रामदेव के ट्रस्ट को सेवाकर विभाग का नोटिस

By: Team Aapkisaheli | Posted: 05 Jun, 2012

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रामदेव के ट्रस्ट को सेवाकर विभाग का नोटिस
नई दिल्ली। आयकर विभाग के बाद अब सेवाकर विभाग ने योग गुरू रामदेव के ट्रस्ट को 4.94 करोड रूपए के बकाए का भुगतान करने का नोटिस भेजा है। यह नोटिस ट्रस्ट को देशभर में आयोजित योग शिविरों से हुई आमदनी पर सेवा कर न देने के विरूद्ध भेजा गया है। केंद्रीय उत्पाद खुफिया महानिदेशालय (डीजीसीईआई) की जासूसी एवं जांच इकाई ने रामदेव द्वारा संचालित ट्रस्टों की विभिन्न गतिविधियों के 2006 के बाद के खातों की जांच की।

इससे पहले आयकर विभाग ने रामदेव के ट्रस्टों को 58 करोड रूपए का नोटिस भेजा था। नया नोटिस सेवा कर विभाग द्वारा हरिद्वार की पतंजलि योग पीठ को विभिन्न मूल्य वाले कूपनों की बिक्री के लिए भेजा गया है। ये कूपन योग शिविर आयोजन के लिए देश और प्रवासी लोगों को बेचे गए। पिछले पांच बरस में इन योग शिविरों में हजारों लोग शामिल हुए। रामदेव के प्रवक्ता एसके तिजारावाला ने अपनी प्रतिक्रिया में कहा कि हम सेवाकर विभाग की कार्रवाई का प्रतिरोध करेंगे। हम नोटिस का जवाब दे रहे हैं। "योग शिविर चिकित्सा राहत की श्रेणी में आते हैं और इनसे होने वाली आय को व्यावसायिक आमदनी नहीं माना जा सकता।" कहा जा रहा है कि रामदेव के योग शिविरों से आयोजित आमदनी सेवा कर के दायरे में आती है। लोग इन शिविरों में भाग लेने के लिए ये कूपन खरीदते हैं। सेवा कर के प्रावधानों के अनुसार योग स्वास्थ्य एवं अनुकूलता सेवाओं की कर योग्य सूची में है।

सूत्रों ने कहा कि एजेंसी के अधिकारियों ने जांच के दौरान देशभर में ऎसे विभिन्न मूल्य के कूपन पाए। पीछे की सीट से आगे आने पर इन कूपनों का दाम बढता जाता है। डीजीसीईआई ने यह भी दर्ज किया कि गैर निवासी योग शिविरों के लिए कूपन दर 51 से 7,000 रूपए तक है। वहीं निवासी शिविरों के लिए एसी सुविधा के साथ कूपन की दर 8,000 से 12,000 रूपए है। एजेंसी ने रामदेव के ट्रस्टों द्वारा आयोजित शिविरों के खातों की भी जांच की है। सूत्रों ने बताया कि आयकर विभाग को भी इन शिविरों से आमदनी की जानकारी दी जाएगी, जो संभवत: अभी तक आयकर के दायरे से बचे हुए थे। हाल में आयकर विभाग ने 2009-10 के आकलन वर्ष के लिए हरिद्वार के पतंजलि योगपीठ ट्रस्ट, दिव्य योग मंदिर ट्रस्ट और भारत स्वाभिमान ट्रस्ट को 120 करोड रूपये की आमदनी के लिए नोटिस भेजा गया है।

आयकर विभाग ने इन गतिविधियों को व्यावसायिक करार दिया है। रामदेव के ट्रस्ट ने आयकर विभाग के आदेश को चुनौती देते हुए कहा है कि उनके पास छिपाने के लिए कुछ नहीं है। रामदेव इन दिनों काले धन के खिलाफ अभियान चला रहे हैं।
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