तीनों फॉर्मेट में एक ही कप्तान चाहता था : धौनी

By: Team Aapkisaheli | Posted: 14 Jan, 2017

तीनों फॉर्मेट में एक ही कप्तान चाहता था : धौनी
पुणे। हाल ही में एकदिवसीय और टी-20 टीम की कप्तानी छोडऩे वाले महेन्द्र सिंह धौनी ने शुक्रवार को कहा कि उनका मानना है कि कि खेल के तीनों प्रारूपों में एक ही कप्तान होना चाहिए। इसी कारण उन्होंने कप्तानी छोड़ दी। धौनी टेस्ट टीम की कप्तानी पहले ही छोड़ चुके थे। अब उन्होंने एकदिवसीय और टी-20 टीम की कप्तानी भी छोड़ दी है। इससे विराट कोहली के तीनों प्रारूप का कप्तान होने का रास्ता साफ हो गया। धौनी ने कहा की टीम के लिए हर प्रारूप में अलग-अलग कप्तान होना अच्छा नहीं है। सभी प्रारूप में एक कप्तान रहने से टीम बेहतर होती है। उन्होंने कोहली को कप्तानी सौंपने का यह सही समय बताया।

धौनी ने इंग्लैंड के खिलाफ एकदिवसीय श्रृंखला से पहले पुणे में एक संवाददाता सम्मेलन में यह बातें कहीं। धौनी ने कहा, टेस्ट कप्तान के रूप में इस्तीफा देने के समय से ही मुझे पता था कि भारत में दो कप्तानों की रणनीति कभी काम नहीं करेगी। सीमित ओवरों की टीम में विकेटकीपर के तौर पर शामिल धौनी ने कहा कि वह कोहली के टेस्ट कप्तान के तौर पर सहज होने का इंतजार कर रहे थे और इसीलिए उन्होंने सही समय पर कप्तानी से इस्तीफा देने का फैसला किया। धौनी ने कहा, मैं सही समय का इंतजार कर रहा था। मैं चाहता था कि कोहली टेस्ट प्रारूप में अपने पैर जमा लें। मेरे फैसला गलत नहीं है।

यह समय की बात थी और मुझे लगा कि अब इस्तीफा देने का सही समय है। धौनी ने विराट कोहली की कप्तानी की तारीफ की और कहा कि वह हमेशा से अपने आप में सुधार करना चाहते थे। धौनी ने कहा, कोहली और मैं शुरू से ही साथ में रहे हैं। वह हमेशा सुधार करना चाहते हैं और टीम में अपना योगदान देना चाहते हैं। मेरा मानना है कि विराट की कप्तानी वाली टीम सबसे सफल टीम है। धौनी ने कहा कि 2014 में आस्ट्रेलिया टेस्ट श्रृंखला के बीच में टेस्ट कप्तान के रूप में इस्तीफा देने के पीछे रिद्धिमान साहा को अवसर प्रदान करना था, जो दूसरे विकेटकीपर के तौर पर उभर रहे हैं। धौनी ने कहा, मैंने यह फैसला क्यों किया, इसके लिए आपको गहराई से सोचने की जरूरत है।

सबसे अधिक जरूरी क्या है? साहा टीम में थे और अंतिम टेस्ट मैच से पहले कप्तानी छोडऩे के कारण उन्हें विकेटकीपर के रूप में एक और मैच खेलने का मौका मिल रहा था। धौनी ने साथ ही कहा कि वह टीम हित में अपने बल्लेबाजी क्रम में भी बदलाव के लिए तैयार हैं। उन्होंने इससे पहले हुए अपने बल्लेबाजी क्रम में बदलाव के कारण भी बताए। धौनी ने कहा, शीर्ष क्रम के बल्लेबाज अच्छी बल्लेबाजी कर रहे थे और मुझे लगा कि निचले क्रम में कोई तेजी से रन बनाने वाला बल्लेबाज नहीं है। इसलिए मैंने निचले क्रम में बल्लेबाजी करने का फैसला किया। धौनी ने कहा, कई वर्षो से मैंने टीम की जरूरत के हिसाब से बल्लेबाजी क्रम में बदलाव किया। मुझे आगे जो जिम्मेदारी दी जाएगी उसके हिसाब से मैं दोबारा भी बल्लेबाजी करने को तैयार हूं।

धौनी ने कहा, एक क्रिकेट खिलाड़ी के तौर पर 2007 के बाद से कई चीजें बदली हैं। मैंने 2004 में पदार्पण किया था और 2007 में मुझे कप्तानी दी गई। अगर मैं वहां से अपना सफर देखूं तो मुझे टीम की जरुरत के हिसाब से बदलाव करने पड़े हैं। मैंने निचले क्रम में बल्लेबाजी से शुरुआत की थी और फिर ऊपर आया। मेरा बल्लेबाजी क्रम कभी तय नहीं रहा। मुझे 25-30 ओवर बल्लेबाजी करने मिलते थे, हालांकि पिछले कुछ वर्षो से इसमें बदलाव हुआ है। धौनी ने अभी तक अपने सफर को भी साझा किया। उन्होंने कहा, मैं अपनी जिंदगी में किसी चीज पर पछताता नहीं हूं। कई अच्छी चीजें मेरे साथ हुई हैं। मेरे लिए यह सफर उतार चढ़ाव भरा रहा है। जब मैंने शुरुआत की थी तो कई सीनियर खिलाड़ी साथ में थे और जब वो सभी चले गए तो हमें यह सुनिश्चित करना था कि माहौल जैसा है वैसा बना रहे। कुल मिलाकर यह वो सफर था जिसका मैंने पूरी तरह से आनंद लिया और जिससे मेरे चेहरे पर मुस्कान आई।

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