सफलता-विफलता किसी के वर्तमान या भविष्य का निर्धारण नहीं करती हैं : मोदी

By: Team Aapkisaheli | Posted: 19 Feb, 2021

सफलता-विफलता किसी के वर्तमान या भविष्य का निर्धारण नहीं करती हैं : मोदी
नई दिल्ली । प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को कहा कि सफलता और असफलता किसी के वर्तमान या भविष्य का निर्धारण नहीं करते हैं। विश्वभारती विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह को वर्चुअली संबोधित करते हुए मोदी ने कहा कि कोई निर्णय लेने के बाद आपको वांछित परिणाम नहीं भी मिल सकता है, लेकिन आपको निर्णय लेने से डरना नहीं चाहिए।

प्रधानमंत्री ने इस बात पर जोर दिया कि यदि आपका इरादा स्पष्ट है और आपकी निष्ठा "मां भारती" (मातृभूमि) के प्रति है, तो हर निर्णय किसी न किसी समाधान की ओर अवश्य बढ़ेगा।

उन्होंने कहा कि सफलता और असफलता हमारे वर्तमान और भविष्य का निर्धारण नहीं करते हैं। हो सकता है कि आपको किसी निर्णय के बाद आपके द्वारा सोचा गया परिणाम न मिले, लेकिन आपको निर्णय लेने से डरना नहीं चाहिए।

ज्ञान के महत्व पर प्रकाश डालते हुए मोदी ने कहा कि आपको हमेशा याद रखना होगा कि ज्ञान, शिक्षा और कौशल स्थिर नहीं हैं, बल्कि यह एक सतत प्रक्रिया है, और इसमें सुधार की गुंजाइश रहेगी। लेकिन ज्ञान और शक्ति दोनों जिम्मेदारी के साथ आते हैं।

प्रधानमंत्री ने कहा कि यह केवल विचारधारा का सवाल नहीं है, बल्कि मानसिकता का भी मामला है। आप जो करते हैं, वह इस बात पर निर्भर करता है कि आपकी मानसिकता सकारात्मक है या नकारात्मक। जो लोग दुनिया में आतंक और हिंसा फैला रहे हैं, वे बहुत ही शिक्षित और कुशल लोग होते हैं, जबकि दूसरी ओर ऐसे लोग भी हैं जो एक महामारी से लड़ते हुए प्रयोगशालाओं में दिन-रात काम कर रहे हैं।

उन्होंने कहा कि विश्व भारती न केवल एक विश्वविद्यालय है, बल्कि एक जीवंत परंपरा का हिस्सा है।

उन्होंने कहा कि गुरुदेव (रवींद्रनाथ टैगोर) विश्वभारती को सिर्फ एक विश्वविद्यालय के रूप में देखना चाहते थे, न कि एक वैश्विक विश्वविद्यालय के रूप में। रचनात्मकता की कोई सीमा नहीं होती - इस सोच के साथ गुरुदेव ने इस विश्वविद्यालय की नींव रखी।

प्रधानमंत्री ने कहा कि उन्होंने कहा कि विश्व-भारती केवल ज्ञान का स्थान नहीं है, अपितु यह भारतीय संस्कृति के सर्वोच्च लक्ष्य तक पहुंचने का एक प्रयास है।

शिक्षा में बंगाल के योगदान पर प्रकाश डालते हुए, मोदी ने कहा कि बंगाल ने अतीत में भारत के समृद्ध ज्ञान और विज्ञान को आगे बढ़ाने में देश का नेतृत्व किया है। बंगाल सर्वश्रेष्ठ भारत के लिए प्रेरणा का स्थान रहा है और कार्यस्थल भी।

राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) का उल्लेख करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि नई एनईपी ने पुरानी बेड़ियों को तोड़ने के अलावा छात्रों को अपनी क्षमता दिखाने की पूरी आजादी दी है। यह शिक्षा नीति आपको आपकी भाषा में अलग-अलग विषय पढ़ने की स्वतंत्रता देती है।

उन्होंने कहा कि यह शिक्षा नीति उद्यमशीलता, स्व रोजगार, अनुसंधान और नवाचार को भी बढ़ावा देती है। यह शिक्षा नीति आत्मनिर्भर भारत के निर्माण में भी एक महत्वपूर्ण कदम है। (आईएएनएस)

लडकों की इन 8 आदतों से लडकियां करती हैं सख्त नफरत

Top 7 बिना मेकअप के देखा है टीवी अभिनेत्रियों को !

उफ्फ्फ! ऐश ये दिलकश अदाएं...


Mixed Bag

Ifairer