यह होगा रूपए में गिरावट का असर, बढ सकता है बिजली का बिल

By: Team Aapkisaheli | Posted: 16 May, 2012

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यह होगा रूपए में गिरावट का असर, बढ सकता है बिजली का बिल
नई दिल्ली। डॉलर के मुकाबले रूपए में रिकॉर्ड गिरावट कहीं मंदी की आहट तो नहीं है। संसद में चर्चा के दौरान भाजपा सांसद मुरली मनोहर जोशी ने इसी तरह की आशंका जताई है। जोशी ने कहा कि देश में 1991 जैसे हालात पैदा हो सकते हैं।

खुद सरकार रूपए में गिरावट से चिंतित है। वित्त मंत्री प्रणव मुखर्जी ने कहा है कि सरकार को मितव्ययी कदम उठाने होंगे। रूपये की रिकॉर्ड कमजोरी आम आदमी पर बिजली का बोझ भी बढा सकती है। खास तौर पर जिस क्षेत्र में गैस आधारित बिजली परियोजनाओं से बिजली की आपूर्ति की जाती है उन पर डॉलर की मजबूती काफी गहर असर डालने जा रही है। बिजली कंपनियों का कहना है कि रूपये की कमजोरी की वजह से गैस आधारित बिजली परियोजनाओं को बिजली की कीमत 44 पैसे प्रति किलोवाट बढाने के लिए मजबूर होना पड सकता है।

रूपए में गिरावट का सीधा असर उन लोगों पर पडेगा जो विदेशों में पढाई का सपना देख रहे हैं। अब उन लोगों को विदेश में पढाई के लिए ज्यादा पैसे चुकाने पडेंगे। विदेश घूमने जाने वालों को भी जेब ढीली करनी पडेगी। तेल कंपनियों पर बोझ बढेगा। कच्चा तेल आयात करने वाली कंपनियों को अब ज्यादा पैसे चुकाने पडेंगे। एक अनुमान के मुताबिक एक रूपया कमजोर होने से तेल कंपनियों पर कुल 9000 करोड रूपए का बोझ पडेगा। तेल आयात महंगा पडने से सरकार पर सब्सिडी का बोझ बढेगा। इससे पेट्रोल के दाम बढ जाएंगे। इसके अलावा सभी तरह की धातुओं का आयात भी महंगा हो जाएगा रूपए में गिरावट से कुछ सेक्टर को फायदा भी होता है। इनमें आईटी सेक्टर शामिल है। आईटी सेक्टर डॉलर में भुगतान करता है। इसलिए उसको फायदा होगा। इसके अलावा गहने और टेक्सटाइल उद्योगों को भी फायदा होगा।
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