कांग्रेस के खिलाफ स्वामी की याचिका खारिज

By: Team Aapkisaheli | Posted: 07 Nov, 2012

शाहरूख का महिलाओं का सम्मान, शुरूआत दीपिका से करेंगे!
कांग्रेस के खिलाफ स्वामी की याचिका खारिज
नयी दिल्ली। चुनाव आयोग ने मंगल को जनता पार्टी प्रमुख सुबह््रमण्यम स्वामी की उस याचिका को खारिज कर दिया जिसमें उन्होंने कांग्रेस पार्टी की मान्यता को इस आधार पर रद्द करने की मांग की थी कि उसने एक कंपनी को 90 करोड रूपये का ऋण देकर नियमों का उललंघन किया है। मुख्य निर्वाचन आयुक्त वीएस संपत की अध्यक्षता में आयोग ने स्वामी की अर्जी खारिज करते हुए कहा कि उनकी याचिका किसी राजनीतिक दल की मान्यता समाप्त करने के लिए निर्धारित किसी भी आधार के तहत नहीं आती है। चुनाव आयोग ने स्वामी को भेजे पत्र में कहा, पार्टी की मान्यता रद्द करने के लिए आपने जो आधार बताया है वह राजनीतिक दल की मान्यता को समाप्त करने के लिए निर्धारित किसी भी आधार के तहत नहीं आता। आयोग ने कहा कि स्वामी द्वारा चुनाव चिन्ह:आरक्षण एवं आवंटन:आदेश -1968 के पैरा 16-ए का हवाला देते हुए लिखे गये तीन और पांच नवम्बर के पत्र विचार योग्य नहीं हैं। इस प्रावधान के तहत यदि कोई दल चुनाव आचार संहिता या आयोग के किसी निर्देश का पालन करने मेें विफल रहता है तो आयोग को उसकी मान्यता निलंबित करने या उसे वापस लेने का अधिकार है। आयोग ने यह भी स्पष्ट किया है कि जन प्रतिनिधितव कानून की धारा 29-बी और 29 सी में प्रावधान है कि धारा 29 ए के तहत पंजीकृत कोई राजनीतिक दल किस तरह से अपने लिये धन की व्यवस्था करेगा लेकिन इस कानून में ऎसा कोई प्रावधान नहीं है जिसमें यह कहा गया हो कि राजनीतिक दल किस तरह से इस धन का इस्तेमाल करेंगे। आयोग ने यह भी कहा कि स्वामी के आरोपों के अनुसार अगर पार्टी ने आयकर कानून 1961 के किसी प्रावधान का कथित रूप से पालन नहीं किया है तो यह मामला उसके अधिकार क्षेत्र में नहीं है । स्वामी ने चुनाव आयोग को तीन नवम्बर को लिखे पत्र में कहा था कि प्रथम दृष्टया कांग्रेस ने चुनाव कानून और आयकर कानून के तहत अपराध किया है और इस मामले में सुनवाई करना और पार्टी की मान्यता समाप्त करने पर निर्णय करना जरूरी है। स्वामी ने आरोप लगाया था कि सोनिया गांधी के नेतृतव वाली भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस ने एसोसिएटेड जर्नल्स प्राइवेट लिमिटेड नाम की कंपनी को 90 करोड रूपये से ज्यादा का कर्ज देकर नियमों का उल्लंघन किया है इसलिए उसकी मान्यता खत्म की जाये । आयोग ने उसकी निष्पक्षता पर प्रश्नचिन्ह लगाने संबंधी स्वामी के आरोप को भी गंभीरता से लेते हुए इन्हें पूरी तरह निराधार करार दिया और ठुकरा दिया । आयोग ने कहा कि स्वामी ने जिस अखबार की खबर का हवाला दिया है उससे आयोग का कोई लेना देना नहीं है । आयोग ने यह भी कहा कि उसने तीन या चार नवम्बर को कोई निर्णय ही नहीं किया था । इसलिए फैसले को लीक करने का कोई प्रश्न ही नहीं उठता है ।
शाहरूख का महिलाओं का सम्मान, शुरूआत दीपिका से करेंगे!Next

Mixed Bag

Ifairer