संजीव चतुर्वेदी को मिला रेमन मैगसेसे अवार्ड

By: Team Aapkisaheli | Posted: 29 July, 2015

संजीव चतुर्वेदी को मिला रेमन मैगसेसे अवार्ड
नई दिल्ली। पूर्व चीफ विजिलंस ऑफिसर संजीव चतुर्वेदी को आज रेमन मैगसेसे अवॉर्ड से सम्मानित किया गया। इस अवॉर्ड की एशिया में अच्छी प्रतिष्ठा है। इसे गवनें№स और पब्लिक सर्विस में उत्कृष्ट योगदान के लिए दिया जाता है। अवार्ड मिलने के बाद संजीव ने मोदी सरकार पर निशाना साधते हुए उन्होंने आरोप लगाया और कहा कि मैं प्रधानमंत्री ऑफिस की कार्यपद्धति से बेहद निराश हूं।

पीएम ने भ्रष्टाचार के खिलाफ क़डा संदेश दिया था। मैंने नीतियों के मामले में जीरो टॉलरेंस पर काम किया। एम्स में मैं इसी नीति पर काम कर रहा था लेकिन हटा दिया गया। संजीव चतुर्वेदी ने कहा कि प्रधानमंत्री ऑफिस हरियाणा और एम्स में भ्रष्टाचार को लेकर गंभीर नहीं है। उन्होंने कहा कि यदि ऎसा होता तो पीएमओ से भ्रष्टाचार के खिलाफ जो ब्यूरोक्रेट ईमानदारी से ल़ड रहे थे उन्हें प्रोत्साहन मिलता। संजीव ने कहा कि निष्पक्ष न्यायपालिका की बदौलत ही मैं गुजारा कर पाया। आपको यह भी ज्ञात होगा कि मोदी सरकार द्वारा संजीव चतुर्वेदी को पद से हटाने के बाद दिल्ली में अरविन्द केजरीवाल सरकार ने संजीव चतुर्वेदी को दिल्ली सरकार में उनकी सेवाएं देने की मांग की थी लेकिन केन्द्र ने केजरीवाल की इस मांग को ठुकरा दिया था।

संजीव चतुर्वेदी का जन्म 21 दिसंबर 1974 को हुआ। उन्होंने एनआईटी इलाहाबाद से 1995 में इलेक्ट्रिकल इंजीनियर की डिग्री हासिल की। 2002 के आईएफएस के नतीजों में संजीव को दूसरा रैंक प्राप्त हुआ था और उन्हें ट्रेनिंग के दौरान भी बेस्ट ट्रेनी के तौर पर सम्मानित किया गया था। वे दूसरे सविं№ग ब्यूरोक्रेट हैं, जिन्हें इस सम्मान से नवाजा गया है। इससे पहले किरण बेदी ने यह उपलब्धि हासिल की थी। 2002 बैच के भारतीय वन सेवा के अधिकारी संजीव चतुर्वेदी की छवि क़डक और ईमानदार अधिकारी के तौर पर रही है। संजीव ने 2007-08 में झज्जर में एक हर्बल पार्क के निर्माण में हुए घोटाले का पर्दाफाश किया, जिसमें मंत्री और विधायकों के अलावा कुछ अधिकारी भी शामिल थे। हरियाणा में सेवा में रहते हुए संजीव के 12 तबादले किए गए थे। इस दौरान, संजीव पर भी कई संगीन आरोप लगे थे। संजीव की पत्नी ने भी उन पर दहेज प्रत़ाडना के मामले में शिकायत की थी। इसके बाद उनका तलाक हो गया था। 2009 में संजीव पर वन अधिकारी की मौत मामले में भी उस अधिकारी को प्रताч़डत करने के आरोप लगे थे, जिसमें उन्हें बाद में क्लीन चिट मिली थी।

2010 में उन्होंने राज्य सरकार से तंग आकर केंद्र में प्रति नियुक्ति की अर्जी दी थी। दिल्ली के अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) में सीवीओ पद पर रहते हुए भी संजीव ने भ्रष्टाचार के कई मामलों को उजागर किया था। जून 2012 में संजीव को एम्स का उपनिदेशक बनाया गया था। साथ ही उन्हें मुख्य सतर्कता अधिकारी का भी अतिरिक्त प्रभार दिया गया था। इसके बाद उन्होंने एम्स से जु़डे भ्रष्टाचार के कई मामलों का खुलासा किया था। 2014 में संजीव को एम्स के सीवीओ यानी मुख्य सतर्कता अधिकारी के पद से हटा दिया गया। आज उसी संजीव चतुर्वेदी को रेमन मैगसेसे अवॉर्ड से सम्मानित किया गया। इस अवॉर्ड की एशिया में अच्छी प्रतिष्ठा है। अवार्ड पाने के बाद उनके मन की बात जुबां पर आ ही गई और उन्होंने नरेन्द्र मोदी सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि मैं पीएमओ के कामकाज से निराश हूं।

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