लगातार दूसरे सप्ताह फिसला शेयर बाजार, वित्त विधेयक पर टिकी नजर

By: Team Aapkisaheli | Posted: 06 May, 2012

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लगातार दूसरे सप्ताह फिसला शेयर बाजार, वित्त विधेयक पर टिकी नजर
मुम्बई। मई के प्रथम सप्ताह में चार दिन चले कारोबारी सप्ताह लगातार गिरावट दर्ज की गई। मंगलवार एक मई को महाराष्ट्र दिवस के मौके पर शेयर बाजारों में कारोबार बंद रहे। देश के शेयर बाजारों में चार मई को समाप्त कारोबारी सप्ताह में गिरावट दर्ज की गई। पिछले सप्ताह शेयर बाजारों में गिरावट दर्ज की गई थी।

पिछले सप्ताह शनिवार को बम्बई स्टॉक एक्सचेंज (बीएसई) का 30 शेयरों वाला संवेदी सूचकांक सेंसेक्स 1.07 फीसदी या 186.50 अंकों की गिरावट के साथ 17,187.34 पर और नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) का 50 शेयरों वाला संवेदी सूचकांक निफ्टी 5,209.00 पर बंद हुआ था। प्रमुख सूचकांक सेंसेक्स 2.07 फीसदी या 356.26 अंकों की गिरावट के साथ 16,831.08 पर और निफ्टी 2.34 फीसदी या 122.15 अंकों की गिरावट के साथ 5,086.85 पर बंद हुआ।

इस सप्ताह शेयर बाजारों में चार दिनों का कारोबारी सत्र सम्पन्न हुआ। बीएसई के मिडकैप और स्मॉलकैप सूचकांकों में भी गिरावट रही। मिडकैप 2.73 फीसदी या 171.53 अंकों की गिरावट के साथ 6,100.80 पर और स्मॉलकैप 2.05 फीसदी या 137.91 अंकों की गिरावट के साथ 6,726.17 पर बंद हुआ। शनिवार को तकनीकी उन्नयन के लिए विशेष संक्षिप्त कारोबारी सत्र का आयोजन किया गया। इस दौरान शेयर बाजारों में तेजी रही थी। तकनीकी उन्नयन के लिए शनिवार को सुबह 11.15 बजे से 12.45 बजे तक वायदा और विकल्प सेगमेंट में कारोबार हुआ। आलोच्य सप्ताह में बीएसई के 13 में से तीन सेक्टरों सूचना प्रौद्योगिकी (2.89 फीसदी), प्रौद्योगिकी (2.24 फीसदी) और स्वास्थ्य सेवा (0.36 फीसदी) में गिरावट रही। बीएसई में गिरावट वाले सेक्टरों में प्रमुख रहे वाहन (5.21 फीसदी), पूंजीगत वस्तु (5.20 फीसदी), बिजली (4.21 फीसदी), बैंकिंग (4.05 फीसदी) और धातु (3.71 फीसदी)। भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा बैसल-3 नियमों को लागू करने से सम्बंधित दिशा निर्देश की घोषणा करने के बाद बैंकिंग शेयरों में तेज गिरावट देखी गई।

कमजोर रूपये के बीच मारीशस के रास्ते आने वाले निवेश पर कर को लेकर नई आशंकाओं तथा फीके तिमाही कार्य परिणाम को देखते हुए शेयर बाजार असमंजस में है। बाजार को दिशा देने वाले कारक फिलहाल नदारद हैं। इस सप्ताह बाजार की नजर संसद में वित्त विधेयक पर चर्चा पर रहेगी और निवेशकों को उम्मीद है कि सरकार जीएएआर पर स्थिति स्पष्ट करेगी। रेलीगेयर सिक्योरिटीज के खुदरा शोध विभाग के कार्यकारी उपाध्यक्ष राजेश जैन ने कहा कि मौजूदा समय में बाजार की धारणा नकारात्मक बनी हुई है। इसकी वजह उन्होंने निफ्टी के स्तर से नीचे आने को बताया है।

रूपये की विनिमय दर में तीव्र गिरावट तथा भारत-मारीशस कर संधि की समीक्षा को लेकर ताजा आशंका पैदा हुई है कि इससे विदेशी निवेशक पूंजी की निकासी बढा सकते हैं। जब तक कि सामान्य कर परिवर्जन निरोधक नियम को लेकर स्पष्टता नहीं बनती है बाजार में कुछ बिकवाली दबाव देखने को मिल सकता है। बंबई शेयर बाजार के सेंसेक्स में लगातार दूसरे सप्ताह गिरावट आई जो इस बार 350 अंकों से भी अधिक की गिरावट के साथ तीन माह के निचले स्तर 16,831 अंक के स्तर को छू गया। सरकार के यह कहने पर कि वह मारीशस के साथ कर संधि की समीक्षा करने पर विचार कर रही है। बंबई शेयर बाजार का सूचकांक तीन महीने में पहली बार 320 अंकों की गिरावट के साथ महत्वपूर्ण 17,000 अंक के स्तर से नीचे बंद हुआ।

बाजार सू़त्रों के अनुसार दो महत्वपूर्ण कारक हैं जो मुख्यत: बाजार को गंभीर रूप से प्रभावित कर रहे हैं। पहला तो पिछले कुछेक सप्ताह में रूपये का भारी अवमूल्यन होना है। दूसरा जीएएआर को अमल में लाए जाने को लेकर भ्रम है। ज्यादातर विदेशी संस्थागत निवेशक भारतीय शेयर बाजार में मारीशस के रास्ते निवेश करते हैं और मौजूदा दोहरे कराधान रोधी संधि का फायदा लेते हैं। इस बीच भारतीय रूपया शुक्रवार को अमेरिकी डॉलर के मुकाबले छह पैसे की गिरावट के साथ 53.47-48 रूपये प्रति डालर पर बंद हुआ। बाजार विशेषज्ञों ने कहा कि अमेरिका में बाजार गिरावट के साथ बंद हुए। जिसके कारण घरेलू शेयर बाजार में कमजोर शुरूआत देखने को मिल सकती है।
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