सुप्रीम कोर्ट ने पूछा : कैसे दिया अल्पसंख्यकों को आरक्षण
By: Team Aapkisaheli | Posted: 11 Jun, 2012
नई दिल्ली। केन्द्रीय शैक्षणिक संस्थानों में ओबीसी के 27 फीसदी आरक्षण में से अल्पसंख्यकों के लिए 4.5 फीसदी कोटा तय करने के फैसले को लेकर केन्द्र सरकार को सुप्रीम कोर्ट से तगडा झटका लगा है। सुप्रीम कोर्ट ने आंध्र प्रदेश हाईकोर्ट के उस फैसले पर रोक लगाने से इनकार कर दिया जिसमें आरक्षण को अवैध करार दिया गया था। सुप्रीम कोर्ट ने इतने गंभीर मुद्दे को केन्द्र सरकार की ओर से हल्के में लेने पर निराशा जताते हुए पूछा कि आपने किस आधार पर आरक्षण दिया।
कोर्ट ने कहा कि आरक्षण के समर्थन में दस्तावेज संलग्न नहीं करना चिंताजनक है। सुप्रीम कोर्ट ने अटॉर्नी जनरल ई वाहनवती को आरक्षण को न्यायोचित ठहराने संबंधी तमाम दस्तावेज मंगलवार को कोर्ट के समक्ष पेश करने को कहा। इस मामले पर अब बुधवार को सुनवाई होगी। केन्द्र सरकार ने आंध्र प्रदेश हाईकोर्ट के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी। मामले पर सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि अल्पसंख्यकों के आरक्षण के संबंध में केन्द्र सरकार ने आंध्र प्रदेश हाईकोर्ट के समक्ष जरूरी दस्तावेज पेश क्यों नहीं किए। न्यायाधीश केआर राधाकृष्णन और न्यायाधीश जेएस शेखर की पीठ ने कहा कि ओबीसी के लिए 27 फीसदी आरक्षण पिछले एक दशक से जारी है।
केन्द्र सरकार को अल्पसंख्यकों के लिए 4.5 फीसदी आरक्षण का मुद्दा पहले पिछडा वर्ग के राष्ट्रीय आयोग और अल्पसंख्यक आयोग के समक्ष ले जाना चाहिए था। केन्द्र सरकार ने खुद जरूरी मैटेरियल आंध्र हाईकोर्ट के समक्ष पेश नहीं किया और उसी को दोष दे रहे हैं कि वह उनके तथ्यों को परख नहीं पाया। अटार्नी जनरल ई वाहनवती ने स्वीकार किया कि सरकार ने आंध्र प्रदेश हाईकोर्ट के समक्ष इस मुद्दे पर सही तरीके से नहीं रखा।