सिफारिश नहीं, क्रिकेट से मिला यह मुकाम : सचिन

By: Team Aapkisaheli | Posted: 05 Jun, 2012

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सिफारिश नहीं, क्रिकेट से मिला यह मुकाम : सचिन
नई दिल्ली। वीआईपी सत्कार के बीच सोमवार को क्रिकेटर सचिन तेंदुलकर ने सभापति हामिद अंसारी के कक्ष में जाकर राज्यसभा के मनोनीत सांसद की शपथ ले ली। शपथ लेने के बाद पत्नी अंजलि के साथ उन्होंने राज्यसभा में अपनी सीट भी देखी। संसद भवन दिखा रहे सचिवालय के अधिकारियों से अंजलि ने यह सवाल पूछ ही लिया कि क्या अभिनेत्री रेखा और सचिन पास-पास ही बैठेंगे। जब उन्हें बताया गया कि सभी मनोनीत सांसद साथ-साथ ही बैठते हैं तो अंजलि अपने पति सचिन तेंदुलकर की ओर देखकर मुस्करा दीं। सचिन भी इस पर मुस्कराए बिना नहीं रहे। अंजलि ने यह जानने में भी दिलचस्पी दिखाई कि अभिनेत्री जया बच्चन राज्यसभा में कहां बैठती हैं। सचिन तेंदुलकर शपथ लेने के लिए सबसे पहले संसदीय कार्य राज्यमंत्री राजीव शुक्ला के निवास पर पहुंचे। यहां से वह उनके ही साथ संसद भवन पहुंचे। संसद भवन के मुख्य द्वार पर दूसरे संसदीय कार्य राज्यमंत्री हरीश रावत ने उनकी अगवानी की। ग्यारह बजे उन्होंने सभापति हामिद अंसारी के कक्ष में हिंदी में शपथ ली। मंत्री हरीश रावत के मुताबिक तेंदुलकर ने मंझे हुए व्यक्ति की तरह शपथ ली और ऎसा लगा कि वह शपथ के लिए पूरी तैयारी करके आए थे। तेंदुलकर के शपथ लेने के वक्त सभापति के कक्ष में दोनों संसदीय कार्य राज्यमंत्री हरीश रावत व राजीव शुक्ला, प्रधानमंत्री कार्यालय में राज्यमंत्री नारायण सामी और सपा नेता रामगोपाल यादव उपस्थित थे। इस मौके पर कांग्रेस सांसद नरेंद्र बुढानिया और भाजपा के पूर्व सांसद प्रदीप गांधी भी मौजूद रहे। शपथ लेने के बाद तेंदुलकर सभापति हामिद अंसारी के साथ थोडी देर रहे और उन्होंने कहा कि वह क्रिकेट और संसद के कामकाज के बीच तालमेल बिठाने की कोशिश करेंगे। इससे पहले उन्होंने राज्यसभा के महासचिव विवेक कुमार अग्निहोत्री से संसद की कार्यवाही और कामकाज के बारे में जानकारी ली। शपथ लेने के बाद वह संसद भवन घूमे। सेंट्रल हॉल भी गए। जब तक तेंदुलकर संसद भवन में रहे उन्हें पूरे समय संसद भवन के सुरक्षा कर्मी घेरे रहे। इस दौरान संसद भवन में काम करने वाले कर्मचारी बडी संख्या में तेंदुलकर की झलक पाने के लिए सभापति के कक्ष के बाहर जमा हो गए थे। संसद भवन घूमने के बाद तेंदुलकर राज्यसभा के प्रवेश द्वार यानि 12 नम्बर दरवाजे से बाहर आए। आने से पहले ही तेंदुलकर ने मीडिया को संदेश भिजवा दिया कि वह राज्यसभा सांसद बनने के विषय में बोलेंगे अवश्य पर उनसे कोई सवाल नहीं किया जाएगा। हुआ भी ऎसा ही। उन्होंने किसी सवाल का जवाब नहीं दिया। उन्हें जितने भी सवालों का जवाब देना था वह राज्यसभा टीवी को उन्होंने विशेष बातचीत में दे दिए। उन्होंने सांसद बनने पर खुशी जाहिर करते हुए कहा कि क्रिकेट उनकी प्राथमिकता है और इसकी वजह से ही वे यहां तक पहुंचे हैं। संसदीय कार्य राज्यमंत्री ने कहा कि उन्हें विश्वास है कि जिस तरह से तेंदुलकर ने खेल में अपनी महानता का परिचय दिया है, संसद में भी देंगे। वह ऎसा इसलिए कह रहे हैं क्योंकि तेंदुलकर ने संसद भवन आकर यहां की पूरी प्रक्रिया को बहुत बारीकी से समझने का प्रयास किया है। सचिन तेंदुलकर के शपथ ग्रहण के मौके पर गैर कांग्रेस दल से सिर्फ सपा के नेता रामगोपाल यादव को ही बुलाया गया था। इससे फिर ये कयास लगाए जाने लगे हैं कि क्या सपा नेता को राज्यसभा का उपसभापति बनाया जा रहा है। उपसभापति का पद काफी दिनों से खाली है। इस पद पर रहे कांग्रेस सांसद रहमान खान का कार्यकाल समाप्त हुए काफी समय हो चुका है। तेंदुलकर के शपथ ग्रहण के मौके पर राज्यसभा की कार्यवाही का सबसे ज्यादा संचालन करने वाले पीजे कूरियन को भी नहीं बुलाया गया था, जबकि पिछले दिनों सपा के एक सांसद ने संसद में कार्यवाही के दौरान कहा था कि उनका दल कूरियन को उपसभापति के तौर पर देखना चाहता है। तेंदुलकर के शपथ ग्रहण में अपनी उपस्थिति के बारे में सपा नेता रामगोपाल यादव ने इस संवाददाता को बताया कि उन्हें संसदीय कार्य राज्यमंत्री ने आमंत्रित किया था। तेंदुलकर जैसे व्यक्ति का शपथ ग्रहण था और वह उनके ही सदन के सदस्य बने हैं, इसलिए वह आ गए।
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