राजस्थान पेट्रोल डीलर अडे, न तेल मिला न गैस, सरकार को लगा 14 करोड का चूना
By: Team Aapkisaheli | Posted: 07 May, 2012
जयपुर। सरकार और पेट्रोलियम डीलर्स के बीच हुए विवाद का खामियाजा प्रदेश की जनता को उठाना पड रहा है। लोग परेशान हैं, किसी को रसोई गैस नहीं मिल रही है तो कोई बिना तेल के गाडी घसीट रहा है। सोमवार सुबह से ही पेट्रोल पंपों पर लोग आते रहे, लेकिन निराश होकर वापस लौट गए। पेट्रोलियम डीलर्स सिक्यूरिटी राशि में किए गए 50 गुना इजाफे का विरोध कर रहे हैं। उधर, खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री परसादीलाल मीणा के सरकार को हडताल की सूचना नहीं देने की बात पर पेट्रोलियम डीलर्स का कहना है कि उन्होंने 15 दिन पहले ही सरकार को हडताल के बारे में सूचित कर दिया था। 1990 में चले खाडी युद्ध के समय सरकार ने पेट्रोल पंपों पर 1000 रूपए की सिक्यूरिटी राशि लगाई थी। इसके बाद अब जाकर इस राशि में इजाफा हुआ और इसे बढा कर 50 हजार रूपए कर दिया गया। राजस्थान पेट्रोलियम डीलर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष सुनीत बगई का कहना है कि सिक्यूरिटी राशि पेट्रोलियम एक्ट का हिस्सा है, जबकि सरकार ने बिना गजट नोटिफिकेशन इसमें इजाफा कर दिया। प्रदेश में हर रोज करीब 15 लाख लीटर पेट्रोल और 1 करोड 50 लाख लीटर से ज्यादा डीजल की खपत होती है। इसमें पेट्रोल पर 28 फीसदी और डीजल पर करीब 18 फीसदी स्टेट टैक्स लागू होता है। मौटे तौर पर पेट्रोल और डीजल की बिक्री से राज्य सरकार को 14 करोड रूपए का राजस्व मिल रहा है। हडताल के चलते इस राजस्व पर चोट पहुंचेगी। इधर तेल कम्पनी एचपीसीएल, बीपीसीएल और आईओसी के छह पेट्रोल पंप हडताल के दौरान भी खुले रहेंगे। इसमें विद्याधर नगर में एचपीसीएल, शास्त्रीनगर में एचपीसीएल, सहकार मार्ग पर बीपीसीएल और आईओसीएल तथा सांगानेर स्थित बीपीसीएल के पेट्रोल पंप खुले रहेंगे। खाद्य एवं आपूर्ति विभाग के प्रमुख सचिव जेसी मोहंती ने बताया कि राज्य स्तरीय समन्वय समिति के गुरूमीत सिंह को बता दिया गया है कि सरकार को बिना बताए हडताल की गई, तो एसेंशियल कमोडिटी एक्ट के तहत कार्रवाई की जाएगी।