शिक्षक भर्ती घोटाला : चौटाला, बेटा की 10 साल की सजा बरकरार

By: Team Aapkisaheli | Posted: 05 Mar, 2015

	
शिक्षक भर्ती घोटाला : चौटाला, बेटा की 10 साल की सजा बरकरार
नई दिल्ली। दिल्ली उच्च न्यायालय ने शिक्षकों की नियुक्ति से जुडे घोटाले के मामले में हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री ओम प्रकाश चौटाला, उनके बेटे अजय चौटाला और तीन अन्य को भ्रष्टाचार के जुर्म में दी गई 10 साल की कैद की सजा को आज बरकरार रखा। न्यायाधीश सिद्धार्थ मदुल ने शेर सिंह बडशामी और दो अन्य आईएएस अधिकारियों विद्याधर और संजीव कुमार की भी 10 साल कैद की सजा बरकरार रखते हुए कहा कि उन्होंने शिक्षकों की नियुक्ति की प्रчRया को कलंकित कर दिया और भ्रष्टाचार करके इस प्रчRया को नुकसान पहुंचाया है।

न्यायाधीश ने यह भी कहा कि दोषियों ने दूसरे लोकसेवकों के मूल्यों के मापदंडों को चुनौती दी और अन्य पर भी इसमें शामिल होने के लिए दबाव डाला। उच्च न्यायालय ने शेष 50 दोषियों को भी दो-दो साल कैद की सजा सुनाई। उसने अपने सामने लंबित सभी जमानत आवेदनों का भी निपटान करते हुए इन लोगों को आत्मसमर्पण करने के निर्देश जारी किए। अदालत ने यह भी कहा कि जो लोग पहले ही दो साल की सजा काट चुके हैं, उन्हें रिहा कर दिया जाएगा।

78 वर्षीय चौटाला अपनी दोषसिद्धि और सजा को चुनौती देने के लिए सात फरवरी को उच्च न्यायालय पहुंचे थे। वहां उन्होंने इस आधार पर जेल की सजा निलंबित करने की मांग की थी कि वह अस्वस्थ हैं और कई बीमारियों से पीडित हैं। 16 जनवरी को एक निचली अदालत ने इनेलो प्रमुख, उनके विधायक पुत्र अजय चौटाला और दो आईएएस अधिकारियों समेत 53 अन्य लोगों को वर्ष 2000 में हरियाणा में 3,206 जूनियर बेसिक ट्रेंड (जेबीटी) शिक्षकों की अवैध नियुक्ति का दोषी ठहराया था। अदालत ने चौटाला पिता-पुत्र और तीन अन्य को 10-10 साल कैद की सजा सुनाई थी।

इन अन्य तीन लोगों में दो आईएएस अधिकारी (तत्कालीन प्राथमिक शिक्षा निदेशक संजीव कुमार, चौटाला के पूर्व ओएसडी विद्याधर) और हरियाणा के तत्कालीन मुख्यमंत्री शेर सिंह बडशामी के राजनीतिक सलाहकार शामिल थे। सभी 55 दोषियों को भारतीय दंड संहिता और भ्रष्टाचार रोकथाम कानून की धारा 120बी (आपराधिक षडयंत्र), 418 (धोखाध़डी), 467 (जालसाजी), 471 (जाली दस्तावेजों का इस्तेमाल) के तहत दोषी करार देकर सजा सुनाई गई।

Mixed Bag

Ifairer