।’’
(आईएएनएस)

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